MY HERO - 6 in Hindi Moral Stories by shama parveen books and stories PDF | MY HERO - 6

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MY HERO - 6

जैसे ही आकाश बोलता है कि मेरा काम छुट गया है वैसे ही मानो सबके पेरो तले जमीन खिसक जाती हैं। तभी आकाश की मां बोलती है, "बेटा तू ये क्या बोल रहा है"।

तब आकाश बोलता है, "मां यही सच है"।

तब आकाश की मां बोलती है, "बेटा मगर क्यो तू तो सेठ जी की जमीन पर अच्छा खासा काम कर रहा था"।

तब आकाश बोलता है, "मां वो उन्होंने अपनी बेटी के दहेज में दे दिया है"।

तब आकाश की मां बोलती है, "बेटा अब क्या होगा हमारा"।

तब आकाश बोलता है, "मां मुझे खुद कुछ समझ में नही आ रहा है कि अब क्या होगा"।

तब छाया बोलती है, "आप परेशान मत होइए एक काम चला गया है तो क्या हुआ और भी तो बहुत से काम है"।

तब छाया की जेठानी बोलती है, "कहा जी रही हो, तुम्हे पता नहीं है क्या की अब काम की कितनी किल्लत है, कितने लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं, उन्हे तो काम मिल नही रहा है तो फिर देवर जी का तो बना बनाया काम छुट गया है"।

तब आकाश की मां बोलती है, "मेरा तो दिमाग काम ही नहीं कर रहा है मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है कि ये सब क्या हो रहा है"।

तभी छाया की जेठानी बोलती है, "अच्छा ठीक है अब में चलती हू ये भी आने वाले होंगे"।

तभी छाया की जेठानी चली जाती हैं।

छाया आकाश को चाय ला कर देती हैं और बोलती है, "आप परेशान मत होइए कोई न कोई काम मिल ही जायेगा, देखिए आपके टैंशन लेने से या फिर कुछ न खाने पीने से काम थोड़े ही न मिल जायेगा "।

तभी आकाश चाय पी लेता है।

उधर रवि भी काम से आ जाता है। तभी उसकी बीवी उसे सब कुछ बताती हैं आकाश के बारे में की उसका काम छुट गया और उसका क्या हाल है"।

ये सुन कर रवि भी परेशान हो जाता हैं और बोलता है, "ये क्या हो गया अचानक से और वो भी उस वक्त जिस वक्त उसे पैसे की सबसे ज्यादा जरुरत है"।

तब रवि की बीवी बोलती है, "आपकी मां का भी रो रो कर बुरा हाल है"।

तब रवि बोलता है, "बात ही रोने की है, चलो मैं अभी उससे मिल कर आता हूं"।

तब रवि की बीवी बोलती है, "पहले कुछ खा पी तो लीजिए"।

तब रवि बोलता है, "नही मुझे भूख नही है"।

उसके बाद रवि आकाश के पास चला जाता हैं। घर जा कर रवि देखता है कि आकाश एक कोने में चुप चाप से बैठा रहता है। तभी रवि जाता हैं और बोलता है, "आकाश तुम परेशान मत हो कोई दूसरा काम तुम्हे मिल जायेगा"।

तब आकाश बोलता है, "केसे न परेशान हू भैया मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा है कि ये अचानक से क्या हो गया है"।

तब रवि बोलता है, "अरे तुम परेशान मत हो मे कल ही किसी से काम के लिए पूछता हूं"।

तभी आकाश के बाबूजी बोलते है, "हा बेटा तुम ही कोई काम ढूंढ दो इसे, वरना ये क्या करेगा वैसे भी अभी पेसो की बहुत ही ज्यादा जरुरत है"।

तब रवि बोलता है, "मैं कल जा कर पता करता हूं"।

तभी आकाश की चाची आती हैं और बोलती है, "मैं ये क्या सुन रही हूं आकाश तुम्हारा काम छुट गया, मुझे तो ये बच्चा ही मनहूस लगता है...............