Ishq hai sirf tumse - 13 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | ईश्क है सिर्फ तुम से - 13

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ईश्क है सिर्फ तुम से - 13

सुलतान कुछ देर बाद विला से चला जाता है । वह अपनी कार में बैठा था की तभी कुछ देर बाद रग्गा उसे कहता है।

रग्गा: बॉस अमजद की कार हमारे पीछे है।
सुलतान: ( शोखी मिजाज के साथ आंखे बंद करते हुए ) आबपारा बजार की ओर ले लो! ।
रग्गा: जी बॉस! ।
सुलतान: आगा को इनफॉर्म करके! ठिकाने पे पहोंचो! मैं सीधा एयरपोर्ट पर मिलूंगा तुम से ।
रग्गा: जी बॉस! ।

इतना कहते ही सुलतान आंखे खोलता है। वह कांच के बाहर देख ही रहा था की । तभी अचानक गाड़ी को रोकने के लिए कहता है । सुलतान तुरंत कार का दरवाजा खोलता हुए कार से उतर जाता है। और भागते हुए सामने मार्केट में जमी भीड़ में गायब हो जाता है। रग्गा और अज्जू! कार को जैसे कुछ हुआ ही नहीं। वैसे चला रहे थे। दूसरी ओर दो आदमी सुलतान के उतरते ही तुरंत दूसरी कार से उतरते हुए सुलतान जिस ओर गया था उसे और भागते हुए जा रहे थे। लेकिन फिर भी सुलतान किस ओर गया वह मालूम नहीं कर पा रहे थे । दूसरी और सुलतान अपने चेहरे को कैफियाह ( स्कार्फ ) से ढकते हुए! मार्केट को निहारते हुए चल रहा था । सुलतान ने कुछ दूरी तक पहुंचा ही था की उसकी नजर दो आदमी पर पड़ती है। जो इधर उधर किसी को ढूंढ रहे थे । उन लोगो को देखते ही सुलतान दूसरी ओर मुड जाता है। और सामने एक दुकान में चला जाता हैं । दुकान के अंदर ज्यादा भीड़ नहीं थी दो-चार लोग थे जो इधर उधर कपड़े देख रहे थे। सुलतान दुकान में दाखिल होते ही कुछ चीजें देख रहा था। शॉल, लड़कियों के ड्रेस, और कुछ दो तीन किस्म की चीजे बेची जा रही थी । सुलतान बस ऐसे ही चीजों को देखकर उसके बारे में पूछ रहा था। की तभी सुलतान तिरछी नजर से बाहर की ओर देखता है तो वह दोनो आदमी इस दुकान की ओर ही आ रहे थे । सुलतान आखिर की और चला जाता है। जहां पर एक लड़की खड़ी थी जो कुछ रुमाल देख रही थी। सुलतान पास में खड़े होते हुए! शॉल देखने लगता है। लेकिन उसका ध्यान अभी भी उन दो आदमी पर ही था। तभी दुकानदार उसे कुछ बाते बताता है! जिस वजह से सुलतान! बिना सोचे समझे! हां ठीक है पैक कर दो! । तभी! सुलतान के पास में खड़ी लड़की सुलतान की ओर देखते हुए कहती है ।

