Maa Kab Aayengi - 11 in Hindi Spiritual Stories by Dikshadixit books and stories PDF | मां कब आयेगी - (भाग-11)

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मां कब आयेगी - (भाग-11)

सब लोग शादी की तैयारी में है।मीठी अपने कपड़े सबको दिखाती फिर रही है, पर शरद अभी तक तैयार नही हुए हैं, बह अपनी पहली पत्नी पूनम को ही देख रहे हैं, कहते हैं,

शरद: पूनम जब भी मैं कही जाता था तुम मुझे कहा करती जल्दी आना और अच्छे से काम करना चिंता न करें सब ठीक होगा, ऐसा आज नही बोलोगी मैं आज जीवन में अकेले ही ऐसा फैसला लिया हूं जिसमे तुम मेरे साथ नही हो मुझे आज बहुत अजीब लग रहा है, हालाकि रश्मि को सा अच्छे से जानते है पर पता नही क्यों मेरा मन घबरा रहा है ।
आज मेरा मन शांत करने के लिए तुम पास नही हो ऐसा लगता है सब होने के बाबजूद कुछ नही है ।

मीठी: पापा देखो मेरी ड्रेस के सी लग रही है मैं अच्छी दिख रही हूं ना आप अभी तक अपने कपड़े क्यू नही पहने आपको तैयार होना चाहिए जल्दी मां बड़े पापा सब बुला रहे हैं।

शरद: हां अभी होता हूं, उदय तैयार हो गया मीठी ।

मीठी: पता नही अभी बड़ी मां करेंगी शायद आप बस तैयार हो जाओ शादी आपकी है उदय की नही, आपके लिए जरूरी है तैयार होना।

शरद : मीठी सुनो बेटा इधर आओ।

मीठी: हां बोलिए जल्दी मुझे अभी बहुत लोगो को अपने कपड़े दिखाने हैं।

शरद: ठीक है पहले मेरी बात सुनो, जब हम अंश के घर चले जायेंगे तो बहुत व्यस्त होंगे आप अपना और उदय का ख्याल रखना और शैतानी बिलकुल नही करना खाना भी खा लेना और बड़ी मां के पास ही रहना।

मीठी: हस्ते हुए पापा मैं बड़ी हो गई हूं आप चिंता मत करो मैं ख्याल रखूंगी।

शरद: अच्छा बहुत बड़ी हो गई है, शैतान कही की।

मीठी जाते हुए : पापा जल्दी तैयार हो जाओ

शरद: ओके

सब लोग तैयार हैं शरद भी आ जाते है अब बस बारात जाने को तैयारी हो रही है सब खुश है। पर शरद का मुंह उतरा है आज बह किया कर रहे हैं उनको नही पता बस सोचते जा रहे हैं को सब अच्छा ही हो बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उठाया ये कदम उनका भविष्य ना बिगाड़ दे।
सब लोग रश्मि के घर पहुंच जाते है अच्छी तरह बारात का स्वागत होता है।

विनोद: अरे मीठी तुम्हारा लहंगा तो बहुत अच्छा हैं,

मीठी: और किया मैं अच्छी हूं तो लहंगा अच्छा होगा ही मामा जी।
सब लोग हंसते हुए बारात को अंदर लेते है।
आज बह होने जा रहा है जो मीठी के अच्छे बुरे का फैसला करेगा
मीठी के बड़े पापा जो भी करा रहे हैं, आज बैठे बैठे बह अपने छोटे भाई के फेरों को देख बह भी सोच में हैं, कभी मीठी की तरफ देखते है। तो कभी उदय की तरफ नजरें करते है बह अपने बच्चो को किसी प्रकार बस खुश जीवन देने के लिए ऐसा किए किया बह सही किए बस यही बात उनके मन को पहली बार कुरेद रही है की आज बह सही कर रहे हैं।
किया मीठी को जिंदगी आज से सौतेली मां सुधरेगी या उसका जीवन ही नस्ट कर देगी।

क्रमश: