हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था…....यदि कोई आम हेलीकॉप्टर होता तो अब तक धराशायी भी हो गया होता....परन्तु यह स्पेशली चाइनीज आर्मी के हेलिकॉप्टर का डुप्लीकेट था.......या यूं कहिए चाइनीज एयरफोर्स से रिटायर्ड हो चुके एक हेलिकॉप्टर को रिपेयर करके दोबारा उड़ने लायक बनाया गया था......और सेना के हेलिकॉप्टर्स में कुछ विशेष फीचर्स भी होते है.....जो इसमें भी थे.....जैसे कि 'इमरजेंसी मोड़'....
इस फीचर्स का उपयोग करके बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके फाइटरप्लेन अथवा हेलिकॉप्टर को भी आपातकाल के समय गिरने से बचाते हुए कुछ दूरी तक उड़ाया जा सकता है.......
थॉमस ने नीचे गिरते अपने हेलीकॉप्टर का 'इमरजेंसी मोड़' ऐक्टिवेट कर दिया........और फिर अपने अंतिम समय में एक बार फिर से गिरते पड़ते उस हेलिकॉप्टर ने एक बार फिर उड़ान भरी,साथ ही हेलिकॉप्टर के पिछ्ले भाग में आग बुझाने के लिए उपयुक्त होने वाले 'अग्नि निरोधक यंत्र' के सिलेंडर से रिलीज होती कार्बन डाई ऑक्साइड ने आग की लपटों को भी बुझा डाला था ......और फिर यह लड़खड़ाती हुई उड़ान 'जीरो हब' तक पहुंच के ही समाप्त हुई।
'जीरो हब' देखने में किसी रसोई गैस के कारखाने की तरह नजर आता था.......जिस से कि आसानी से किसी को भी इस में निर्मित की जा रही खतरनाक 'सारिन' गैस के बारे में शक न हो।
इसी जीरो हब कैम्पस के बीचोबीच स्थित 'गैस प्लांट' से चिपकी हुई एक छत पर थॉमस ने हेलीकॉप्टर लैंड कर दिया था........
हेलीकॉप्टर को जीरो हब में लैंड होता देख वहां मौजूद सिक्योरिटी भी हाई अलर्ट पर आ चुकी थी.....पहले तो उनको लगा था कि शायद यह उनकी ही आर्मी का हेलीकॉप्टर है......पर फिर आसमान में दिख रहे फाइटर्स प्लेन के काफिले ने उनको शंकित कर दिया था कि माजरा कुछ और ही है.......'जीरो हब' की सारी सिक्योरिटी चकित थी कि आख़िर जब उनके पास किसी भी प्रकार के अटैक अथवा प्रवेश को डिटेक्ट करके उसे कई मीटर दूर हवा में ही नष्ट कर सकने वाले अत्याधुनिक स्वचालित यंत्र एवं हथियार मौजूद है.....फिर आख़िर कैसे सुरक्षा व्यवस्था में इतनी बड़ी चूक हो गई.....
पर अब ऐसी स्थिति में छत पर मौजूद पहले से क्षतिग्रस्त हेलिकॉप्टर पर हमला करने का खतरा वह सभी भली भांति जानते थे इसलिए बिना कोई अटैक किये वह सभी छत पर निशाना साधे खड़े हुए......सामने से किसी जबाब की प्रतीक्षा कर रहे थे।
उनके पीछे पीछे आते हुए चाइनीज फोर्सज की फौज अभी उनके ठीक ऊपर आसमान में मंडरा रही थी......कमांडर चिन ची द्वारा उन सबको फिलहाल हमला न करने की चेतावनी दी गयी थी....इसलिए वह अपने कमांडर के अग्रिम आदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे।
हेलीकॉप्टर के लैंड होते ही ध्रुव ने जेनी से पूंछा.......
"सारा सामान साथ लाई हो न....?"
जबाब में जेनी ने हेलीकॉप्टर के लगेज सेक्शन में रखे कुछ बॉक्स की ओर इशारा किया..........
और फिर ध्रुव के निर्देश देते ही वह सभी उन बॉक्सेज को बाहर निकाल लाये.......
बॉक्स खुलने पर पता चला कि वह घातक विस्फोटक से भरे हुए थे........
जिसे देख ध्रुव मुस्कुराया.…..."RDS 220......इतनी मात्रा काफी है.....इन चाइनीज्स की रूह तक को कंपा देने के लिए"
सभी ने मिल कर छड़ो के रूप में मौजूद उस विस्फोटक को सारी क्षत पर बिखेर दिया..........
