Wrong Number - 8 in Hindi Love Stories by Madhu books and stories PDF | Wrong Number - 8

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Wrong Number - 8




वो लडकी जैसे यहा होकर भी यहा नहीं थी ज़िन्दा लाश कि तरह लग रही थी l




फिर से अर्जुन ने झँझोड़ा तब जाकर वो होश में आई l वो जाकर सीधे अर्जुन के गले लग गई बिलखने लगी वही उसके गले लगने से अर्जुन जम सा गया उसके हाथ हवा में हि रह गए..... कुछ उसे बोलते ना बना!!



वो लडकी सिसकते सिसकते हि अर्जुन के बाहो में झूल गई अर्जुन जल्दि से पकड लिया नहीं तो फिर से गिर पडती l

यार क्या मुसिबत है अब अब मैं इसे कहा लेकर जाऊ ले उसे गोद में लिये ले जाने हि लगा था कि उसके पैरो पर कोई चीज टकराई तो देखा उस लडकी का सेल फोन था l
फोन को उठाया ...खोलने लगा...






हैं.... ये क्या आज के जमाने में कौन भई है जो फोन बिना पासवर्ड के रखे है!!
उस लडकी पर अर्जुन ने नजर डाली उसका चेहरा दर्द से भरा हुआ था सूनी सूनी आन्खे ऐसा लग रहा था कि कबसे मुस्कुराई हि ना हो l

अर्जुन अपनी निगाहे हटाकर उसके फोन से किसी को काल करके घर का पता पूछा l

अर्जुन उस लडकी को लेकर उसको घर पहुंचा......घर को देखकर लग रहा था कि किसी बड़े घराने का हो बड़ी हि खूबसूरती से बना था!!

घर के बाहर हि एक औरत खडी थी उन्हे देखकर अर्जुन श मन में ....शायद इस लडकी कि माँ होगी!!

उन औरत ने जब अर्जुन पर नजर डाली देखा....वो अर्जुन को छोटी छोटी आँखो से घूरने लगी लपक के उसके पास पहुची....
क्या हुआ है मेरी बच्ची को और तुम कौन हो कहा मिली तुम्हें एक हि सान्स में पूछ गई l

अर्जुन ....पहले तो आप शान्त हो जाईये ये हमे रोड पर गुमसुम सी जा रही थी कितनी हि आवाजे दि अगर हमने इन्हें नहीं पकडा होता तो शायद......
फिर ये बेहोश हो गई इन्ही के फोन से आप को काल कि थी!!


हा ठीक है बेटा आप मैत्री को प्लीज़ अन्दर तक छोड दिजिये!! मैत्री के पापा भी नहीं है तो l (हा तो इस लडकी नाम मैत्री है) हम हम तब तक डाक्टर को बता देते हैं l

मन में वाह नाम तो बडा प्यारा है.... अरे अरे आप हाथ मत जोडिये बड़े लोग आर्शिवाद देती ना कि हाथ जोडती है l

अर्जुन सीधा मैत्री को उसके कमरे छोडता है

अर्जुन तब तक वही रहता है तब तक डाक्टर मैत्री देख नही लेते!

कुछ वक़्त बाद डाक्टर आते हैं जो कि मैत्री के फ़ैमिली डाक्टर होते हैं l

डाक्टर.. विशुना जी ...क्या हुआ है मैत्री बिटिया को
विशुना जी.... भाई साहब आप देख लिजिये पता नहीं अचानक बेहोश हो गई l

डाक्टर मैत्री को देखते है. ..फिर उसे इंजेक्शन लगा देते हैं!

विशुना जी मैत्री बिटिया को फिर से पैनिक अटैक आया है l हमने कहा था कि आप इन्हे कही भी अकेले नहीं भेजेगी l

नहीं भाई साहब हमे खुद हि नहीं पता था कि मैत्री बिटिया बाहर गई है हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई हमारी एक भूल से बिटिया जान को भी खरता हो सकता था l
वो वही सिसकने लगी l

विशुना जी रोईये मत बहुत आराम से बिटिया कि देखरेक करनी है , वो हादसा कहने हि जा रहे थे कि चुप हो गये!! ठीक है हम चलते हैं ये दवाई जगे तब दे देना इंजेक्शन दे दिया होश आ जायगा l
वो जाने हि लगे तो अर्जुन पर नजर पडी.... ये कौन है बहन जी?

विशुना जी.....यही लड़का मैत्री बिटिया को लाय है बहुत आभारी हूँ मै इनकी l

अच्छा!! कहकर अर्जुन पर फिर से निगाह डाल कर चले जाते है l

अर्जुन... पैनिक अटैक का सुनकर मैत्री को एकटक देख रहा था l बेहोशी के हालत में भी चेहर पर शिकन थी l उसे देखते ही अर्जुन को कुछ कचोटता सा महसूस हुआ l


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अर्जुन अपनी यादो से बाहर आया .....उस रोज के बाद से मैत्री कि मुलाकात ना हुई थी l

अर्जुन उस दिन कि छवी गाहे बगाहे नाचा करती थी वो मैत्री को भुला नहीं पा रहा था उसे देखने कि तलब सी लगी रहती पर वो जाता उसे देखने किस हक से l
अपनी तलब मिटाने के लिये सिगरेट का सहारा लेने लगा l उसे आदत ना थी... फिर भी जब हद से ज्यादा मैत्री कि याद आती तो... सिगरेट कि गश लेने लगता ll

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अयाची को नीन्द नहीं आ रही थी वो उठ बैठा एक नजर याचना के कमरे में जाकर याचना को देखा तो वो सुकू कि नीन्द सो रही थी दोनों पैर का बाहे बनाकर l
कम्बल नीचे पडा था... उसे उठाकर अयाची के ऊपर डाला उसके सिर पर हाथ फ़ेर कर बाहर आ गया l

छत पर चला गया ठण्डी ठण्डी हवाय चल रही थी हाथ बान्धकर खडा हो गया जुगनू जैसी लाईटे जगमगा रही थी उस अथाह अंधेरे में l
अपने लोअर से मोबाइल निकला किसी कि तस्वीर को निहारने लगा सुकून के साथ साथ बैचेनी बढने लगी.. ..धीरे धीरे अयाची की आंखों में गुस्सा ऊतर आया कुछ दृश्य घूम गये उस लडकी को किसी के गले लगते हुये देखा l

अयाची कि उम्र भला 30के पार थी पर उसकी शरीर गठीला बदन जैसा लगता खूब पसीना बहाता हो जिम में कन्जी आंखें उसकी खूबसूरती को औरभी बढाते है एक बार कोई कि निगाह उस पडे तो कुछ वक़्त तक ठहर हि जाय l
लड़कियां दूर से हि आन्हे भरती थी पर मजाल हो अयाची कि निगाहे किसी पर ठहरी हो l

अयाची कि निगाहे उस तस्वीर वाली लड़की पर ठहरी थी l

वो उस लडकी को अपनी बढती धडकनो का राज बताने हि जा रहा था कि वो लडकी किसी कि बान्हो का हार बनी थी
उसको देखते ही अयाची कि आन्खे सुर्ख लाल हो उठी हाथो कि मुट्ठियों को बन्द कर लिया उलटे पैर वापस आ गया जाते वक़्त उसकी आन्खो से एक कतरा बह गया l

किसी के देखने से पहले हि झट से साफ़ भी कर दिया !!

जारी है ..
स्वस्थ रहिये खुश रहिये!!