009 SUPER AGENT DHRUVA - 10 in Hindi Adventure Stories by anirudh Singh books and stories PDF | 009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 10

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 10

जिन दो लोगो को ध्रुव ने चंद मिनिटो में धोबी की तरह धो धो कर बुरा हाल कर दिया था ,उनकी इस कदर हालत कर दी थी कि वह अपने पैरों पर भी खड़े नही हो सकते थे, और असहाय अवस्था में कार की पिछली सीट पर पड़े कराह रहे थे......उन दोनो ने कुशल लड़ाके होने के बावजूद किसी अकेले,निहत्थे इंसान से इस कदर मार खाएगा,शायद कभी सपने में भी यह नही सोचा होगा.......यही वाकया ध्रुव की युध्द कला में महारत के स्तर को दर्शाने के लिए पर्याप्त था।

"Why are you supporting China even though you are an Indian?"


घायल अवस्था में टूटी फूटी जुबान में ही कार के बैक मिरर में ध्रुव का चेहरा गौर से देखते हुए उन दो यूरोपियन्स में से एक बड़बड़ाया।

कुछ सोचते हुए ध्रुव ने कार को सड़क किनारे रोका,कार के फ्रंट लॉकर में रखी हुई अपनी पिस्टल निकाली और उसकी कनपटी पर लगाते हुए गुस्से में चेतावनी दी.....

" I am not supporting china,but there is no reason to tell you All This.....Tell me Why did you attack Jenny,other wise Very soon I Will Send You Hell "

बदलें में जो तथ्य उनके द्वारा बताए,उस को सुन कर ध्रुव सोचने पर मजबूर हो गया......

ध्रुव द्वारा यह बताने पर कि उसके द्वारा चाइना की कोई मदद नही की जा रही है,और साथ ही ध्रुव के एक भारतीय होने के कारण उन दोनों यूरोपियन्स को उस पर भरोसा करते हुए सच बता देने के अलावा अब दूसरा कोई और चारा नजर नही आया, आखिर और वह कर भी क्या सकते थे,
उन्होंने बताया कि उनके नाम जॉन लुइस और थॉमस प्राइस्ट है, और वह दोनो ही जर्मन गुप्तचर संस्था बी.एन.डी. के लिए काम करते है.....वायरस की भयाभहता का प्रकोप झेल चुके जर्मनी ने ब्रिटेन के साथ मिलकर उन्हें एक ज्वाइंट ऑपरेशन पर चाइना भेजा था, उनकी चार सदस्यीय टीम में ब्रिटिश एजेंसी MI 6 के भी 2 गुप्तचर शामिल थे..वह वुहान की लैब से वायरस की एंटीडोट का फॉर्मूला चुराना चाहते थे.. उनके पास उस लैब तक पहुंचने का रास्ता भी मौजूद है,पर उस लैब का सिक्योरिटी सिस्टम इतने उच्च स्तर का है कि लैब कैम्पस के कंट्रोल रूम में सिर्फ वहां नियमित कार्य करने वालों को ही फेस रिकॉगनिशन सिस्टम द्वारा पहचान सुनिश्चित करके ही एंट्री दी जाती है,थोड़ी सी ही शंका होने पर ही तुरन्त ही सिक्योरिटी अलर्ट एक्टिवेट हो जाता है,फेस रिकॉगनिशन सिस्टम के सामने खड़ा शख्स एक सेकेंड्स से भी कम समय में लेजर बीम से बने हुए पिंजरे में कैद हो जाता है,और अगले कुछ ही सेकेंड्स में वहां मौजूद चाइना के सबसे खतरनाक कमांडोज की पूरी फौज वहां पहुंच जाती है.......हम इस समस्या से निपटने का समाधान खोज ही रहे थे पर उसी बीच हमें पता चला कि लैब के अंदर भी उस उस फॉर्मूले का कोई भी नामोनिशान वहां नही है....उन लोगों ने उस एंटीडोट फॉर्मूले को बनाने वाले सारे साइंटिस्ट को राजधानी बीजिंग में सेना के हेडक्वार्टर में बंदी बना कर रखा है और साथ ही डेटा चुराए जाने के ड़र से उस फॉर्मूले की सभी प्रकार की सॉफ्ट कॉपी डिस्ट्रॉय कर दी गयी है ..यह सब पता चलने से वह सभी हताश हो गए थे...इसी दौरान दुर्भाग्यवश एक सड़क हादसे में उनके एक ब्रिटिश साथी की मौत हो गयी,और दूसरा कोमा में चला गया।

