Honesty in Hindi Short Stories by सीमा books and stories PDF | ईमानदारी

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ईमानदारी

सच्चाई व ईमानदारी
 
एक मिस्त्री किसी गांव में काम करने गया, लेकिन वह अपने औजारों में हथौड़ा साथ ले जाना भूल गया । उसने गांव के लोहार के पास जाकर कहा, 'मेरे लिए एक अच्छा सा नया हथौड़ा बना दो ।
 
मेरा हथौड़ा भूलवश घर पर ही छूट गया है।' लोहार ने कहा, 'बना दूंगा पर तुम्हें दो दिन इंतजार करना पड़ेगा । हथौड़े के लिए मुझे अच्छा लौहा चाहिए । वह कल मिलेगा ।'
 
दो दिनों में लोहार ने मिस्त्री को हथौड़ा बना कर दे दिया । हथौड़ा वाकई में अच्छा था । मिस्त्री को उससे काम करने में काफी सहूलियत महसूस हुई । मिस्त्री की सिफारिश पर एक दिन एक ठेकेदार लोहार के पास पहुंचा ।
 
उसने हथौड़ों का बड़ा ऑर्डर देते हुए यह भी कहा कि 'पहले बनाए हथौड़ों से अच्छा बनाना ।' लोहार बोला, 'उनसे अच्छा नहीं बन सकता । जब मैं कोई चीज बनाता हूं तो उसमें अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखता, चाहे कोई भी बनवाए ।'
 
धीरे - धीरे लोहार की प्रसिद्धि चारों तरफ फैल गई । एक दिन बड़े शहर से एक बड़ा व्यापारी आया और लोहार से बोला, 'मैं तुम्हें डेढ़ गुना दाम दूंगा, शर्त यह होगी कि भविष्य में तुम सारे हथौड़े केवल मेरे लिए ही बनाओगे । हथौड़ा बनाकर दूसरों को नहीं बेचोगे ।'
 
लोहार ने इनकार कर दिया और कहा, 'मुझे अपने इसी दाम में पूर्ण संतुष्टि है । अपनी मेहनत का मूल्य मैं खुद निर्धारित करना चाहता हूं। आपने फायदे के लिए मैं किसी दूसरे के शोषण का माध्यम नहीं बन सकता ।
 
आप मुझे जितने अधिक पैसे देंगे, उसका दोगुना गरीब खरीदारों से वसूलेंगे । मेरे लालच का बोझ गरीबों पर पड़ेगा, जबकि मैं चाहता हूं कि उन्हें मेरे कौशल का लाभ मिले। मैं आपका प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर सकता ।'
 
सेठ समझ गया कि सच्चाई और ईमानदारी महान शक्तियां हैं । जिस व्यक्ति में ये दोनों शक्तियां मौजूद हैं, उसे किसी प्रकार का प्रलोभन अपने सिद्धांतों से नहीं डिगा सकता ।