छाया बैठी बैठी काम कर रही होती है। तभी वो चक्कर खा कर गिर जाती हैं। ये देख कर आकाश घबरा जाता है और जल्दी से उसे उठाता है, और बच्चो से बोलता है कि, "जाओ मम्मी और पापा को बुला कर ले आओ"।
तभी बच्चे जल्दी से जाते है। आकाश छाया पर पानी छिड़कता है मगर वो नही उठती हैं। आकाश बहुत ही घबरा जाता हैं। तभी उसके भैया और भाभी आते है और बोलते है, "क्या हुआ ये कैसे बेहोश हो गई"
तब आकाश बोलता है, "अभी तो अच्छी खासी थी काम कर रही थी पता नहीं अचानक क्या हुआ गिर गई"।
तभी आकाश की भाभी जल्दी से उस पर पानी डालती हैं और उसे उठाती है मगर उसे होश नही आता है सभी बहुत ही परेशान हो जाते है। थोड़ी देर बाद छाया को होश आ जाता है। तब सबकी सास में सास आती हैं। तब छाया की जेठानी बोलती है, "क्या हुआ था चक्कर केसे आ गया था"।
तब छाया बोलती है, "पता नहीं दीदी मै तो काम ही कर रही थी, मगर पता नहीं अचानक क्या हुआ की चक्कर आ गया "।
तब छाया की जेठानी बोलती है, "तुम्हे कितनी बार कहा है कि अपना ध्यान रखा करो, खाना खाया था अभी "।
तब छाया बोलती है, "नही दीदी खाने ही जा रही थी "।
तब छाया की जेठानी बोलती है, "अरे वाह क्या बात है आपने अभी तक खन ही नही खाया, तुम कोई छोटी बच्ची नही हो जो तुम्हे कोई अपने हाथो से खिलाए, खुद खा नही सकती हो "।
तब छाया बोलती है, "अब ध्यान रखूंगी दीदी "।
तभी छाया के लिए उसकी जेठानी खाना ले कर आती है। और छाया खाने लगती हैं।
आकाश का भाई बोलता है, "अब मै चलता हूं क्योंकि मुझे शाम तक सारा काम करके देना है "।
तब आकाश बोलता है, "मुझे भी बहुत काम है भैया मुझे भी जल्दी जाना है "।
तब छाया की जेठानी बोलती है, "अच्छा है ठीक है अपने अपने काम पर जाओ छाया की फिक्र मत करो बच्चे हैं उसके पास "।
तभी दोनो भाई अपने अपने काम पर चले जाते है। छाया की जेठानी उसकी नज़र उतारती हैं और बोलती है, "हे भगवान कितनी बुरी नज़र लगी थी देखो तो मिर्च पूरी की पूरी केसे जल गई और धुआं भी नही आया, तुम्हे कितनी बार बोला है कि सबकी नज़र से बच कर रहा करो, बड़े ही बुरे लोग हैं ये बस खाली पीली बेठे बेठे सबको नज़र लगाते रहते हैं, चलो अब मैं भी जा रहि हू क्योंकि मुझे भी बहुत काम है "।
उसके बाद छाया की जेठानी भी चली जाती हैं।
थोड़ी देर बाद उठ कर छाया काम करने लगती है।
थोड़ी देर में आकाश की चाची आती हैं और छाया से बोलती है, "क्या हुआ था तुम कैसे चक्कर खा कर गिर गई थी, वो तो मुझे रवि की बीवी ने बताया, तभी में भागते भागते आई हू "।
तब छाया बोलती है, "वो कुछ नहीं बस हल्का सा चक्कर आ गया था "।
तब चाची बोलती है, "ध्यान रखा करो अपना, यू चक्कर आना अच्छी बात नहीं है, अरे एक बात बताऊं तुम्हे "।
तब छाया बोलती है, "जी कहिए "।
तब चाची बोलती है, "वो राणा नही है जो सड़क के उस पार रहता है, उसे इस बार भी बेटी ही हुई है, पूरे घर में मातम फेला हुआ है उसकी मां का तो रो रो कर बुरा हाल है, देखना अब वो अपनी बहू को भगा देगी और दूसरी बहू लाएगी जो उसे बेटा दे सके "।
तब छाया बोलती है, "मगर ये तो गलत है चाची जी "।
तब चाची बोलती है, "क्या गलत है बिलकुल सही करेगी राणा की मा उसे तो पहले ही भगा देना चाहिए था जब पहली बेटी हुई थी, पता नहीं किस चीज़ का इंतजार कर रही थी "।
ये सब सून कर छाया एक दम घबरा जाती हैं...........