जिनयांग शहर में ही उन्होंने अपना सेफ हाउस बना रखा है,उनका घायल ब्रिटिश साथी भी वहां इलाज ले रहा है....उसी कक्ष में एक मॉनीटरिंग डिस्प्ले लगा है, जहां से वह शहर के सीसीटीवी सिस्टम को हैक करके आसपास के हर मूवमेंट पर नजर रखते है.....आज कुछ समय के लिए उनके ब्रिटिश साथी कैल्विन अर्नोल्ड को होश आया था.....अचानक से उसकी नजर डिसप्ले पर दिखाई दे रही एक महिला पर पड़ी,जो चाइनीज़ नही थी......गौर से उसको देखते हुए कैल्विन कांपने लगा....और वह बार बार अपने हाथ को उठा कर उंगली से उस महिला की ओर इशारा कर रहा था....उसके चेहरे अलग प्रकार के भाव थे, कुछ बताना चाह रहा था पर उस से पहले ही एक बार फिर वह कोमा में चला गया..... फिर उन्होने उस महिला अर्थात जेनीफर की तलाश की ,और उसका पीछा करके उसे किडनैप किया।

ध्रुव को सारी कहानी समझ आ चुकी थी,जेनीफर भी कभी MI 6 की एक टॉप एजेंट रह चुकी है,शायद इसीलिए कैल्विन ने उसे पहचान कर उस से मदद लेनी चाही होगी,जिसका गलत अर्थ जॉन और थॉमस द्वारा समझा गया ।

ध्रुव द्वारा उनकी सुनाई इस कहानी की पुष्टि के लिए कई क्रॉस क्वेश्चन भी किये गए,पर अंततः वह उन से मिले प्रमाणित जबाबो के आधार पर सन्तुष्ट हो गया।

आमतौर पर विश्व की किसी भी संस्थाके गुप्तचर अपने मिशन को टॉप सीक्रेट रखते हैं,वह अपने मिशन से जुड़ी किसी भी जानकारी की खबर मरते दम तक अपने साये को भी नही लगने देते हैं,पर यहाँ स्थिति अलग थी, जॉन और थॉमस के पास सच बताना मजबूरी थी जिसको सुन कर कुछ देर सोचने के बाद ध्रुव को भी अपनी जरूरत पूरी करने के लिए अपना सीक्रेट बताना उचित लगा.....और फिर कुछ मिनिट्स के सफर के दौरान ध्रुव भी उन दोनों को अपनी वास्तविक पहचान बता चुका था.....
.....वहां से थोड़ी दूरी पर नेइयांग उनका इंतजार कर रहा था....जेनीफर अभी भी बेहोश थी।

