009 SUPER AGENT DHRUVA - 17 in Hindi Adventure Stories by anirudh Singh books and stories PDF | 009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 17

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 17

चाइना के समय के अनुसार सुबह के छह बजने में कुछ ही मिनिट्स शेष थे, रात के अंधेरे में ही योजनानुसार ध्रुव और जॉन गटर के बेहद सीक्रेट रास्ते से सीवर के उस मेनहोल के ठीक नीचे खड़े थे जो कि वुहान लैब के कैम्पस में स्थित सर्वेंट्स क्वार्टर के बेहद नजदीक खुलता था।

ध्रुव को इस वक्त पहचानना भी सम्भव न था......वुहान लैब कैंपस में काम करने वाले स्वीपर्स वाली उस नीली ड्रेस को पहने हुए ध्रुव की शक्ल भी अब उसकी नही थी....... वह हूबहू वुहान लैब में काम करने वाला चाइनीज़ स्वीपर'झांग म्याऊ' ही नजर आ रहा था.….सच मे विश्व के आठवें अजूबे की तरह ही हैरतअंगेज था 'रियल फेस टेक्नोलॉजी' कम्पनी द्वारा निर्मित यह इन्सानी शक्ल वाला फेस मास्क......इतना अधिक वास्तविक कि देखने वाला प्रत्येक इंसान ही धोखा खा जाए।

ध्रुव का छोड़ा हुआ प्रत्येक तीर निशाने पर ही जाकर लग रहा था।

अभी एकदम से बाहर निकलकर उस स्वीपर झांग म्याऊँ पर नजर रखना खतरनाक साबित हो सकता था....इसलिए ध्रुव ने अपने साथ लाये हुए एक हरे रंग की एक छोटी सी डिवाइस को गटर का ढक्कन खोल कर बाहर फेंक दिया, जो वहां मौजूद हरी घास में जरा भी नजर नही आ रही थी......इस डिवाइस में मौजूद हाई रेज्यूलेशन वाले पॉवरफुल कैमरे चारो दिशाओं में घूम घूम कर वहां आसपास होने वाली सारी गतिविधियों का सजीव प्रसारण सीधा ध्रुव के हाथ में मौजूद किसी स्मार्ट फोन जैसी एक अन्य डिवाइस की डिसप्ले में कर रहे थे।

कुछ देर की स्थिरता के बाद अचानक से वहां सामान्य सी चहल कदमी आरम्भ हो गयी......धीरे धीरे सर्वेंट्स क्वार्टर में से लोग निकल कर लैब की ओर बढ़ रहे थे........सभी ने चेहरों पर मास्क पहने हुए थे,इस कारण सामान्य तौर पर तो ध्रुव एवं जॉन के लिए झांग म्याऊँ की पहचान करना काफी कठिन था.....पर ध्रुव के हाथ मे मौजूद वह डिवाइस , कैमरो की नजरों से गुजर रहे प्रत्येक शख्श के चेहरे को बड़ी ही बारीकी के साथ पहले से स्टोर अपने डेटा के साथ मैच कर रही थी....…...और फिर जल्दी ही उसने लैब की ओर बढ़ रहे झांग म्याऊ को दूर से ही पहचान कर ध्रुव को अलर्ट कर दिया था।

झांग म्याऊँ आज अकेला नही था......उसका एक और स्वीपर साथी उसके साथ चला आ रहा था.....

कान में लगे ट्रांसमीटर के माध्यम से ध्रुव ने पहले से कनेक्ट जेनी को निर्देश दिए......

"जेनी.....अपना काम स्टार्ट करो......फास्ट "

वुहान प्रयोगशाला से ठीक एक किमी दूर एक पब्लिक पैलेस की पार्किंग में बहुत सारी छोटी,बड़ी गाड़िया पार्क थी.....इन्ही में से एक वह वैनिटी वैन भी थी,जिसका उपयोग इस वक्त जेनिफर अपनी कम्प्यूटर लैब के रूप में कर रही थी।

जैनी अपने सामने रखे लैपटॉप पर पहले से ही सक्रिय थी......तथा वुहान लैब के सर्वर को कंट्रोल करने के लिए सभी आवश्यक प्रोग्राम्स की कोडिंग भी कर चुकी थी......उसे बस इंतजार था ध्रुव के ग्रीन सिग्नल का....और फिर उसी सिग्नल के मिलते ही जेनी ने अपने हैकिंग प्रोग्राम्स को एग्जीक्यूट भी कर दिया।

उसके लैपटॉप की डिस्प्ले पर तेजी से भागते कीवर्ड्स के साथ ही 'completed' का जैसे ही नोटिफिकेशन मिला.......उसने तुरंत ही ध्रुव को सूचना दी।

"ड़न......हमने उनके सीसीटीवी सर्वर को अगले 05 मिनिट्स के लिए फ्रीज कर दिया है.......इस दौरान उन्हें पुरानी सीसीटीवी फुटेज ही रिपीट होती दिखाई देगी......पर यह सिर्फ 03 मिनट के लिए है......इतने समय मे ही तुम्हे झांग म्याऊ के साथ खुद को एक्सचेंज करने की प्रक्रिया पूरी करनी है....All the best"

Dhruv- "03 मिनिट्स काफी है......वेट एंड वाच।"

और फिर ध्रुव ने जॉन को इशारो में कुछ समझाते हुए बिना देर किए मेनहोल का गेट खोलते हुए ऊपर की ओर छलांग लगा दी।

