THE FINAL DESTINATION - 4 in Hindi Horror Stories by DINESH DIVAKAR books and stories PDF | द फाइनल डेस्टिनेशन - 4

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द फाइनल डेस्टिनेशन - 4

अब तक........
राघव और उसके तीनों दोस्त दिल्ली पहुंच गए थे और वे उस अंजान नंबर के मदद से उस अस्पताल में पहुंचते हैं जहां आदि एडमिट है वहां जाकर उन्हें पता चलता है की आदि को कुछ नहीं हुआ है वो बस अपने दोस्तों को इंडिया बुलाने की योजना थी फिर वे पांचों एक होटल में जाना डीनर करते हैं फिर वापस आते समय राघव देखता है सामने से दो ट्रक उनके गाड़ी के बेहद करीब आ गए हैं वे ट्रक उनके गाड़ी को रौंदते हुए आगे निकल जाते हैं ।
अब आगे........

राघव जोर जोर से चिल्लाए जा रहा था- नहीं... नहीं ये दुबारा नहीं हो सकता, बताओ कोई हमें बचाओ....

तभी किसी ने राघव को जोर से हिलाया, राघव हड़बड़ाकर अपने आंखें खोली और चारों ओर देखने लगा वो अपने दोस्तों के साथ गाड़ी में बैठा था।

सभी दोस्त चिंतित स्वर में राघव से पुछने लगें- क्या हुआ राघव, तुम इतने जोर से क्यो चिल्ला रहें थे।

राघव अपने आप को शांत करते हुए बोला- अरे यार कुछ नहीं मैंने देखा अस्पताल वाली बात को लेकर फ्रेडी ने आदि को जान से मार डाला है। वह थोड़े मजाकिया स्वर में बोला वह नहीं चाहता था कि वो चारों भी तीन साल पहले के उस घटना को याद करके परेशान हों।

'अच्छा' आदि चिढ कर बोला - तो तुम क्यो चिल्ला रहे थे चिल्लाना तो मुझे चाहिए था !

इसलिए की उस स्टूपिड प्लान के लिए मैं तुम्हें मारना चाहता था लेकिन फ्रेडी ने सब किए कराए पर पानी फेर दिया- राघव नकली मुस्कान से मुस्कुराते हुए बोला।

अरे मैंने क्या किया मैं तो चुपचाप यहां बैठा हूं- फ्रेडी सकपकाते हुए बोला

कृति उनके बातों को टोकते हुए बोली- ओहो तुम तीनों फिर से शुरू हो गए।

राघव- अरे हम्मम तो बस......

कृति बीच में ही बोल पड़ी - अब कोई कुछ नहीं बोलेगा, अरे यार बाहर का नजारा देखो इतने सालों बाद ये नजारा दुबारा देखने को मिल रहा है और तुम लोग एक दूसरे की टांग खिंचने में लगें हुए हो।

राघव प्यार से मुस्कुराते हुए बोला - ओके माई लार्ड

सभी एक बार फिर हंस पड़े लेकिन राघव फिर एक बार उस तीन साल पहले हुए घटना में खो गया।

गाड़ी एक घर के सामने जाकर रूकी। सभी लोग गाड़ी से उतरकर अपना समान गाड़ी के डिग्गी से उतारने लगे। फिर आदि ने गाड़ी को उसके निर्धारित स्थान पर पार्क कर दिया, फिर वे अपने दोस्तों को लेकर घर के अंदर ले गया।

घर काफी ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन चार पांच लोगों के लिए काफी था वैसे भी आदि वहां अकेला ही रहता था। उसका पूरा परिवार मध्यप्रदेश में रहते हैं। आदि के अलावा उस घर में दो पति-पत्नी भी रहते थे जो वहां काम करते थे। 50 साल का नौकर रामु काका और उनकी पत्नी राघा बाई दोनों मिलकर घर का सारा काम करते। दोनों ही वहां नौकरी कर अपना पेट पालते थे घर के सामने ही उनका छोटा सा घर था जहां वे अपनी जिंदगी बिताते थे।

खैर आदि ने डोरबेल बजाया तो रामु काका ने दरवाजा खोला, आदि ने अपने दोस्तों से उनका परिचय करवाया फिर उन्हें बैठक रूम में ले गया। वहां पर रखें सोफे पर उन्हें बैठने का इशारा किया और रामु काका से काफी बनाने के लिए कहकर खूद भी सोफे पर बैठ गया।

थोड़ी ही देर में काफी बनके तैयार हो गई। वे पांचों काफी की चुस्कियां लेते हुए बात करने लगे। सबसे पहले सानिया बोल पड़ी- गाइस, हम तीन साल बाद एक साथ इकठ्ठा हुए हैं तो क्यो ना किसी एडवेंचर पर जाया जाए।

यह सुनकर राघव भी उत्साहित स्वर में बोला- वाव, दैट्स ग्रेट आइडिया। सच में तीन साल हो गए हमें किसी एडवेंचर पर ग‌ए हुए।

इस बात पर फ्रेडी और आदि ने भी हामी भर दी।

कृति- ठीक है तो फिर फाइनल रहा की हम एडवेंचर पर जाएंगे लेकिन याद रहें यह एडवेंचर हमारी सबसे बड़ी एडवेंचर हों।

फ्रेडी- तो फिर कहा चलें बस्तर के पहाड़ों और गुफाओं में या नीलगिरी पर्वत की चोटी पर...

