009 SUPER AGENT DHRUVA - 6 in Hindi Adventure Stories by anirudh Singh books and stories PDF | 009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 6

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 6

चाइना का जिनयांग शहर, जहां पर एक 'ग्लोबल आईटी मीट्स' का आयोजन किया जा रहा था, पांच दिन चलने वाले इस आयोजन में विश्व भर की तमाम आईटी कम्पनियों ने पार्टिशिपेट किया था, इसी मीट्स में एक कैनेडियन सॉफ्टवेयर कम्पनी 'टेक्नो-अल्फा' के प्रतिनिधि के तौर पर ध्रुव और जेनिफर चाइना के मेहमान के रूप में उपस्थित हो चुके थे,
दरअसल यह कम्पनी पूरी तरह से वर्चुअल ही थी,वास्तविकता में इस आईटी कम्पनी का कोई अस्तित्व ही नही था, यह तो रॉ द्वारा चाइना में एंट्री का एक रास्ता मात्र था, इतने कम समय में इस प्रकार के अव्वल दर्जे की प्लानिंग यह समझाने के लिए पर्याप्त थी कि रॉ की इंटरनेशनल पॉलिसी कितनी मजबूत है।

जिनयांग शहर से वुहान की दूरी बेहद कम है, मात्र दो घण्टे में कार द्वारा एक शहर से दूसरे शहर पहुंचा जा सकता है, रॉ द्वारा इस मिशन की शुरुआत इस आईटी मीट्स से करने के पीछे का भी मुख्य उद्देश्य यही था....

चाइनीज समय के अनुसार सुबह 06 बजे ध्रुव व जेनिफर को जिनयांग शहर के एक लक्जरी होटल में आयोजकों द्वारा ड्रॉप किया गया.....अगले तीन घण्टे बाद उन्हें होटल से थोड़ी दूर पर स्थित 'जिनयांग आइटी पार्क' में होने वाली मीट्स में सम्मिलित होना था।

और फिर कुछ देर बाद........आईटी मीट्स के दौरान स्टेज पर........प्रोग्राम की शुरुआत एंकर के द्वारा वहाँ उपस्थित सभी कम्पनियों के प्रतिनिधियों को स्टेज पर बुला कर इंट्रोड्यूस कराने के साथ हुई।

(पाठकों की सुविधा के लिए कहानी में चाइनीज करेक्टरों द्वारा किये गए वार्तालाप को भी 'हिंदी भाषा' में रूपांतरित करके प्रस्तुत किया गया है ।)

"ऑर्किड ग्रुप्स......हयात टेक्नोलॉजी ... क्राउन वेब के बाद अब मैं इनवाइट करूंगा 'टेक्नो अल्फा ग्रुप्स' को.........यह सॉफ्टवेयर फील्ड का एक ऐसा नाम है,जिसने साइबर सिक्योरिटी को एक नई परिभाषा दी है,बहुत ही कम समय में इन्होंने आईटी फील्ड में अपने नाम की धूम मचा दी है,इनके बनाये हुए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर्स हमारे डेटा को किसी भी प्रकार की हैकिंग से 100% सुरक्षा की गारंटी देते है, इनके सॉफ्टवेयर्स में आज तक कोई भी बग्स देखने को नही मिला है,.....प्लीज वेलकम मिस जैकलीन स्टुअर्ट फ्रॉम 'टेक्नो अल्फा'....

और फिर थोड़ी ही देर में जैकलीन स्टुअर्ट के रूप में जेनिफर स्टेज पर थी

"हेल्लो...लेडीज एन्ड जेंटलमैन ,आय एम जैकलीन स्टुअर्ट फ्रॉम टेक्नो अल्फा ग्रुप्स......"
एक कुशल आईटी प्रोफेशनल की तरह ही जेनिफर ने खुद को इंट्रोड्यूस किया था, और फिर अपनी कम्पनी और उसके द्वारा बनाये जा रहे एक चर्चित सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तारपूर्वक बताने लगी जेनिफर....

दरअसल कम्पनी के सीईओ मिस्टर पी.कुमारस्वामी इस मीट्स के पहले दिन कार्यक्रम में अनुपस्थित थे, उनके अस्वस्थ होने की सूचना मीट्स के आयोजकों को जैकलीन द्वारा दी जा चुकी थी, इसलिए स्टेज पर भी कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में जैकलीन को ही पुकारा गया था।

इधर जेनिफर द्वारा जैकलीन का किरदार बखूबी निभाया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर अब तक ध्रुव ,कुमारस्वामी के किरदार से खुद को बाहर निकाल चुका था।

लगभग 4000 सीसी इंजन वाली एक सफेद रंग की फरारी 488 पिस्ता कार जिनयांग से वुहान जाने वाली बेहद हाईटेक सड़क पर फर्राटे से भागती हुई वुहान शहर में प्रवेश कर रही थी,