अब ध्रुव द्वारा धारण झांग म्याऊँ के उस छदम चेहरे के ऊपर भी एक सर्जीकल मास्क पहन लिया गया था.....और वुहान लैब कैम्पस के अन्य स्वीपर्स की तरह ही कॉस्ट्यूम पहने होने के कारण वह बिना किसी के शक का आधार बने ही उसकी रास्ते पर आगे बढ़ने लगा जिस पर से अभी अभी अन्य स्वीपर्स गुजर रहे थे।

और इसी के साथ गटर के उस मेनहोल से तेजी से उड़ता हुआ एक छोटा सा आवाज रहित ड्रोन निकला , जिससे एक स्प्रे कैन भी अटैच था.....इस ड्रोन का कंट्रोल जॉन के हाथों में था.......तेज गति से यह ड्रोन ध्रुव को क्रॉस करते हुए उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहे झांग म्याऊँ और उसके साथी तक जा पहुंचा था......
अपने सिर के ठीक ऊपर किसी चहलकदमी का अहसास होने पर जब तक झांग ने ऊपर की ओर देखा तब तक देर हो चुकी थी.......कैन में भरे स्प्रे की उन पर बारिश हो चुकी थी.......स्प्रे इतना असरदार था कि मास्क पहने होने के बाद भी मात्र कुछ सेकेंड्स में ही वह दोनो लड़खड़ा कर नीचे गिर गए थे........ड्रोन अपना काम कर के एक बार वापस गटर के उस खुले मैनहोल की ओर बढ़ चुका था,जो वहां से मात्र कुछ फ़ीट की ही दूरी पर था......
इस से पहले यह वाकया किसी की नजर में आता....मेनहोल से निकल कर जॉन उन दोनों को खींच कर गटर की ओर ही ले जाने लगा.......और ध्रुव सब कुछ नजरअंदाज करते हुए अपने रास्ते पर आगे बढ़ता रहा,क्योकि उसके पास वक्त बहुत कम था......पर साथ ही वह झांग म्याऊँ को क्रॉस करते वक्त उसकी कमर पर लगे उस डिजिटल आईडेंटिटी कार्ड को साथ ले जाना नही भूला था।

यह जो कुछ भी हुआ तीन मिनिट्स के अंदर ही हो गया,अगर उस से थोड़ा भी ज्यादा समय लगता तो चप्पे चप्पे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से बचना ध्रुव और जॉन के लिए मुश्किल था।

कुछ ही देर में ध्रुव वुहान लैब के उस प्रमुख द्वार पर पहुंच चुका था.......जहां कुछ हथियारबंद सिक्योरिटी गार्ड्स मुस्तैदी के साथ पहरा दे रहे थे...वहां पहुंचे सभी स्वीपर्स अब एक कतार में खड़े हो गए थे....वुहान लैब की कई लेयर वाले सिक्योरिटी प्रोसेस की शुरुआत इसी द्वार से होती थी , जहां सबसे पहले गार्ड्स द्वारा मेन्युली सभी स्वीपर्स के कार्ड्स चेक करने के बाद ही आगे बढ़ने दे रहे थे.......

आईडी कार्ड को सफलतापूर्वक चेक कराने के बाद ध्रुव लैब के अंदरूनी भाग में प्रवेश कर चुका था, एक लंबी सी गैलरी और बरामदे को पार करते हुए वह लैब के प्रमुख भाग तक जा पहुंचा था,जिसके अंदर ही वह लाइब्रेरी मोजूद थी........ध्रुव के लिए अब असली चुनौती थी, उसे अब लैब की सुरक्षा प्रक्रिया के अगले और सबसे महत्वपूर्ण स्तर से गुजरना था ,अर्थात लैब का 'फेस रिकॉनाइजेशन सिक्योरिटी सिस्टम' ...... अब सब कुछ उसके चेहरे पर पहने हुए उसकी मित्रता का उपहार अर्थात स्पेशली डिजायन्ड स्किनी फेस मास्क की गुणवत्ता पर निर्भर था.........आंख के रेटिना अथवा चेहरे की बनावट की कॉपी करने में यदि जरा सा भी अंतर पाया गया तो वहां से ध्रुव का जिंदा लौट पाना मुश्किल था.......ऐसी स्थित में सिक्योरिटी सिस्टम में इस प्रकार का प्रोग्राम एक्टिवेट था,जो लेजर बीम्स के जाल के द्वारा सामने खड़े संदिग्ध व्यक्ति को स्वतः ही अपनी गिरफ्त में ले लेता था।

सबसे पहले ध्रुव ने अपने कार्ड्स को मशीन के स्वैपिंग प्लेस पर स्वैप किया.......सामने स्क्रीन पर ध्रुव की पहचान उस कार्ड के आधार पर झांग म्याऊँ के रूप में होने की पुष्टि की गई......और फिर उसी स्क्रीन पर एक और मैसेज ब्लिंक हुआ.....जिसके अनुसार ध्रुव को चेहरे पर पहने हुए सर्जीकल मास्क को हटा कर स्कैनर के सामने खड़े होने के लिए निर्देशित किया गया।

ध्रुव ने कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार पहना हुआ सर्जीकल मास्क उतारा और स्कैनर की ओर चेहरा कर के खड़ा हो गया।

स्कैनर द्वारा ध्रुव का फेस स्कैन किया गया, बस अब डिस्प्ले पर स्कैनिंग का रिजल्ट भी शो होने ही वाला था.....

Verified अथवा Not verified के रूप में।

ध्रुव भी इस समय अपनी बड़ी हुई धड़कनो के साथ भगवान से इस रिजल्ट के पॉजिटिव आने की दुआ कर रहा था.......क्योंकि उसका और उसके देश का भविष्य यही रिजल्ट ही तय करने वाला था।

( कहानी जारी रहेगी....।)