Wrong Number - 10 in Hindi Love Stories by Madhu books and stories PDF | Wrong Number - 10

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Wrong Number - 10

चन्द्रा मन में......अब तुझे क्या बताऊ तेरे दादा मेरे दिल में कब बस गये मुझे भी नहीं पता चला काश उनसे मिलना होता!!
चिढने कि कोई खास वजह नही है बस जब तू मेरे साथ हुआ कर तो मेरी रहा कर ना कि अपने दादा कि समझी तू मेरे वक़्त पर तुझ पर मेरा अधिपत्य है l

हाय मेरी हिरोईन इणा परेम हाय मरजावा मुस्कुराने लगी चन्द्रा के गले लग गई l वैसे हिरोईन ये बता मैनू तो मणे इतना परेम करे है

तो.... आगे बोल l

तो क्या तू फिर अपने उनसे क्या परेम करेगी कहकर इस बार जोरो से हस कर भाग ली l

याचू रुक तू आज तो मै तुझे छोडोगी नहीं
रुक तू भाग क्यों रही है ll


किसी के दरवाजे खटखटाने कि आवाज आई तो चन्द्रा अपनी यादो से बाहर आई l देखा उसके गालो पर आन्सुओ कि लकीरे बनी थी जल्दी से जाकर मुहँ धुला तौलिये से अपना मुँह पोछते हुये दरवाजा खोली

चन्द्रा आश्चर्य से मम्मी आप इतनी रात को क्या हुआ जो यहा आना पडा आपको ,,काल कर लेती l

तू बता मैनू इत्ती रात को दौरे पडते है क्या लाईट खुली है बडबडाने कि आवाज आ रही है तेरे पापा को कम सुनाई देता है मुझे तेरी इतनी सी भी आहट भी सुनाई दे जाती है अब बता क्या बात है घूरती आंखों से पूछती है l

अरे यार मम्मी आपना घूरा मत करो इतनी प्यारी सी बेटी को भला कोई घूरता है प्यार करता है प्यार करता है आन्खे तरेर कर बोली l

बेटा ऐसा है ना हम तुमाई मम्मी है और हमको थप्पड़ लगाने में कतई देरी ना लगायेगे और ई आन्खे कहा से तरेरना सीखी हो l इतनी बड़ी हो गई सहुर तनिक भी नहीं है पता नहीं ओफ़िस में तुम काम कैसे करती हो हमको तो कभी कभी शक होता है कि तुम काम वाम ढन्ग से करती भी हो की नहीं l

यार मम्मी तुम कतई बवाल हो यहा लोग अपनी बच्चो कि बढाई करते हैं और एक आप हर काम में नुक्स पर नुक्स निकालती हो l इत्ती रात में आप लेक्चरर दे रहो मेरी और आपकी कट्टी रुठ कर बैठ गई बेड पर l

बेटा तुम दूध पीती बच्ची नहीं हो इस साल पूरे पच्चीस कि हो जाओगी l

यार मम्मी अब बस भी करो नहीं तो मै पापा को बोल दुगी कि आप मुझे फिर से घिसे पिटे डायलोग बोल रही थी
शैतानी मुस्कान लिये मुस्कुरा पडी l

एक चपत लगा दी गाल पर चन्द्रा के चुप कर पापा कि चमची l अब चुपचाप सो जा प्यार से चन्द्रा का सिर सहला कर चली गई l
चन्द्रा और चन्द्रा कि मम्मी का बान्ड ऐसा हि था ढेरो बातो संग बहस बाजी भी होती है एक दूसरे की जान भी l

कुछ वक़्त बाद चन्द्रा कुछ सोच कर मुस्कुरा दि और नीन्द के आगोश में चली गई l

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सुबह सूरज कि किरणे याचना के चेहरे पर पड़ने से उसकी आंख खुल गई l खिडकी ऐसी थी कि सीधा सूरज की रौशनी कमरे में पडती है l
अभी वो अलसाई सी बेड पर पडी थी की उसका फोन वाईब्रेट हुआ देखा....

गुड मोर्निग मिस अननोन मुस्कराहट वाली ईमोजी के साथ मेसेज था l

मेसेज देखते हैं याचना के होठ मुस्कुरा पडे l

गुड मोर्निग !! लिखकर भेज दी l

फ़्रेश होने चली गई!!


जारी है!
स्वस्थ रहिये खुश रहिये!!