Jaadu Jaisa Tera Pyar - 6 in Hindi Love Stories by anirudh Singh books and stories PDF | जादू जैसा तेरा प्यार - (भाग 06)

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जादू जैसा तेरा प्यार - (भाग 06)

समय धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था,और उसी बढ़ते समय के साथ साथ गहरी होती जा रही थी मेरी और प्रिया की दोस्ती भी....हम दोनों अपने सुख,दुख,प्रॉब्लम्स एक दूसरे से शेयर करने लगे थे....इस बीच मैं प्रिया की माँम से भी मिला था.....उनसे मिलकर मुझे पता चला कि वह दिल की बहुत अच्छी है....रिश्तों को तवज्जो देने वाली.....दिल के ज्यादा अच्छे लोगो को प्रॉब्लम्स भी ज्यादा फेस करनी होती है.....कारण,कि वह किसी का बुरा नही सोचते,और न ही करते....फिर भी अनजाने में जब उनसे किसी का बुरा हो भी जाता है तो उसके पश्चाताप की आग में में वह खुद को जलाते रहते है....और बिल्कुल यही हुआ था प्रिया की मॉम के साथ भी.......मेरे समझाने के बाद प्रिया ने अपनी माँम को समझने की कोशिश शुरू कर दी थी......अब उसने अपने पेरेंट्स के आपसी झगड़े के बाद खुद को फ्रस्टेट करके सैड होने की आदत छोड़ दी थी......उसका बर्ताव काफी पॉजिटिव हो गया था....हर हाल में वह अपने मॉम डैड से अब बिना झुंझलाए ही पेश आती थी.....इस वजह से अब उसकी मॉम और डैड दोनो ही उसे पहले से अधिक तवज्जो देने लगे थे......अपने कई डिसीजन्स में भी वो प्रिया से राय मांगने लगे थे......
इस सब से प्रिया बेहद खुश थी......प्रिया की नजरों में यह बदलाव मेरी वजह से हो रहा था.......

हमारी दोस्ती,हमारी पढ़ाई,हमारा संघर्ष सब कुछ पटरी पर चल रहा था........पर लाइफ में स्थिरता हमेशा नही रहती.......ट्विस्ट आते रहते है.......ऐसा ही एक ट्विस्ट तब आया .....जब कॉलेज के अंतिम वर्ष में हम पहुंच चुके थे।

सम्राट चक्रवर्ती.........हमारे कॉलेज का एक बिगड़ा हुआ रईसजादा.......पढ़ाई से दूर दूर तक कोई नाता नही.....अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल और पैसे की दम पर कॉलेज में मार पीट,गुडागर्दी और लड़कियों से फ्लर्टिंग करना ही उसका पेशा था.......सम्राट के पिता हमारे कॉलेज के ट्रस्टी थे,इस बात का फायदा वह उठाया करता था.......और कॉलेज के प्रोफ़ेसर्स पर प्रेशर बना के बिना पढ़े भी अच्छे मार्क्स के साथ पास भी हो जाता था।

एक दिन उसने हमारी फ्रैंड सौम्या के साथ बदतमीजी करते हुए उसका हाथ पकड़ लिया.......सौम्या स्वभाव से काफी सीधी थी....वह बिना विरोध करे ही रोने लगी......रास्ते में आ रही प्रिया ने यह सब देख लिया और गुस्से में उसने सम्राट के गालों पर थप्पड़ों की बारिश कर दी.......तब तक छात्रो की भीड़ इकठ्ठी हो गयी थी......उसी भीड़ में से ही किसी ने इस घटना को फेसबुक पर लाइव कर दिया था,सम्राट द्वारा सौम्या के साथ की गई छेड़छाड़ से लेकर उस की कनपटी में पड़े प्रिया के झन्नाटेदार थप्पड़ों की गूंज सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी थी.......मामला पुलिस की जानकारी में आते ही सम्राट पर केस भी दर्ज हो गया......और पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया.........अपने पिता के रसूख की दम पर उसे तुरंत ही जमानत भी मिल गई, प्रिया भी नही चाहती थी कि उसकी वजह से किसी का कैरियर खराब हो, अतः प्रिया ने भी पुलिस को आगे कार्यवाही के लिए सहमति देने का मना कर दिया........पर इतना सब कुछ होने के कारण सम्राट की बुरी तरह बेइज्जती हो चुकी थी........कॉलेज से लेकर घर तक,हर जगह ही उसकी फजीहत हो गयी थी.....और इस सब का जिम्मेदार वह प्रिया को मान कर गुस्से से आगबबूला हो उठा था......किसी भी तरह वह अपनी बेइज्जती का बदला अब प्रिया से लेना चाहता था, इस बात का अंदाजा हम सबको था.......हम नही चाहते थे कि हम में से किसी पर भी कोई अनचाही मुसीबत आये.....इसलिए मैं,अनिकेत और मिहिर तीनो ही सम्राट के पास गए।

"सम्राट,यार जो कुछ भी हुआ वह अनजाने में हुआ,गलती तुमने की थी,प्रिया ने तो बस उसी का रेस्पॉन्स किया था.......उसके बाद जो भी हुआ वो बस एक कोइन्सीडेन्स था......इसलिए भाई अब सब कुछ भूल जाओ, जो हुआ उसके लिए प्रिया सॉरी बोलने को भी तैयार है।"

मेरी बात सुनकर सम्राट ने पहले तो हम तीनों को खा जाने वाली नजरों से घूर कर देखा,फिर पॉकेट से सिगरेट निकाल कर मुंह मे लगाई,लाइटर से उसे सुलगाया.....दो तीन कस मारे उसके बाद बोला।

"ऐसे कैसे मित्रों......किसी ने सम्राट के गाल पर पहली बार थप्पड़ मारा.....और वह भी एक छोरी ने......सम्राट फर्स्ट टाइम इतना बेइज्जत हुआ......बापू की गालियां भी खाई.......पर फिर भी सम्राट उस छोरी प्रिया से बदला नही लेगा..............पूंछो क्यो ?"

हम सब ने भी एक सुर में पूंछ डाला "क्यों भई?"

अब जबाब सम्राट की बगल में खड़े उसकी जी हुजूरी करने वाले उसके एक चेले ने दिया।

"क्योंकि हमारे सम्राट भाई को हो गया है जबरदस्त प्यार उस छोरी से.... अब वह बनेंगी हमारी भाभी.....समझें......और कोई भी बीच में आया तो उसका हम बना देंगे कचूमर.....समझ आई बात..... बता देना अपनी फ्रेंड को ....अब निकलो यहां से"

हम शरीफ पढाकू दोस्तो ने भी इन गुंडों के मुंह लगना सही नही समझा,सो एक दूसरे को ताकते हुए निकल लिए चुपके से वहां से।

बस एक बात हम दोस्तों को नही समझ आ रही थी,कि साला यह आख़िर कैसा प्यार है,जो घनघोर बेइज्जती से पनप आया।🤔


(कहानी आगे जारी रहेगी)