THE FINAL DESTINATION - 5 in Hindi Horror Stories by DINESH DIVAKAR books and stories PDF | द फाइनल डेस्टिनेशन - 5

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द फाइनल डेस्टिनेशन - 5

अब तक......
राघव और उनके दोस्त एक एडवेंचर पर जाने का फैसला करते हैं जिसके बाद उनके साथ अजीब अजीब घटनाएं होने लगती है और सब मारें जातें हैं।
अब आगे......

राघव का शरीर उस जलते हुए ट्रक से दब गया और उसका हाथ कटकर उस पुस्तक पर जा गिरा वह पुस्तक खून से सना गया उस पुस्तक का नाम था द फाइनल डेस्टिनेशन

राघव चीखा- नहीं, वह हड़बड़ा कर बिस्तर से गिर पड़ा उसका शरीर पसीना पसीना हो गया वह अपने आप को देखने लगा, वह सही सलामत है मतलब वो सपना था वह बिस्तर पर बैठ गया टेबल पर रखें पानी के गिलास को उठाकर धीरे धीरे पीने लगा।

तभी कृति उस कमरे में आई और बोली- हे राघव तुम अभी तक तैयार नहीं हुए, कमान यार हम लेट हो जाएंगे। कृति राघव के गोद में बैठ कर उसके बालों को सहलाते हुए बोली।

राघव चिंतित स्वर में बोला- यार कृति हमें इस एडवेंचर पर नहीं जाना चाहिए मुझे बुरे बुरे सपने आ रहें हैं, हम किसी और जगह चलते हैं ना !

कृति झुंझलाते हुए बोली- यार तुम उस घटना को भुल जाओ वो बस एक एक्सीडेंट था और उसे हुए तीन साल हो चुके है, तुम बेकार में डर रहे हों।

राघव बोला- शायद तुम सही बोल रही हो मुझे अब भुल जाना चाहिए, लेकिन कैसे मैं उसे भुला ही नहीं पा रहा हूं।

कृति मुस्कुराते हुए बोली- मेरे पास इसका इलाज है।

राघव - सच्ची बताओं क्या इलाज है ?

कृति शरारत भरी आवाज में बोली- हमारे पास बस बीस मिनट हैं 😉

राघव - बताओं तो क्या करने के लिए ! 🤔

ये करने के लिए कृति में कहकर राघव को अपने बाहों में भर लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और वो दोनों प्यार की गहराइयों में खो गए।

20 मिनट बाद

सभी अपने सामन पैक कर सोफे पर बैठे हुए थे सभी बहुत उत्साहित लग रहें थे की तभी बाहर से गाड़ी के हार्न बजने की आवाज आने लगी यह सुनकर वे चारों तेजी से घर से बाहर निकलें, सामने आदि एक सफेद रंग के स्कार्पियो गाड़ी में बैठा था उन चारों को देखकर आदि बोला - चलो दोस्तों चल कर धमाल मचाते हैं, चलों आज कुछ तुफानी करते हैं।

सभी तेजी से गाड़ी में बैठ ग‌ए। राघव आदि की बात में सहमति जताते हुए बोला - सही कहा यार चलों आज कुछ तुफानी करते हैं।

फिर राघव ने म्यूजिक प्लेयर को आन कर दिया और उसमें से एक गाना ' खोल दे दिल की खिड़की खोल दे दिल का डोर' चलाने लगा और उस गाने को एंजॉय करते हुए पांचों तेजी से अपने एंडवेंचर पर निकल जाते हैं।

बीच बीच में वे रुक कर ढाबे में चाय नाश्ता करते और फिर अपने सफ़र पर निकल जाते। सुबह से शाम हो गई फिर भी वे अपने मंजिल से एक घंटे की दूरी पर थे

आखिरकार वे वहां पहुंच ही गए वहां से आगे का रास्ता कच्चा और उबड़-खाबड़ था उन्होंने गाड़ी एक सुरक्षित जगह पर पार्क कर दिया और गाड़ी से बाहर आकर वहां का नजारा देखने लगा।

वाह क्या नज़ारा है चारों तरफ ऊंचे ऊंचे पहाड़ पर्वत झील झरने और दूर दूर तक फैले जंगल, सच में वहां का शांत खूबसूरत और मनोरम दृश्य मन में बस गया , सूरज की रौशनी को अब पर्वत रोक रही थी और धीरे-धीरे रौशनी कम होती जा रही थी।