राघव बोला - नहीं यार कोई ऐसी जगह जहां आज तक कोई पहुंच नहीं पाया हों, कठिनाइयों से भरा और एडवेंचर से भरपूर

कृति- तो तुम ही बताओ कहां जायेंगे हमें तो कुछ सूझ नहीं रहा...😢

तब आदि बोला - अरे यार कोई मुझसे भी पुछ लो आखिर मेरी ही वजह से हम लोग एक साथ इकठ्ठा हुए हैं 🙄

सानिया बोली- अच्छा बाबा तुम ही बताओ, अब तुम जहां बोलोगे हम वहीं जायेंगे।

आदि- ऐसे नहीं पहले हमारी दोस्ती की कसम खाओ चाहें कितनी भी मुसीबत आए हम वहां पहुंच कर ही रहेंगे तभी मैं बताऊंगा।

कृति- अरे यार ऐसे कैसे...

राघव बीच में बोला- ठीक है हम सभी वादा करते हैं जहां तुम बोलोगे हम वहीं जायेंगे।

सानिया- हां हम वादा करते हैं

सभी एक दूसरे के हाथ में हाथ रखकर वादा करते हैं। उसके बाद आदि खुश होते हुए उठा और किसी कैप्टन की तरह चलतें हुए बोला - तो हम जाने वाले हैं ऐसी जगह जहां आज तक शायद ही कोई पहुंच पाया हों वह जगह रहस्यों और कठिनाइयों से भरा हुआ है जहां केवल किस्मत वाले ही पहुंच सकते हैं।

कृति- वाव, ये जगह वाकई बहुत रोमांचक होगी।

आदि फिर बोला - हम जा रहे हैं 'द फाइनल डेस्टिनेशन' जी हां आप लोगों ने सही सुना ये ही वो जगह है जहां हमें जाना है।

सानिया- कुल नाम से ही काफी रहस्यमय लग रहा है।

कृति और फ्रेडी को भी वह नाम अच्छा लगा लेकिन राघव वह नाम सुनकर सोच में पड़ गया वह नाम उसे कुछ सुना सुना हुआ लग रहा था।

तभी आदि उठा और अपने कमरे से एक बैग ले आया और उसमें से एक पुस्तक को बाहर निकाला उस पुस्तक के बाहर लिखा था 'द फाइनल डेस्टिनेशन'

उस पुस्तक को राघव अपने हाथों में ले लिया और उसे ध्यान से देखने लगा उसे याद आया ये तो वही पुस्तक है जो राघव को तीन साल पहले उस जंगल वाले घटना में मिला था।

ये तो मुझे... राघव आगे कुछ बोलता उससे पहले ही आदि बोला- हां ये उसी कार से मिला तो जो उस नदी में बह गया था।

राघव चुप हो गया वह उनकी बातों में हा में हा मिलाने लगा फिर जब फाइनल हुआ की वे सभी कल उस एडवेंचर पर जाएंगे तब राघव आदि को एक कोने में ले गया- यार तुम्हें पता है ना ये पुस्तक मुझे उस श्मशान में मिला था फिर तुम कैसे यहां जाने के लिए बोल सकता है क्या पता ये कैसी जगह होगी।

तब आदि राघव से बोला - ओह कमाॅन राघव मैंने तीन साल तक सिर्फ इसी जगह जाने के लिए वेस्ट कर दिए, मैंने इस पुस्तक को पढ़ा और इसके बारे में पुराने साहित्यकारों से भी जानकारी इकठ्ठा किया जिससे यह पता चला यह जगह रहस्य से भरी हुई है और आज तक कोई इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाया है। तुम खामख्वाह चिंता कर रहे हों ।

राघव बोला- शायद तुम ठीक कह रहे हो मुझे उस बात को भुला देना चाहिए।

तो तुम तैयार हो- आदि बोला।

राघव- हां बिल्कुल

दोनों वापस बैठक रूम में आ जाते हैं आदि एक प्राचीन पन्ने पर छपे हुए एक नक्शे को टेबल पर रख दिया और बोला- ये देखो उस जगह पर जाने का नक्शा हम उस जगह से 1000 किलोमीटर दूर है वह जगह काली घाटी की पहाड़ियों के जंगलों के बीच में है।

तो तुम सब वहां जाने के लिए तैयार हो - आदि बोला

सभी एक साथ बोले- हां हम तैयार हैं

अब हम वहां पहुंच कर ही रहेंगे चाहें कुछ भी हो जाए, हम वादा करते हैं। आदि के साथ साथ सभी एक स्वर में बोले।

फिर सभी अपने कमरे में जाकर सोने लगते हैं तभी राघव को वह पुस्तक दिखाई दिया वह उस टेबल पर पड़ी थी राघव उसे लेकर अपने कमरे में आ गया और उस पुस्तक के पहले पन्ने को पलटा।

