OPEN HORIZONS CLOSED DOORS in Hindi Poems by Vivek Upadhyay books and stories PDF | अक्स

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अक्स

सोचा लिखूं कुछ तुम्हारी खूबसूरती पे ,
 
शब्द और एहसास पिरो के मोती से ,
 
तुम्हारी ये आँखें जैसे जुगनू टिमटिमाये ,
 
रात के अँधेरे में जगमगाती रौशनी के साये ,
 
तुम्हारी हंसी में हैं वो कातिल अदाएं ,
 
तुम जो हंस दो तो हज़ारों दिए जल जाएँ ,
 


 
आस्मां के सब रंग , ये चंदा ये सितारे,
 
देखने लगे हैं सब अब तुमको ही सारे,
 


 
चलती हो मानो जंगल में शेरनी की तरह ,
 
देखे जो प्यार से लगती हो सुन्दर मोरनी की तरह,
 


 
तुम्हारा चाँद सा ये चेहरा बहोत अपना सा लगता है,
 
दुनिया की भीड़ में एक हसीन सपना सा लगता है,
 
रहती हो मेरे तुम मेरे इतना करीब ,
 
मेरे दिल में है जो मंदिर उसमे रखी इबादत के लिए वो तुम्हारी ही एक तस्वीर,
 


तुम्हारी तारीफों में लिख सकता हूँ अफ़साने हज़ार ,
 
ये ज़िन्दगी कम पड़ जायेगी जो रखने लगे हम तुम्हारे लिए अपने प्यार का हिसाब
 

तुम अक्स हो मेरा , या मेरा जूनून ,
 
पानी में मेरी ही परछाई या मेरी रगों में बेहता खून ,
 
तुमको ही बुनता था ख़यालों में अपने ,
 
तुम हो जवाब जो मिला हर सवालों में अपने,
 
 
 
ये हंसी तुम्हारी सपनो में देखि है पहले ,
 
ये आवाज़ भी तुम्हारी सुनी सुनाई लगती है पहले ,
 
आवाज़ तुम्हारी है बिलकुल रूहानी,
 
जिसमे है प्यार और एक मीठी मनमानी ,
 
नीले रंग का अम्बर हो तुम जैसे कोई सुन्दर पारी आसमानी ,
 


 
हंसती हो तो इतनी नूरानी जैसे की बरसे संग बिजली और पानी ,
 
मानो चंचल बरखा की भीगी महेक्ति रात तूफानी ,
 


तुम हो मेरी हमसफ़र जिसे ढूंढा हर घड़ी है मैंने ,
 
हाथ की लकीरों को भी तुम्हारे ही जैसे बुना है मैंने ,
 
न कोई अरमान, न कोई ख्वाइश और रही अब दिल में , जब लगे हैं हर पल तुमसे मिलने,
 
हो गए सब ज़ज़्बात बयान जैसे जन्नत में लगें फूल हो खिलने,
 
छाती है बद्री , आये सावन की घटा फुहार ,
 
जैसे फूलों की माला और हर पल गुलज़ार ,
 
तुम्हारे आने की ख़ुशी में होते हैं ये आसार ,
 
नाचती है बदरी कर के सोलह श्रृंगार ,
 
जैसे लगे की सीखी ये अदाएं बदरी ने

तुझसे ही मेरे यार ।✨💞🌈🌧

 

एक मुलाकात

ज़िन्दगी के शोर में है जो न किसी के ज़ोर में ,

कहीं दूर एक खामोश खूबसूरत मोड़ में ,

मिली ज़िन्दगी मुझसे तुम्हारे रूप में तुम्हारे शहर की ओर में ।

देखा तुम्हे तो सोचा ज़िन्दगी कितनी हसीं है , हर तरफ सिर्फ शोर है,

उसमे बन के मृदुल ख़ामोशी , संभाले तू ज़िन्दगी की डोर है । 

खुशियां लुटाती रिश्ते निभाती हर पल मुस्कुराती,

सबको सिखाती सबको हंसाती,

तू जैसे कोई चमत्कार हर ओर है ।

जिसको भी तुम छू लो , तुम्हारे असर से निखार जाता है,

जैसे एक रंगीन तितली के आने से मनमोहक फूलों का बागीचा खुशबुओं सा निखार जाता है,

तुम्हारी मुस्कराहट से मुझे अपनी खुशियों का पता मिल जाता है ।

नीले अम्बर की रौनक , रात की रानी की सुगंध , गुलाब की टहनी और तुम्हारे हर रंग,

ऐसे हैं तुम्हारी स्मृति के मेरे दिल में लिखे कुछ छंद,

तुम्हे देख मेरी पलकें होती हैं ख्वाइशों से बंद ।

वैसे तो ज़िन्दगी में कई सवेरे हुए रात आयीं दिन ढले,

पर उस दिन की बात ही अलग थी जिस दिन हर पेहेर तुम मिले,

चंचल हवाएं बिखेरती संवारती रहीं उस दिन तुम्हारी काली ज़ुल्फ़ों के साये को ,

मैंने सोचा पूछूं सवाल की इतनी खूबसूरती तुम क्या परियों के देश से लाये हो ?