यह सब उस छत के ठीक ऊपर कुछ मीटर दूर मौजूद चाइना की फोर्सज की आंखों के सामने हुआ था........कमांडर चिन ची द्वारा जब टेलिस्कोप के द्वारा नीचे का स्पष्ट दृश्य देखा गया तो उसके भी होश ठिकाने आ गए.........वह समझ चुका था कि किसी खतरनाक विस्फोटक का जाल बिछा दिया गया है.......अब अगर किसी भी तरह एक चिंगारी भी वहां भड़की तो उसकी प्रतिक्रिया से जो धमाका होगा उसकी जद में बगल मे मौजूद 'सारिन गैस' का प्लांट आना तय है.......और फिर....न दवा असर करेंगी और न दुआ......
आज ध्रुव ने चाइना के घातक हथियार को ही उसी के विरुद्ध इस्तेमाल किया था।
अब जरूरी था असहाय नजर आ रहे दुश्मनों के साथ डील करना...........
ध्रुव ने हेलीकॉप्टर में मौजूद डिजिटल वायरलेस ट्रांसमीटर को ऑन करने के बाद उस को एक विशेष फ्रीक्वेंसी पर सेट किया ......इस फ्रीक्वेंसी का उपयोग आमतौर पर चाइनीज आर्म्ड फोर्सज के सैनिक एक दूसरे से सम्पर्क करने में किया करते है.......कुछ सेकेंड्स बाद ही ध्रुव उस फ्रीक्वेंसी पर कनेक्ट हो चुका था....... उस विशेष फ्रीक्वेंसी से जुड़े हुए 500 मीटर के क्षेत्र में जितने भी वायरलेस सिस्टम ऐक्टिव थे......ध्रुव अब उन सब से बात कर सकता था।
और फिर......
"Hello......Mr.commandar.....I am your friend from zero hub.…...Do u listen me?.....Mr.commandar"
कुछ देर तक कोई जबाब नही आया......ध्रुव ने लगातार 2-3 बार अपनी बात को रिपीट किया......थोड़ी ही देर में एक आवाज सुनाई पड़ी।
"I am chin chi.......Commander genral of Chinese forses........What do you want?"
(हिंदी रूपांतरण)
ध्रुव-"कमांडर.....सबसे पहली बात तो यह है कि तुम्हारी छोटी सी भी बेवकूफी तुम सब पर कितनी भारी पड़ेगी,यह तुम सब जानते ही होंगे...........इसलिए उम्मीद है कि तुम बिना कोई बेवकूफी किये मेरी डिमांड पूरी करोगे....."
कमांडर चिन ची- "ओके....तुम....तुम अपनी डिमांड्स बताओ.....जैसा तुम कहोगे हम वैसा ही करेंगे.....पर कुछ भी ऐसा वैसा मत करना....प्लीज।"
चिन ची की कंपकपाती आवाज बता रही थी कि इस गैस से होने वाले नुकसान का डर किस कदर उसके दिल में बैठ रहा था.....उसकी रिक्वेस्ट करने का अंदाज सुन कर ध्रुव हंस पड़ा......
ध्रुव- "वाह कमांडर, दूसरों के घर जलाकर बहुत खुश हुए और अब जब खुद की बारी आई तो गिड़गिड़ाने लगें.....कितने दोगले हो तुम लोग।........खैर.....तुम्हारे हिसाब तो बाद में किये जायेंगे........फिलहाल तो हमारी डिमांड्स सुन लो.......
अगले दस मिनिट में यह सारा जीरो हब हमें खाली चाहिए....मतलब यहां हमारे अलावा कोई भी नही होना चाहिए............दूसरी बात... तुम सब भी अभी के अभी बैक हो जाओ......अगर तुम्हारा एक भी फाइटर प्लेन.....जीरो हब के एक किमी की रेंज में भी दिखाई दिया तो पूरी तरह निर्जीव होकर वुहान शहर सिर्फ नक्शे पर रह जायेगा.....और हमें चाहिए तुम्हारा यह स्पेशल हेलीकॉप्टर ...जिसमे तुम सवार हो......इसे जीरो हब कैम्पस की हवाई पट्टी पर लैंड करवा दो.....बिना होशियारी किये।"
चिन ची- "पर इस बात की क्या गारंटी है कि यह सब करने के बाद भी तुम इस गैस प्लांट को नुकसान नही पहुँचाओगे?"
ध्रुव-" इस की सबसे बड़ी गारण्टी है,कि मैं एक भारतीय हूँ.....हमारा देश कभी भी निर्दोषों की लाशों पर खड़ा होकर युध्दनीति तय नही करता..भले ही वो हमारे कितने भी बड़े दुश्मन क्यों न हो...बशर्ते हमें मजबूर न किया जाए.........शांति और अहिंसा का दुनिया को पाठ पढ़ाने वाले लोग है हम ,पर मूर्ख लोग इसे हमारी कमजोरी समझ लेते है......"
ध्रुव का जबाब सुन कर निरुत्तर हो गया था कमांडर चिन ची......अब उम्मीद थी कि आगे सब कुछ ध्रुव की इच्छानुसार ही होने वाला था।
.............कहानी जारी रहेगी..........