इस कार में ध्रुव तो मौजूद था ही, साथ में ड्राइविंग सीट पर जो शख्स मौजूद था उसका नाम था 'शिन नेईलांग'....नेईलांग तिब्बत मूल का था,वर्षो से जिनयांग सिटी में रह कर एक कार ड्राइविंग स्कूल संचालित करता था....पर वास्तविकता में वह 'रॉ' के लिए ही काम करता था......वह भी बिना किसी व्यक्तिगत लालच के......तिब्बत पर चाइना द्वारा किये जाने वाले जुल्मो ने उसे अपनी मातृभूमि के दुश्मनों से बदला लेने के लिए हमेशा प्रेरित किया....भारत द्वारा तिब्बत के प्रति सहायतार्थ एवं सहानुभूतिपूर्वक रवैया होने के कारण नेईलांग हमेशा 'रॉ' के काम आता था.....और आज भी आ रहा था।
नेईलांग को हिंदी तो नही आती है,पर चाइनीज़ के अलावा अंग्रेजी पर उसकी अच्छी पकड़ थी.... 'ऑपरेशन वुहान' के बारे में सभी आवश्यक जानकारी उसको रॉ के द्वारा ध्रुव के चाइना पहुंचने से पहले ही दे दी गयी थी, और वह इस सम्बंध में अपनी ओर से हर सम्भव तैयारी भी कर चुका था।

रास्ते में नेईलांग ने ध्रुव को वुहान शहर एवं कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़े हुए कुछ सुने अनसुने तथ्य भी बताएं.....उसने बताया कि कैसे इस वायरस के फैलने के बाद चाइनीज गवर्नमेंट ने वुहान शहर पर विभिन्न प्रकार की पाबंदियां लगा दी, यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी इस वायरस एवं इसके वुहान कनेक्शन के बारे में कोई भी जानकारी सांझा करना कठोर जुर्म घोषित कर दिया.......जिस लैब में सबसे पहले इस वायरस की पुष्टि हुई थी,उससे जुड़े हुए तमाम साइंटिस्ट एवं अन्य कर्मचारी अचानक से ही गायब हो गए.......और भी बहुत कुछ।

ध्रुव चाइना में आया था वायरस की एंटीडोट का फॉर्मूला हासिल करने, जो कि आसान काम तो बिल्कुल भी नही था......इसलिए उसने शून्य से शुरू किया था.....वह वुहान लैब में वायरस के निर्माण के रहस्य के बारे में पूरी गहराई से उस सच को जान लेना चाह रहा था, जिसके बारे में दुनियाभर के वैज्ञानिक सिर्फ अटकलें लगा पा रहे थे।

"नेईलांग, इस वायरस के प्रकट होने के बाद से वुहान की आंतरिक परिस्थितियों एवं उससे रिलेटेड चाइनीज पॉलिसी की काफी महत्वपूर्ण जानकारी तुमने मुझे उपलब्ध कराई,उसके लिए शुक्रिया.....पर मैं वुहान लैब के रहस्य के बारे में विस्तार से जानना चाहता हूँ,यह कैसे सम्भव होगा।" ध्रुव ने नेईलांग का आभार व्यक्त करते हुए कहा,यह ध्रुव की बहुँमुखी प्रतिभा की ही एक और निशानी थी,कि वह एक आम चाइनीज की तरह ही वहां की भाषा को बोल और समझ सकता था।

नेईलांग-"सर,वुहान में मौजूद वह गवर्नमेंट लैब इस समय पूर्ण रूप से रिस्ट्रिक्टेड एरिया डिक्लेयर हो चुकी है,वहां जाने की परमिशन किसी को भी नहीं है....पर हम जिस शख्स से मिलने अभी जा रहे है, वह हमारी एकमात्र उम्मीद है, यदि उन्होंने हमारा साथ दिया तो आपके मिशन के सफल होने की उम्मीद काफी हद तक बढ़ जाएगी.....पर उम्मीद न के बराबर है,क्योंकि यह शख्स बेहद तुनकमिजाज और सनकी किस्म का है.....हमसे मुलाकात के बारे में वह चाइनीज सिक्योरिटी एजेंसीज को भी इत्तला कर सकता है।"

"कौन है वह, और यदि उनसे मिलने में इतना बड़ा रिस्क है तो किस बेस पर हम उनके पास मदद मांगने जा रहे है,नेईलांग।"- ध्रुव ने शंका व्यक्त की।

नेईलांग- "सर,उनका नाम प्रोफेसर चिन-सीवांग है वह वुहान यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रह चुके है,काफी वर्षो पहले वुहान लैब में भी उन्होंने यहां के टॉप मोस्ट साइन्टेस्ट के साथ काम किया है, वुहान लैब के एक युवा साइंटिस्ट प्रो.हांग-टिम-ली ने सबसे पहले इस वायरस को 'चाइना का वुहान निर्मित जैविक हथियार' बताने वाली अपनी रिपोर्ट एक न्यूज मैगजीन को पब्लिश करने हेतु सौंपी थी, यह उन दिनों की बात है जब कोरोना वायरस के नाम से भी दुनिया अनभिज्ञ थी, फिर कुछ दिन बाद ही मैगजीन के पब्लिशर्स को गवर्नमेंट ने टैक्स चोरी के आरोप में जेल में डाल दिया........और वह साइंटिस्ट अचानक से ही गायब हो गए,जिनका आज तक कुछ भी पता नही।
हांग टिम ली, कॉलेज के दिनों में प्रोफेसर चिन-सीवांग के सबसे प्रिय छात्र हुआ करते थे,सम्भव है कि टिम ली को इस वायरस के बारे में जो भी पूर्वानुमान थे,उसकी जानकारी प्रोफेसर को भी हो।"

