Wrong Number - 11 in Hindi Love Stories by Madhu books and stories PDF | Wrong Number - 11

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Wrong Number - 11




कुछ दिन तक याचना के साथ रुक अयाची वापस आ गया था l याचना और सामर्थ्य काल और मेसेज के जरिये बात हुई ओफ़िस में उन दोनों कभी मुलाकात नहीं हुई l दोनों अब काफ़ी सहज हो गये लेकिन दोनों हि एक दूसरे से बिल्कुल अन्जान थे यहा तक नाम और पता भी नहीं जानते थे l शिखर और सामर्थ्य दोनों हि अभी इसी शहर में हि थे l उधर अर्जुन भी अपनी हि दुनिया में मग्न था गाहे बगाहे उसे मैत्री कि याद आ जाती थी उसे देखने कि तलब उठती थी l लेकिन मिलने नहीं गया l उसका सादगी और दर्द से भरा चेहरा उसकी निगाहो में कैद थी l अयाची याचना के साथ रुक अर्जुन से मिलने गया l अर्जुन मैत्री के साथ हुये वाक्ये को बताया अयाची को बुरा लगा जानकर मैत्री कि हालत l अयाची अर्जुन कि मनोदशा अच्छे से समझ रहा था उसकी बैचेनी उसकी झटपटाहट सभी कुछ l मन में सोचने लगा था कि यदि नियती में होगा तो दोनों दोबारा जरुर मिलेगे l मैत्री तो अपनी दर्द भरी ज़िन्दगी से बाहर हि ना आई थी वो वैसी कि वैसी थी l चन्द्रा और अयाची दोनों हि अपने अपने जज्बातो के साथ जी रहे थे l इसी तरह एक महिने बीत गये थे l


शाम का वक़्त....

याचना और चन्द्रा कमरे कुछ बाते कर रहेथे कि इतने में याचना का फोन वाइब्रेट हुआ l चन्द्रा के चेहरे पर कुछ भाव आकर गुजर गये l

हा दादा कैसे हो आप सब घर पर बढिया है मम्मी पापा तो ठीक है ना? एक सांस में याचना सब पूछ गई

उधर से आवाज आई ...

हा मै ठीक हूँ बच्चा यहा भी सब ठीक है! उसकी आवाज कुछ भारी सी हो गई थी l बच्चा सुन तुझे मै कल सुबह लेने आ रहा हूँ तैयार रहना बिन याचना का जवाब लिये हि अयाची ने फोन कट कर दिया l

हैं? ये दादा को क्या हुआ इतनी जल्दबाजी में फोन क्यों रख दिया? उंगली धरे माथे पर सोचने लगी l

पीछे से चन्द्रा उसके चपत रख दि पागल लडकी उन्हें कुछ काम होगा तभी रख दिये होंगे l वैसे क्या कहा?

तू मारा मत कर तू दादा को उन्हें क्यों कह रही है तू कभी दादा को मेरी तरह दादा क्यों नहीं कहती भौओ को ऊपर के बोली!

मै क्यों बोलु दादा वादा मुझे नहीं कहना है समझी तू अब चुप कर अब बता क्या बोले तेरे दादाआ?

याचना चन्द्रा को छोटी छोटी आँखो से घूरने लगी मन में कुछ तो गडबड है पता लगा कर रहुगी चन्द्रा मैडम!

कुछ नहीं दादा बोल रहे थे कि मुझे लिवाने आ रहे है lवैसे चन्दू दादा अभी पिछले महिने तो मुझसे मिलकर गये थे फिर इतनी जल्दी क्यों आ रहे हैं?

अरे यार अब ये कहा लिखा कि पिछले महिने आय थे तुझसे मिलने अब नहीं आ सकते है तू उनकी प्यारी बहना है उनका जब मन करेगा तब आ जायेगे मिलने l तू उनके लिए क्या है मुझसे बेहतर जानती है l

अरे मै अच्छे से जानती हूँ उनका इस तरह जल्दी आना कुछ अटपटा सा लग रहा है l

अब तू ज्यादा जासूस मत बन जब आयेगे पूछ लेना l वैसे तू छुट्टी के एप्लिकेशन देगी कि नहीं या कल देगी अपने दादा के आने के बाद l

दादा आ जायेगे कितने दिन के लिए ले जा रहे है उस हिसाब से लुगी ना l चन्दू सुन ना तू आज यही रुक जा ना मै आन्टी को बता दुगी तू मेरे साथ है l

ठीक है बता दे कहकर याचना के बिस्तर पर चन्द्रा पेट के बल लेट गई l

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सामर्थ्य आज अनन फ़नन में अपने घर के लिये निकल गया था उसके डैड कि फोन था उसे तत्काल अपने पास बुलाया था l उसके डैड कि बात कोई नहीं टाल सकता था उनका रुतबा कुछ अलग हि था सब रौब से रखते थे खुद कि हुकुमत घर पर चलाते थे l
शिखर को एक मेसेज डालकर फ़ौरन हि सामर्थ्य अपने घर उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में जो उसका पैतृक था,,,निकल गया था l




क्रमशः!!