खूबसूरत पहाड़ियों और घने जंगलों का मनोरम दृश्य था और भी उसी से जुड़ी जानकारियां लेकिन यह तो किसी और भाषा में लिखा है। राघव उसे समझ ही नहीं पा रहा था सिर्फ चित्र ही समझ में आ रहें थे।

राघव पुस्तक बंद करके कुछ ही पलों में गहरी नींद में सो गया।
तभी उस पुस्तक का पन्ना पलटा और उसमें मातृभाषा में कुछ शब्द लिखाया और वो था - मौत की दुनिया में तुम्हारा स्वागत है।

सुबह हुई सभी तैयारियों में जुट गए अपने अपने बैग पैक कर लिए और एक हफ्ते के खाने पीने का भी समान पैक हो गया सभी बेहद खुश लग रहे थे वे कुछ देर बाद घर से बाहर निकलें सामने एक स्कार्पियो की काले रंग की गाड़ी थी। वे सभी सामानों को उसमें डाल कर गाड़ी में बैठ ग‌ए और गाड़ी तेजी से उस पहाड़ियों की ओर चल पड़ा। पांचों दोस्त काफी रोमांचित नजर आ रहे थे।

वे 10 घंटे बाद वहां पहुंच गए उन्होंने गाड़ी वही एक जगह पार्क कर दिया और अपने बैग लेकर आगे बढ़े और पहाड़ियों के पास पहुंच गए और मैप देखकर पहाड़ी के ऊपर चढ़ने लगें, कुछ देर में राघव आदि कृति और सानिया तो उपर चढ़ गए लेकिन फ्रेडी अभी भी पीछे ही था वह धीरे-धीरे रस्सी को पकड़ कर चढ़ रहा था तभी रस्सी अचानक टूट गई और फ्रेडी उस पहाड़ी से नीचे गिर एक चट्टान पर गिर गया उसका सर तरबूज की तरह टूट गया।

चारों ये देख हैरान रह गए लेकिन वे फिर आगे बढ़े और सामने देखा तो एक शांत ज्वालामुखी था वे आगे बढ़ने लगे तभी अचानक वो शांत ज्वालामुखी सक्रिय हो गया और उसका लावा तेजी से बहने लगा ये देख वो चारों वापस उस पहाड़ से उतरने लगे राघव और कृति जैसे तैसे उस पहाड़ी से उतरे ही थे कि वह लावा तेजी से बहते हुए उनके पास आ गया और आदि और सानिया को अपना शिकार बना डाला वो उसी में जलकर खाक हो गए।

राघव और कृति बेहद रूआंसे हो ग‌ए वे तेजी से वापस आने लगे और गाड़ी में बैठ कर दुखी स्वर में आने लगें। राघव कृति से गुस्से से बोल रहा था- मैंने पहले ही तुम लोगों को बताया था लेकिन तुम लोगों ने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया देखा वो तीनो कैसे मारें ग‌ए ... कृति खामोश राघव की बातें सुन रही थी

तभी गाड़ी जो बिना रूकें क‌ई घंटे चला था उसके इंजन से धुआं निकलने लगा और थोड़ी ही देर में उसमें आग लगने लगा और थोड़ी ही देर में पुरी गाड़ी में आग लग गया। राघव कृति से बोला - कृति जल्दी से गाड़ी से बाहर निकलो। राघव तेजी से उस गाड़ी से कूद गया कृति भी उस दरवाजे को खोलने की कोशिश करने लगी लेकिन वह दरवाजा जाम हो गया कृति घबराते हुए दूसरे दरवाजे को खोलने की ओर बड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी गाड़ी सड़क से गाई में जा गिरा।

राघव चिल्ला उठा - कृति!

लेकिन कृति इस समय मौत के मुंह में समा चुकीं थीं।

लेकिन राघव तेजी से उस खाई से नीचे आकर उस गाड़ी के पास आ गया वहां वह गाड़ी धू धू कर जल रही थी।

राघव वही रोता रहा, शाम की गहराई रात में बदलने लगी राघव भी वहां से उठा और वहां बह रहें नदी से पानी पीने लगा तभी एक ट्रक जिसमें आग लगी हुई थी वह सड़क से उस खाई में गिरने लगी राघव वह देखकर घबरा गया वह भागने लगा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुका था वह जलता हुआ ट्रक सीधे राघव के उपर जा गिरा और राघव का हाथ कटकर दूर एक पुस्तक के उपर जाकर गिरा और वह पुस्तक खून से लाल हो गया
उस पुस्तक का नाम था
द फाइनल डेस्टिनेशन........
शेष अगले अंक में

®®®Ꭰɪɴᴇꜱʜ Ꭰɪᴠᴀᴋᴀʀ"Ᏼᴜɴɴʏ"✍️

तो यह भाग आपको कैसा लगा उम्मीद है आपको पसंद आया होगा मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा तो चलिए पढ़ते हैं इस कहानी का अगला भाग और जानते हैं आगे क्या हुआ....