जिंदगी अपना इम्तिहान जरूर लेती है ।
हम चाहे कितने भी क्यों न बदल जाए ।
पर वो नहीं बदलेगा जो हमने दूसरों के साथ किया है ।।
कुछ अच्छा , कुछ बुरा ।
हमारे कर्म तो हमे पहेचान ही जाएगे ,
क्योंकि समय इसका साक्षी है ।।
हमारे किए हुए अच्छे और बुरे कर्मों का फल हमे भुगतना ही पड़ता है ।।
" चाहो तो आज और मानो तो कल "
" किस्मत अपनी कुछ ऐसी है ।
राहे भी कांटे जैसी है ।।
कहे किसे दास्ता ।
काटे जब अपने ही रास्ता ।। "
शायराना भी कुछ ऐसी ही लव -स्टोरी है ।
एक अजब प्रेम की गजब कहानी ।
वही मेरी अपनी शायराना ।।
शायराना का मतलब होता है की शायरी करना ।
पर मेरे लिए इसका मतलब है की एक शायर की रानी ।
चाहे वो बेगम हो या शायरी " शायराना तो आखिर शायराना ही होती है ।।
चलो इतना भी कहा गहेराई मे जाना ।
मे उन सबका आभारी हु । जो मेरी जिंदगी मे आए ।
कुछ रहे और कुछ चले गए । किसी ने गम दिए और किसी ने खुशी ।।
इसका भी अपना अलग मजा है । मीठे के साथ तीखे का तड़का ।।
ये कहानी मे उसके लिए लिख रहा हु ।
जो दबेपाव मेरी जिंदगी मे आई । और उसने ना तो सिर्फ मुजे बल्कि मेरी जिंदगी को भी बदल दिया ।।
कभी - कभी पता नहीं चलता है की प्यार करना इंसान की मजबूरी है की आदत ।।
मुजे तो बस इतना पता है की इंसान प्यार किए बिना रह नहीं सकता ।।
मेरी कहानी भी कुछ ऐसी ही है ।
अक्सर मै सोचता हूँ की वो ना आती तो अच्छा था ।
और फिर लगता है की वो ना आती तो मै आज मै नहीं होता ।।
उसके बिना मै आधा हो चुका था । और शायद वो मेरे बिना ।।
उसके बिना तन्हाई सी महेसुस होती थी । और शायद इसीलिए आज मे यह कहे रहा हूँ ।।
" तन्हाईयों से मत डरो दोस्त ।
क्योंकि
अक्सर तन्हाईया भी जीना सीखा देती है ।। "
मुजे आज भी उसका इंतज़ार है की ।
जिंदगी के किसी मोड पर वो आएगी ।
और कहेगी की चल अब इतना भी क्या रूठना ।
भुला दे सारे गिले -सिकवे , और बनजा फिर से पहले जैसा ।।
" काश की वो आलम फिर से आ जाए "
पता नहीं पर कुछ ऐसा हुआ की ये आलम थम सा गया ।
अभी तो वो मेरे सामने थी और अब गायब ।।
हम एक - दूसरे को चाहने लगे थे । में बस उससे बोलने ही वाला था ।
और फिर ये लम्बा फासला ।।
रिस्तों मे दूरिया न बनने दो क्योंकि ।
तन्हाईयों मे बिछड़े लोग ही बहुत याद आते है ।।
याद आती है उनकी वो आदते ।
वो बात - बात पे रूठना - मनाना ।।
वो भी आज मुजे याद है । एक आदत की तरह । और शायद मै उसे ।।
मै उससे प्यार करने लगा था । पर पता नहीं कब और कैसे ।।
उसकी वो मुस्कुराट । वो मीठी सी बाते मुजे आज भी याद है ।
और याद भी क्यों ना हो भाई । प्यार जो किया था ।
बस बोल ही नहीं पाया । शायद यही प्यार हो ।।
" AS LIKE BEGINNING OF LOVE "
मेरी जिंदगी मे कुछ ऐसा हुआ की
" मै हारा भी तो अपनी रानी से "
प्यार करना अच्छा लगने लगा था मुजे ।
प्यार मेरे लिए जिंदगी बन चुका था । और वो मेरी जान ।।
प्यार मुजे सोना लगने लगा था । इसलिए तो ऐसा हुआ की ।।
" प्यार सोना बन गया
और
राज राज ही रहे गया "
ना जाने क्यों पर हजारों की भीड़ मे भी मेरी नजर उसे ढूंढा करती थी ।
वो ना हो तो भीड़ मे भी तन्हाईया और हो तो तन्हाईयों मे भी भीड़ लगती थी ।
यही तो होती है बदलते वक्त की दास्ता ।।
आज मै शायराना चाहता हूँ पर लब्ज नहीं है मेरे पास । गुन - गुनाना चाहता हूँ ।
पर वो भी कहा मेरे बसमे ।।
वो कुछ सुनती नहीं और लब्ज कुछ बोलते नहीं है ।
क्योंकि आज वो मेरे पास नहीं है ।
मै अपने आपसे ही शायराना करता हूँ । और गुन - गुनाता हूँ ।
खैर पर ये भी सबके बस मे नहीं होता ।
गुन - गुनाना और वो भी तन्हाईयों मे ।।
कहते की यादे साये की तरह होती है ।
वो हर - लम्हा , हरपल हमारे साथ रहती है ।।
" शायद आखरी साँस तक "
बस ये यादे ही तो है । जो इंसान को जिंदा रखती है ।।
वरना इस बेदर्दी दुनिया मे कोन किसका है ।
मै भी आज कुछ इसी तरह जी रहा हूँ । उसकी यादों के साथ ।।