सुबह की ताज़गी, दोपहर की सादगी, शाम का ठहराव, रात की चकाचौंद चांदनी,

हर लम्हा बन गया प्रख्यात मानो जैसे काली घनेरी रात के फलक में,

चाँद संग निकल पड़ी हो टिमटिमाते तारों की बरात,

हर एक उस पल में मांगी मैंने एक ही अरदास ,

की हो कोई करिश्मा , थम जाए वो पल

और तुम रहो हर उस पल में मेरे पास ।

 

रंग प्रसंग

तुम लगती हो मुझे मेरे सपनो की परी,

जिन रंगो में सजाई मन्न में मूरत,

उन्ही रंगों को बिखेरती मेरी कल्पनाओ की झरि,
 
गुलाबी रंग खिलता है तुमपे,

हो गाढ़ा तो और सजता है तुमपे,

लाल रंग में लगती हो अप्सरा,

सफ़ेद में जैसे कोई जादू हो बिखरा,

हलके येलो में तुम सावन सुनेहरा,

काले रंग में चाँद सा चेहरा,

लगती हो काली रात में जुगनुओं का बसेरा,

खिलखिलाती हो तुम गुलाब की तरह,

हर रंग हर मौसम में तुम महताब की तरह ,

सब रंग खिलते हैं तुमसे, तुम रंग से नहीं , रंग निखारते हैं तुमसे,

देखि हैं मैंने सब तसवीरें तुम्हारी,

दिल में उत्तरी हो तुम बन के धड़कन हमारी .

रख दें जो तुम्हारे कदमो में जान हमारी,

पूरी नहीं हो पाएगी हमसे इबादत तुम्हारी,

प्यार हो गया हैं तुमसे तुम जन्नत हमारी,

ये अलफ़ाज़ बन गए हो तुम,

तुमसे ही ये ज़िन्दगी की नज़्म हमारी ।

 

 

धुन

तुम्हारी धुन में ना जाने क्या क्या कर जाता हूं मैं ,
जीते जीते तुमपे पल पल मर जाता हूं मैं ,
ना जाने क्या जादू है तुम्हारी प्यारी इन आंखों में,
हर पल तुम्हारी यादों में डूब जाती हूं मैं ।


संजो कर रखती हो दिल के रिश्तों को सीप मे मोतियों की तरह,
सावन की उजली सुबह के नीले आसमान में दिल के सफेद बादल की तरह,
सुनाता हूं तुम को ही फ़साने तुम्हारी ही अदाओं के,
बिन नाम लिए तुम्हारा हर दम तुम्हारे ही गीत गाता हूं,

यूं ही नहीं कोई शिखर छूता हूं पहाड़ों के,
तुम्हे मन में लिए आसमान छू जाता हूं,
आंखें मेरी कहती हैं तुमसे फ़साने मोहब्बत के,
तुमसे दूर कहां अब एक पल भी रह पता हूं ।

 

चंचल मेघ काली बदरी

 

चंचल मेघ काली बदरी,
चंचल मेघा काली बदरी तेज़ हवा बरखा सी घटा,
ऊपर रंग भरे बादल नीचे प्यारे मेघाओं की अदा,
महक उठी धरती हरियाली सी फिजा,
बूंदों को मिला माटी का पता,
मेरे दिल मे भी बरसी बेपनाह बेपरवाह ।

 

मेघों से बना समन्दर,
रह गयी समा के अंखियों के अंदर,
थमी पलकों मे मेरे बन के हसीन ये मंज़र,
नज़रों से दिल तक, दिल से धड़कनो तक,

 

आदत सी है, रुह की राहत सी है,
कुछ शरारत सी कुछ शराफ़त सी है,
बिन बोले तेज़ बरसात सी है,
कुछ शोर सी है,
मेरे ओर कि है ,
ये भीगी सी मेघों कि अदा ।

 