तब आदि अपने मूछों पर ताव देते हुए बोला- तो अब बताओ ऐसा एडवेंचर पर कभी ग‌ए हों।

सानिया - कभी नहीं, ये एडवेंचर सच में काफी रोमांचक है।

आदि - अरे अभी तो शुरुआत है मेरी जानेमन अभी तो बहुत कुछ देखना बाकी है।

कृति- कुल, इस दृश्य को मैं कभी नहीं भुला पाउंगी सच में, थैंक्यू आदि।

आदि- ओह शुक्रिया 😊😎

राघव - तो रात होने वाली है हमें अपने सोने और खाने का इंतजाम कर लेना चाहिए।

फ्रेडी- हां वो झील के किनारे पर टेंट लगाना कैसा रहेगा।

राघव - वाव, फ्रेडी बहुत अच्छे, चलों वही पर अपने सामानों के ले चलते हैं।

सभी अपने अपने समान को पकड़ कर झील के किनारे पर आ जाते हैं। और अपने अपने टेंट वही लगा देते हैं फिर रात के डीनर का इंतजाम करने लगते हैं कुछ देर बाद डीनर करके वो झील के किनारे बैठ कर फायर जला देते हैं और अपने इंजीनियरिंग कालेज की यादों में खो जाते हैं।

कालेज में राघव का आज पहला दिन था वह अपना बैग पकड़े धीरे-धीरे कालेज में प्रवेश हुआ आंखों में स्टाइलिश चश्मा, इम्पार्टेंट ड्रेस और सर पर न्यू जेनरेशन स्टाइल के बाल वो अपने क्लास को ढूंढते हुए जाने लगा तभी एक क्लास से गुजरते हुए एक लड़की हाथ में पुस्तक पकड़े जिसका ध्यान कहीं और था उस क्लास से निकलीं और राघव से टकरा गई, वो कृति थी। दोनों की नजरें एक दूसरे पर पड़ी और दोनों ही झेंप गए और अपने नजरें झुका लिए, ये था पहले नजर का प्यार ( यार मेरे साथ ऐसा क्यों नहीं होता 🙄) खैर दोनों अपने अपने क्लास में चले गए।

आदि सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता हुआ बोला - तो भाई लोग ध्यान इधर देने का और मेरे बोलने के समय ज्यादा बक-बक न‌ई करने का

आदि की बातें सुन सभी उसकी ओर देखने लगे आदि अपने बैग में से उस नक्शे को निकालते हुए सामने रख दिया और बोला- तो भाई लोग मेरी बात ध्यान से सुनो क्योंकि मैं दोबारा नहीं बताने वाला इज दैट क्लीयर !

यस सर - सभी हंसते हुए बोले

आदि- तो हम कल सुबह से इस एडवेंचर पर निकलेंगे और उस तक पहुंचेंगे जहां आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है। तो वहां तक पहुंचने के लिए हमे तीन जगहों को पार करना होगा पहला है वो पहाड़ियां जिसके उस पार क‌ई सौ सालों से शांत पड़ा हुआ ज्वालामुखी और दूसरा है एक सघन जंगल जहां एक भी जानवर नहीं है फिर भी इसे खतरनाक बताया जाता है और तीसरी जगह हैं एनाकोंडा लैंड।

क्या एनाकोंडा लैंड- फ्रेडी चौंका

आदि- अरे चिल यार वहां छोटे छोटे सांप पाए जाते हैं जिनमें जहर नहीं होता। तो इस तीनो जगहों को पार करने के बाद हम पहुंचेंगे द फाइनल डेस्टिनेशन में जहां हमें उसे खोजना होगा उस जगह को ढूंढ पाना नामुमकिन तो नहीं लेकिन सरल भी नहीं है।

तो मेरे जवानों क्या तुम सब तैयार हो नया इतिहास रचने के लिए और इतिहास के पन्नों में अमर होने के लिए- आदि जोश में बोला।

तो चलों सब अपने अपने टेंट पर जाकर सो जाओ और कल एक न‌ए जोश के साथ हम इस एडवेंचर को पुरा करेंगे जिसका नाम है द फाइनल डेस्टिनेशन

सभी अपने टेंट पर जाने लगते हैं राघव भी अपने टेंट पर जाने लगता है तभी उसे वो नक्शा दिखाई देता है वो उसे खोलकर देखने लगता है उस नक्शे में पहाड़ पर्वत जंगल और एनाकोंडा लैंड का चित्र बना हुआ है।

लेकिन इसमें तो सिर्फ नक्शा बना हुआ है तो आदि को इसके बारे में इतना सबकुछ कैसे पता है 🤔

क्या वो पहुंच पाएंगे और पहुंच भी गए तो क्या वे सभी सलामत वापस आ पाएंगे ??

शेष अगले अंक में.....

®®®Ꭰɪɴᴇꜱʜ Ꭰɪᴠᴀᴋᴀʀ"Ᏼᴜɴɴʏ"✍️

तो यह भाग आपको कैसा लगा उम्मीद है आपको पसंद आया होगा मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा तो चलिए पढ़ते हैं इस कहानी का अगला भाग और जानते हैं आगे क्या हुआ....