नाज: सुने! जरा!? ।
सुलतान: ( आसपास देखता है! की कहीं वह किसी और को तो नहीं कह रही । ) जी! ( लड़की की ओर बिना देखे। ) ।
नाज: वो! मैने वो शॉल ले ली है! वो मैं यहां रख कर चली गई थी। तो क्या आप प्लीज! ये शॉल ना ले! ।
सुलतान: ( नाज की आवाज सुलतान को किसी संगीत की तरह मोहित कर रही थी ।! ना चाहते हुए भी नजर उठाकर उसकी ओर देखता है! मानो जैसे उसकी आवाज में कोई जादू! हो । ) ।
नाज: देखिए! मैने मालूम है! आपने ले ली है ये शॉल! पर क्या आप मुझे दे सकते है क्या!? मैने मेरी अम्मी के लिए ली है! ।
सुलतान: ( जब नजर उठाके देखता है। तो सामने एक लड़की मास्क लगाए! खड़ी थी। दो ओर लटे उसके गाल के आसपास आगे पंखे की हवा की वजह से उड़ रही थी। उसकी आंखे! जैसे ही सुलतान की नजर उसकी आंखो पर पड़ी मानो सुलतान को वश में कर लिया हो!। जहां था वही जम सा गया था। आज पहली बार सुलतान दिल में कुछ हलचल सी हुई थी। मानो जैसे एक पल के लिए धड़कना भूल गया हो। सुलतान फिर खुद पर काबू पाते हुए नजरे दूसरी ओर फेर लेता है। कुछ सेकंड के लिए ही सही लेकिन सुलतान को आज पहली बार लगा जैसे उस पर किसी ओर का बस चला हो। ) ठीक है! । ( इतना कहते ही सुलतान शॉल को उसकी ओर दे देता है । ) ।
नाज: ( खुश होते हुए ) थैंक यू! थैंक यू! । ( शॉल को लेते हुए ) भाईजान! ये पैक करवा दीजिए! और ये दोनो भी ।
सुलतान: ( थूक निगलते हुए! एक बार फिर से उस लड़की की ओर देखता है। आज पहली बार है जब सुलतान हिचकीचा रहा था। सुलतान होठ पर जीभ फेरते हुए! खुद को संभालते हुए! नाज की ओर देखता है। वह पेकिंग करवाते हुए! दुकानदार से बात कर रही थी। तभी कुछ बाल उसकी आंखो के सामने आते हुए उसे परेशान कर रहे थे। नाज बालो को कान के पीछे लेते हुए! । दुकानदार को पैसे दे रही थी। भले ही उसने मास्क पहना हुआ था लेकिन फिर भी उसकी खिलखिलाहट से साफ पता चल रहा था की वह काफी खुश थी। सुलतान कब देखते देखते नाज को घूरे जा रहा था उसे पता ही नहीं चला! जब नाज ने उसकी ओर नजर घुमाई तब सुलतान एक पल के लिए ठहरते हुए नजर फेर लेता है। और फिर से इन कुछ सेकंड के दरमियान सुलतान के दिल में एक हलचल हुई मानो जैसे समुंदर में लहरे आने से जो उत्पात होता है। कुछ वैसी ही हलचल सुलतान को महसूस हो रही थी। सुलतान फिर से खुद को संभालते हुए गला साफ करता है! और कहता है। ) सुने!? ।
नाज: ( सुलतान की ओर देखते हुए! ) जी!? ।
सुलतान: ( इधर उधर देखते हुए ) आप बता सकती है! यहां पर गिफ्ट के लिए खास क्या है!? ।
नाज: आप खुद भी तो ढूंढ सकते है!? ।
सुलतान: मैं..! मुझे नहीं पता यहां पर क्या खास मिलता है।
नाज: ( बात को समझते हुए ) ओह! ट्रावेलर!?।
सुलतान: ( सिर को हां में हिलाते हुए जवाब देता। है। )।
नाज: ठीक! है! आपने शॉल मुझे ले जाने दी इसके बदले मैने इतनी हेल्प तो करनी है की आप अपनी बीवी के लिए अच्छा सा गिफ्ट ले जा सके! ।
सुलतान: ( सुलतान हड़बड़ाते हुए! नाज की ओर देखता हैं। ) मेरी.... वाइफ के लिए नहीं! मेरी बड़ी अम्मी के लिए! ।
नाज: ( सिर को हां में हिलाते हुए ) ओके! सॉरी! ।
सुलतान: ( फिर से दूसरी ओर देखते हुए सिर को हां में हिलाता है! वह ना जाने क्यों! नाज की नजरो से आंखे मींच रहा था। ) ।
नाज: ( शॉल लाते हुए । ) ये देखे! ये वाली शॉल ना बहुत ही प्यारी है! और ये वाला रंग उन पर जजेगा भी।
सुलतान: ( आश्चर्य में फिर से नाज की ओर देखता है। वह तो एसे बात कर रही थी मानो जैसे वह बड़ी अम्मी को सालो से जानती हो। ) ।
नाज: ( एक ओर शॉल दिखाते हुए ) ये देखे ये आपकी वाइफ के लिए! ये भी बड़ी प्यारी है! ।
सुलतान: ( ना चाहते हुए! भी मुस्कुरा देता है! । ये पहली लड़की है जो सुलतान को रिझाने के बजाए! एसे बात कर रही है! जैसे मानो सालो से सुलतान और उसके परिवार को जानती हो । और सुलतान से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता । ) मेरी वाइफ! वाइफ नहीं है! ( धीरे से कहता है। ) ।
नाज: ( जीभ को दांत से दबाते हुए हंसकर कहती हैं । ) सॉरी! मुझे लगा! ( सुलतान की ओर देखते हुए ) की आप शायद मेरिड होगे! खैर! गर्लफ्रेंड या फिर सिस्टर तो होगी! उनके लिए ले लीजिए! उन्हे पक्का पसंद आएगी ।
सुलतान: ( आइब्रो ऊपर करते हुए नाज की ओर देखता है। ) ओके! ( शॉल को पैक करवाने के लिए दे देता हैं। )।

सुलतान और नाज दोनो पैसे दे ही रहे थे की तभी सुलतान कार्ड निकालते हुए! पेमेंट करने ही वाला था की दुकानदार उसे मना करते हुए! पैसे नकद देने को कहता है। सुलतान पेट की जेब में पर्स निकालने के लिए हाथ डालता है। लेकिन उसके हाथ में कुछ नकद ( नॉट ) आती है। फिर उसे याद आता है पर्स तो होटल पर ही रह गया है। यह कुछ नकद और कार्ड रग्गा ने रखे होगे । सुलतान दुकानदार को नकद में गिनते हुए पैसे दे रहा था लेकिन कुछ पैसे कम पड़ रहे थे। जिस वजह से सुलतान एक शॉल वापस देने ही वाला था की नाज हाथ आगे बढाते हुए! दुकानदार को बाकी के पैसे दे देती है। दोनों अपनी अपनी बैग ले ही रहे थे । तभी सुलतान एक शॉल अपने बैग में से निकालते हुए नाज के बैग में रखता है। और अपना बैग उठाते हुए! दुकान से बाहर चला जाता है। सुलतान कुछ कदम चला ही था की उसे आवाज सुनाई देती है। सुलतान पीछे मुड़कर देखता है। तो वहीं लड़की उसे आवाज दे रही थी । सुलतान एक बार फिर से उसकी और नजर उठाकर देखता है! और इस बार भी उसके दिल में हलचल हो रही थी। सुलतान फिर आगे मुड़ते हुए! कहता है । " तुमने इसके पैसे दिए है! अगर फिर मुलाकात हुई! तो बाकी के पैसे जरूर लौटाऊंगा। " इतना कहते ही वह सड़क की दूसरी पार जाते हुए कार में बैठ जाता है। और वहां से चला जाता है । नाज वही मन ही मन कहती है! । पर ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड या सिस्टर के लिए ली थी। मैं इसे कैसे ले सकती हूं! । लेकिन वह ये बाते बोले उसे पहले ही सुलतान वहां से चला गया था।


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