जॉन और थॉमस की कार में उस इंजेक्शन का एंटीडोट भी एक लिक्विड ड्राप के रूप में मौजूद था,जिसकी कुछ बूंदे जेनिफर के मुंह में डालने के कुछ ही मिनिट बाद उसको होश आ गया....जेनीफ़र को सारा वाकया बताते हुए ध्रुव ने जॉन के फोन में मौजूद केल्विन की तस्वीर भी दिखाई.......वह सच में MI 6 का ही एक गुप्तचर था, जेनिफर ने तुरंत ही उसको पहचान लिया, अपने पुराने साथी को इस हाल में देख जेनिफर भी भावुक हो गयी.......
स्थिति अब एकदम अलग थी,कुछ देर पहले एक दूसरे की जान के दुश्मन हो रहे दो अलग अलग देशों के एजेंट अब इस मिशन में आगे काम करने के लिए एक हो चुके थे....आखिर उनकी उनकी मंजिले भी एक ही थी।
हालांकि इस एकजुटता के लिए उन्होंने अपनी संस्थाओं से अनुमति नही ली थी,क्योंकि उन्हें यकीन था कि रॉ ,बीएनडी और Mi6 तीनों ही एजेंसिया इतने संवेदनशील मिशन के लिए किसी भी प्रकार का रिस्क नही लेंगी.......पर अनऑफिसियल रूप से वह अब सभी साथ थे.......

सभी तुरन्त उस सेफ हाउस पहुंचे,जो जॉन और थॉमस का ठिकाना था.......केल्विन अभी भी कोमा में था......वहां पर एक ब्रिटिश डॉक्टर और नर्स भी मौजूद थी....जो कैल्विन की लगातार देखरेख कर रहें थे।
चाईना जैसे हाई सिक्योरिटी वाली कंट्री में इतने व्यवस्थित सेफ हाउस का होना, जर्मन और ब्रिटिश एजेंसियों की मजबूत जड़ो का प्रत्यक्ष उदाहरण था।

अब आगे की रणनीति सब को मिल कर बनानी थी,ध्रुव ने उन्हें बताया कि अभी भी एक आखिरी उम्मीद उस ऐब में मौजूद है ......और फिर शायद ईश्वर भी ध्रुव के साथ था,तभी तो उसका आधा काम पहले ही हो चुका था, जॉन और थॉमस के पास वुहान म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सर्वर से चुराए गए वुहान लैब के वह नक्शे मौजूद थे,जिनकी सहायता से एक गुप्त इमरजेंसी रास्ते के रूप में मौजूद गटर के रास्ते चुपके से उस लैब कैम्पस में एंट्री कर सकते थे.....अब प्रमुख समस्या थी कि कैसे इतने हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम और वहां मौजूद गार्ड्स एवं लैब के अन्य स्टाफ को चकमा देकर उस कंट्रोल रूम में प्रवेश किया जाए.......क्योकि लैब कैम्पस के मैप्स के अनुसार उस लाइब्रेरी में एंटर करने का एकमात्र रास्ता कंट्रोल रूम के अंदर से ही जाता था।

आगे की रणनीति पर अगले दिन से ही काम करने का निश्चय हुआ
,अभी फिलहाल जॉन और थॉमस को ध्रुव द्वारा दिये गए जख्मों में मरहम लगाने एवं आराम की सख्त जरूरत थी, विश्वस्तरीय गुप्तचर संस्था के एजेंट होने के बाद भी सामान्य से इंसानों की तरह मार खाने के कारण वह ध्रुव के आगे स्वयं को काफी शर्मिंदा महसूस कर रहे थे........

अभी ध्रुव चाइनीज एजेंसियों की नजरों में नही आना चाहता था,क्योंकि इससे उसका मिशन फेल हो जाने का पूरा खतरा था,और वह हर हाल में देश को बचाने की इस जंग में विजय होना चाहता था......इसलिये अभी वह कुमारास्वामी और जैकलीन की पहचान को कायम रखना चाहते थे.........उसकी लगातार अनुपस्थिति आईटी मीट्स के आयोजकों के मन में शंका उत्पन्न कर सकते थे,इसलिए फिलहाल ध्रुव और जेनीफर खुद के हाथों मार खाये जॉन और थॉमस को टेक केयर बोल कर होटल वापस लौट गए, पर ध्रुव का दिल और दिमाग में बेचैनी का समंदर उफान मार रहा था......उसकी मातृभूमि पर मंडरा रहे गहरे खतरे से पैदा बेचैनी.........।

.........कहानी जारी रहेगी.......