ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ।
घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे हैं। सब अपने कम में बिजी सबका रूम अलग अलग। पापा की ड्यूटी और घर के मेकओवर मम्मी संबलती और बचे पढाई में।
सवेरे होते हैं अपने अपने काम ब्रेकफास्ट करके फिर
दोपहर के भोजन के साथ साथ करते हैं फ़िर घर ke अपने कमरे में cellphone के साथ कैद होजते।
अचंक एक दिन ऐसा आया कि एसबी एक साथ.चौकीये एनआईआई वो पल था जेबी जमाने खराब एसबी साथ एम रहे सोया।
ये साथ सबकोई मिस कर था क्यूकी घर बनते ही सबका रूम अलग-अलग जो होगा एसबी खाए पिए फिर अपने रूम एम कही एस आए फिर अपने रूम एम।
यही सिलसिला सालो तक चला...
सबका एक साथ होना कब हुआ pta h जेबी घर a.c. आया ग्रामी के महोल सबका हाल बहल..
सबी जनता उत्तरप्रदेश के क्या हाल होता बाकी क न पता लेकिन हमारे यहां यह बुरा हाल हो जता है।
कहानी वो पहली रात रात सबी साथ म सोया एक चट्ट क एसी के पास.. सबी सही रहा सबको मजा आरा सबी एक साथ एक जगह एक रात भर बात होये हंसी मजाक।
कहीं न कहीं नया दौर म हम अपने परिवार साथ होते हुए भी दूर होते जारहे..इसका करण आधुनिकता ही ह...
सबी सुख सुविधा के साथ भुलजाते फैमिली क्वालिटी टाइम भी जरूरी है..
हमेशा परिवार के साथ होने के बहाने धुंधिये..
स्वाथ रहे सबके साथ मस्ट रहे..फुर ये दौर नी आएगा..जब भी मौका मिले अपने परिवार के ध्यान रखे साथ हु बत्ती चित जाति रखे..
अक्सर हम भुलजते अपने भाग दौड़ में कि मम्मी पापा की बात करना बहुत जरूरी होता है।
जुड़े रहें धन्य रहें
परिवार वो जड़ जो आपको कभी भी ना तो गिरने देगा न ही टूटने देगा। साथ देना होगा...बत करना कबी भी खतम नी होना मां-पिता को बात करन हो म बधते उमर साथ कम म बिजी होजते कि अपने ही मम्मी पापा को हमसे अपॉइंटमेंट लेना पद जाटा...ऐसा बिलकुल नााा क्रे..जब भी मौका मिले जरूर पास द नी एच तो इतने सारे आविष्कार हुए के किसी का भी सहारा लेकर कनेक्ट रहे बीएस।
घाटा बटकर नी होता..ऐसा न हो कि आपलोग को बाद में पछतावा हो कि कस बट्ट करलेटे..इससे अच्छे एच हमेशा कनेक्शन मजबूत रखे ..आना जाना तो दुनिया की रीत ह...
माता-पिता जो निहस्वार्थ आपका साथ देंगे आपका हाल चल पूछेंगे कभी भी कम आने से याद करेंगे हमेश आपको याद करेंगे अपना हॉल पूछने के लिए ....
.बेटा खाना खाये....सब ठीक है न...
बाकी दुनिया तो आपको सिर्फ कम याद आएगी..
ही... कैसे हो... फ्री हो...ये कम था..
लाइफ में सब जरूरी है लेकिन प्रायोरिटी पेरेंट्स को अपने परिवार जरूर रखें... अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं है...
प्यार परिवार ❤️हमें अपने परिवार से प्यार करना चाहिए और हमारा परिवार हर किसी के लिए प्राथमिकता होना चाहिए।क्योंकि अगर एक बार हम अपने परिवार को खो देते हैं तो मेरा मतलब है कि हमें केवल पछतावा होता है और कुछ नहीं बचेगा। इसलिए हमेशा अपने परिवार के प्रति वफादार रहें और। उनके लिए मौजूद रहें... केवल हमारे माता-पिता ही बिना शर्त प्यार करेंगे