struggle is life in Hindi Motivational Stories by Karunesh Maurya books and stories PDF | संघर्ष ही जीवन है

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संघर्ष ही जीवन है

जो मुश्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाव में छाला होगा, बिना संघर्ष के इंसान चमक नहीं सकता जो जलेगा उसी दिए में उजाला होगा। संघर्ष… क्यों बचे संघर्ष से, संघर्ष ही तो जीवन की आत्मा है जितना कठिन संघर्ष होगा उतनी ही शानदार जित होगी। एक बार एक किसान भगवान से बहुत ही नाराज़ हो गया। किसान बहुत मेहनती था बहुत मेहनत से वह खेतो में आनाज उगाता उसकी देखभाल करता पर अक्सर उसकी फसल ख़राब हो जाती। कभी सूखा पड़ जाता कभी भाड़ आ जाती कभी तेज़ धुप कभी आंधी कोई न कोई कारण बन ही जाता की उसकी फसल ख़राब हो जाती। एक दिन वह किसान गुस्से में आसमान की ओर देखकर भगवान से कहा हे ईश्वर आपको लोग सर्वज्ञाता मानते है, मानते है की आप सब जानते है कहते है की आपके इच्छा के बिना एक भी पत्ता नहीं हिलता पर मुझे तो लगता है की आप छोटी सी छोटी बात भी नहीं जानते। आपको तो ये भी नहीं पता की खेती-बाड़ी कैसे करते है अगर आप जानते होते तो हर समय जो बाढ़, आंधी और तूफान आते है वो कभी नहीं आते। आप नहीं जानते की कितना नुकशान उठाना पड़ता है हम किसानो को। यदि आप मेरे हाथ में यह शक्ति दे दे की जैसा मैं चाहू वैसा मैं मौषम कर दूँ फिर आप देखना मैं अन्य के भंडार लगा दूंगा भगवान इस किसान के तीखे वाक्य सुनकर मुश्कुरा रहे थे और वह किसान के सामने प्रगट होकर बोले “मैं आज से तुझे यह शक्ति देता हूँ की तुम अपनी खेतो पर तुम्हरी जैसी इच्छा ही तुम वैसा मौषम कर दोगे, मैं बिलकुल भी दखल नहीं दूंगा तुम्हारी इच्छा से सबकुछ होगा किसान बहुत खुश हो गया। किसान ने गेहूं की फसल अपनी खेतो में बोई। जब उसे लगा की खेतो को धुप चाहिए तो खेतो को धुप मिले, जब पानी बरसना चाहिए तभी पानी बरशा, आधी, तूफान, बाढ़ कुछ भी उसने अपने खेतो पर आने नहीं दिया किसान के खेत में इस वर्ष ऐसी फसल हुयी जैसी कभी नहीं हुयी थी। हरी-भरी लहलहाती फसल मन ही मन वह बहुत खुश हो गया और सोचने लगा अब सबूत के साथ दिखाऊंगा भगवान को की इसे कहते है शक्ति का सही उपयोग मेरी सफलता देखकर उन्हें अपनी नियम जरूर बदलने पड़ेंगे। कुछ दिन गुजरे फसल कटने को तैयार हो गए। किसान बहुत उक्सुकता के साथ फसल को काटने लगा पर जैसे ही उसकी नज़र गेहू की बालियों पर गया तो उसने अपना सिर पिट लिया और वह रोने-चिल्लाने लगा। गेहू की एक भी बाली के अंदर गेहू का दाना नहीं था सारी बालिया अंदर से खाली थी। किसान बहुत दुखी हो गया उसने भगवान को रोते हुए फिर पुकारा “हे प्रभु तुमने ये मेरे साथ क्या किया क्या तुमने मुझे कोई सजा दी” भगवान बोले “पुत्र ये तो होना ही था तुमने पौधों को संघर्ष करने का मौका ही कहा दिया ना तो तुमने उन्हें आँधियो से जूझने दिया ना तेज बारिश से सहने दिया और ना ही धुप में तपने दिया। एक भी चुनौती का सामना तुमने उन्हें नहीं करने दिया इसीलिए सारे पौधे अंदर से खोखले रह गए। जब आंधी, तूफान, तेज बारिश, और धुप पड़ती है तभी ये पौधा अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करते है और इसी संघर्ष से एक बल पैदा होता है जिसमे शक्ति होती है ऊर्जा होती है और यही ऊर्जा पूर्ति तेरे गेहू के दानो की तरह जो नहीं फूटी तूने उन्हें कठिन परिस्थितियों से गुजरने ही नहीं दिया जहा उनके अस्तित्व का जन्म होता। सारे बालियाँ इसीलिए खाली है इसमें एक भी गेहू का दाना इसलिए नहीं है क्योकि तुमने अपने पौधों को संघर्ष कराया ही नहीं। याद रखिये स्वर्ण में सवर्णीय आभात तभी आती है जब वह आग में तपने, गलने और हथौड़े से पीटने जैसे संघर्षो से गुजरता है। कोयले का टुकड़ा हिरा तभी बनता है जब वह उच्च दाब और उच्च ताप की मुश्किल परिस्थितियों से गुजरता है इसी तरह यदि हमारी जिंदगी में कोई संघर्ष ही ना हो कोई चुनौती ही ना हो तो हम भी गेहू की बालियों की तरह खोखले रह जायेंगे कोई अस्तित्व नहीं होगा हमारा। विपरीत परिस्थितिया, चुनौतियां, समस्याएं हमें और अधिक निखारती है यदि जीवन में कठिन परिस्थितिया और चुनौतियां आये तो घबड़ाना मत बल्कि सामना करना। विस्वाश करना की आप और अधिक निखर जाओगे और अधिक मजबूत बन जाओगे।

किसी ने कितना सही कहा है “जिंदगी जीना आसान नहीं होता बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता जब तक ना पड़े हथौड़े की चोट तब तक पत्थर भी भगवान नहीं होता”