ये आँखें तुम्हारी

ये आँखें तुम्हारी तुमसे अच्छी हैं,

 
ये कुछ कुछ तुम से ज्यादा सच्ची हैं,

 
तुम देती हो जवाब अपने आप से भी छुप के मेरी बातों का,

 
ये बेबाक बयानी करती हैं तुम्हारे दिल के जज़्बातों का,

 
तुम्हारी ये आँखें तुमसे अच्छी हैं,

 
इनकी बातें तुमसे सची हैं,

 
सोचता था तुमसे पूछूं हाले-दिल्,

 
पर हो गयी प्यार मे थोड़ी मुश्किल,

 
तुमने कहा प्यार मे मुझे मिली है मंज़िल, ना देख मुझे अब ऐसे मेरे कातिल,

 
आँखों मे तुम्हारी जब डूबे तो जाना,

 
तुम्हारे प्यार का पूरा अफ़्साना,

 
तुम्हारी निगाहों ने किया बयान,

 
कितने लेके बैठी तुम आंधी तूफान,

 
कुछ कम्बख़त दिल कुछ रंजिशें

 
कुछ भूले-बिसरे बहकते अरमान,

 
मै भी था इन्ही राहों मे ए हमसफ़र,

 
हो गया तय हमारे बीच कुछ दूर का सफर,

 
तुमने बताया, तुमने जताया, हर अदा से इश्क फ़रमाया,

 
मिला दिया मुझे साहिल से क्या खुब मेरे दिल को अपनाया,

 
आँखों ने तेरी इससे बढ़ कर जादू जगाया,

 
शमाँ को परवाना, पर्वाने को शमाँ बनाया,

 
भटक जाऊं न अंधेरे मे फिर से कहीं ऐसा मुझमें दीप जलाया,

 
तेरी ख़ामोशी सुन के पल पल मरता हूँ मै,

 
पर तेरी आँखों को देख कर सब्र करता हूँ मै,

 
तुझे पता है कि तुझसे ही जमी मेरी ये महफ़िल है,

 
तेरी नज़रों मे ही खोया क्योंकि वहीं मेरी मंजिल है,

 
ये आँखें तुम्हारी तुमसे अच्छी हैं,

 
ये कुछ कुछ तुम से ज्यादा सच्ची हैं ।

 

महफ़िल

सीने से लगाकर सुन वो धड़कन जो हर रोज़ तुझसे मिलने की ज़िद्द करती है, 

तू हो या ना हो तेरी बातें हर रोज़ करती है ,

क्या एहसास क्या अल्फ़ाज़ तू हर दम या तेरी याद ,

हो दिन या रात , तुझसे जुडी हर एक बात,

मेरे अश्कों के समंदर में बह जाती है ,

कश्ती बन के तेरे नाम से बानी कागज़ की नाव ,

तेरे बारे में लिखना , तेरे रास्तों से गुज़ारना ,

 
तुझसे शिकायत तुझसे ही मोहब्बत ,


तुझसे गुफ्तगू तुझसे ही बगावत ,

 
इस कदर तू मुझमे बसती है की तेरे बिन मेरी ना कोई हस्ती है ,

सोचता हूँ रोज़ तू है कौन , मैं बोलता रहता हूँ और तू मौन ,

आज ही मिटा दूंगा तेरा हर नाम और निशान ,

कर रखा है तूने इस कदर परेशान ,

दिल कहता है अरे नादान , है वो अक्स तेरा ना कोई मेहमान ,

वो तेरी हसीं महफ़िल और तू उसका लुटा हुआ कद्रदान ,

वो तेरा हसीं सफरऔर तू मंज़िल खोजता एक अनजान।

 

दर्द का सफर

दर्द का सफर कुछ यूँ टला, वक़्त से रूबरू मेरा हर ज़ख़्म भला,

रही कुछ अभी न कहने की ख्वाइश मेरी,

हर ख्याल मन्न में डरा हुआ,

पर है दिल की नहीं कोई आबरू,

जब ये मरा एक नया जशन हुआ,

अभी भी सफर कुछ है बाकी रहा,

बटोर के एहसास मैखाने से साकी चला,

नई महफ़िल, नए अलफ़ाज़, नई उल्फत नए जज़्बात निकले फिर पैमाने से,

जो मिटटी का था वो मिटटी में मिला, दर्द का सफर कुछ यूँ टाला ।

 

TREKKING DAYS

Distant dreams on the mountain tops, jumping plains of emotions imagination hops,

brushing the teeth twice in chilling winters real bravery accords,

reaching elevated camps reality gradually fades winning battles against all odds.

 

We rise, we fall, we walk, we run & at times we even crawl for fun,

high the spirit enjoying it all, finding mountain soil, soothing streams,

warm sunny shades & abandoned concrete walls.

 

We view tall trees, mystic woods, counting in rain we go heads with hoods,

touching the snow the temperatures fall, freezing water, for solutions

we scroll the methods in our complex mind stalls.
 
Boys & Girls shouting from far canal, asking each other if you hear the call,

motivating some sound, describing peace tranquality in mountains that will heal it all.

Cheery laughters, tribes vocal, the cameras shutters forming digital records,

all men acting studs and funny, lost lovers they generally recall.
 

Covering turfs, trolling sounds, speed up your heart for the elevated grounds,

maggi, juice, tea, coffee, nearing around, energise yourself, walk through beautiful meadows

all that you like shall finally be found, keep in mind the moment when we reach peak pinnacles bearing golden crowns.

 

Cheer up the crowd my friend says, yes i will with thunder & blaze,

completely astonishing amusing my ways, these musings of hearts expressed in words always stays.

One carries water, one carries breads, another one carries bunch of meds & chocolates,

tiffin box if additional passed on to younger friends walking bagless,

lifting each other counting nights and days, slowly we drift towards the summit apex.

 

Mirroring of virtues of different souls, reflecting in my demeanor the hots & colds,

complementing my existence enhancing the grace, faces & minds glow & grow in that place,

just like pearls of common threads, collectively bundled like pack of cards,

all so fiery & valued like an ace.

 

Depicting new trends, vibes transcend, focus sharp to well comprehend.

Descending further in the journey ahead does it really matter if its a sunrise or sunset?

After all my friends its always about the sun rays,

the life lessons, the bondings, those lovely trekking days,

which set the pace for life to find that true natural solace.