नेईलांग ने पूरी रिसर्च कर रखी थी,इस मिशन से जुड़े हर पहलू के बारे में।

"हम्म.....यदि ऐसा था तो यहां की गवर्नमेंट ने प्रोफेसर को क्यों छोड़ दिया,जो टिम ली के साथ किया गया,उनके साथ भी तो हो सकता था?"
ध्रुव भी प्रोफेसर से मिलने से पहले उनके बारे में सब कुछ जान लेना चाहता था।

नेईलांग- "पिछले कुछ वर्षों से प्रोफेसर ने बाहरी दुनिया से खुद को एकदम अलग कर रखा है, लोगो से मिलना जुलना भी बंद कर दिया.... उनकी एक इकलौती बेटी थी,जो यू.एस में सैटल थी, उनकी पूरी फैमिली एक टेरेरिस्ट अटैक के दौरान मारी गयी,जिसमे उनकी 2 साल की पोती भी थी..यह अटैक एक बड़े ब्रिटिश राजनियक की हत्या के लिए रचा गया था,...प्रोफेसर भी उस दौरान वहीं थे,पर भाग्यवश वह बच गए.......तबसे वह पूरी तरह टूट चुके है, कहा जाता है कि इस अटैक के पीछे चाइनीज एजेंसियों का ही हाथ था,जिसका अंदेशा प्रोफेसर को भी हो गया था, अब ऐसे में यदि उन्हें हम पर भरोसा हो जाये,तो निश्चित ही हमारी मदद करेंगे।"

प्रोफेसर से मिल कर कुछ बात बनेगी,इस बात की उम्मीद न के बराबर थी, पर और कोई रास्ता भी तो न था, आखिर कहीं न कहीं से तो शुरुआत करनी ही थी.....यही सोच कर ध्रुव भी नेईलांग से पूरी तरह सहमत हो गया.....और फिर कुछ देर बाद वह दोनों लोग वुहान शहर में प्रोफेसर चिन-सीवांग के घर पर थे।

काफी देर वेल बजाने के बाद लकड़ी का वह पुराना सा दरवाजा खुला......और आंखों पर बड़ा सा चश्मा लगाये हुए बेहद मुरझाए से चेहरे वाले पांच फ़ीट के एक बुजुर्ग शख्स ने दरवाजा खोला और चाइनीज भाषा में ही प्रश्न किया।

"告诉我,我能怎么帮你?"

अर्थात

"कहिए,मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?"

नेईलांग ने तुरंत आगे बढ़ते हुए जबाब दिया...."प्रोफेसर...मैं शिन नेईयांग...मिस्टर चिन-झाऊ ने आपसे मिलने भेजा है....."

"चिन-झाऊ का फोन आया था मेरे पास इस बारे में..मुझे पता है तुम किसलिए यहां आए हो...पर मैं किसी की कोई मदद नही कर सकता, वापस चले जाओ"-प्रोफेसर ने बेरुखी के साथ बड़बड़ाते हुए कहा।

"प्रोफेसर, आपसे बात करना बहुत जरूरी है,आप हमेशा इंसानियत के पक्ष में रहे है....लाखो जिंदगियों का सवाल है...प्लीज "- नेइयांग ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए प्रोफेसर से निवेदन किया।

"माफ करो मिस्टर नेइयांग,मैं अंतिम बार बोल रहा हूँ, मैं किसी की कोई मदद नही कर सकता.....अब जाओ यहां से"

प्रोफेसर तो बात शुरू करने तक का मौका भी नही देना चाहते थे, उन्होंने जैसे ही दरवाजा पुनः बन्द करना चाहा, नेइयांग को पीछे धकेलते हुए ध्रुव आगे आ गया।
और तपाक से प्रश्न किया

"प्रोफेसर, मदद करने का वायदा करने के बाद भी मदद नही करोगे?"
प्रोफेसर को एक अनजान शख्स से इस प्रकार के सवाल की उम्मीद तो बिल्कुल भी न थी......कुछ सेकेंड्स तक गौर से ध्रुव का चेहरा देखते रहने के बाद......वह चौंक गए.....जैसे कि कुछ याद आ गया हो।

"त.....तुम ....तुम तो......धु..ध्रुव.....स्पेशल एजेंट ध्रुव फ्रॉम इंडिया......यस..यस...वही हो तुम.....तुम यहाँ चाइना में...."

शायद कोई पुराना कनेक्शन था ध्रुव से प्रोफेसर का।

"यस प्रोफेसर.....आय एम सुपर एजेंट ध्रुव।"

और फिर बिना देरी किये प्रोफेसर के घर और दिल दोनो के ही दरवाजे ध्रुव और नेइयांग के लिए खुल चुके थे।

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(कहानी जारी रहेगी।)