Boss in Hindi Fiction Stories by Yogesh Kanava books and stories PDF | बॉस

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बॉस

डॉली अपने केबिन मे लगे शीशों से देख रही थी कि बाहर एक पुरूष बैठा है कोई एक घण्टे से । वो बार-बार उसी के केबिन की ओर देख लेता था और फिर बैठ जाता था । उस व्यक्ति की इस प्रकार की उपस्थिति डॉली को डिस कम्पफर्ट कर रही थी । उसने इन्टरकाम पर गोरखा को चिल्लाकर कहा -

- हू इज आउट साइट माई केबिन, थाउजैण्ड्स आफ टाइम आइ हैड टोल्ड यू, आइ डान्ट वान्ट टू सी अगली फेसेज आफ मैन ।

वो चिल्लाकर बोलती रही, गोरखा क्या बोल रहा था उसने नहीं सुना । गुस्से से तमतमाया चेहरा लाल हो गया था । उसने पानी का ग्लास उठाया पानी पिया और फिर अपना ध्यान काम मे लगाने लगी थी लेकिन उसका मन नहीं लगा । एक झटके से वो उठी और केबिन का दरवाज़ा खोलकर उस आदमी की ओर देखा । वो ज़ोर से आवाज़ लगाकर बोली तमन्ना कम हियर, फिर वो उस आदमी की ओर देखकर यस व्हाई यू आर हियर ?

वो कुछ बोलता इससे वो फिर से बोली कम इन साइड । वो कहकर सीधे अन्दर चली गई पीछे-पीछे वो व्यक्ति भी भीतर चला गया । जैसे ही वो अपनी कुर्सी में बैठी तो वो अचानक ही बोला - ओह तो आप डॉली है, बाय द वे आई एम नीले मिस्टर थॉमस सेन्ट मी टू यू ।

- ओह

वो भूल गई थी कि आज सुबह कम्पनी के चेयरमैन मिस्टर थॉमस ने फोन कर कहा था कि एक व्यक्ति उसके अण्डर मे भेज रहे हैं । इधर नीलेश को उम्मीद नहीं थी कि उसकी बॉस उससे इतनी कम उम्रवाली और इतना होगी । वो फिर भी मुस्कुरा कर बोला

- डॉली एम हियर एण्ड आइ थिंक ----

- नीलेश आइ डान्ट वान्ट टू नो व्हाट यू थिंक, आइ वान्ट वर्क हियर अण्डरस्टेण्ड ।

नीलेश ने फिर से मुस्कुराकर यस डॉली ।

डॉली को नीलेश का यह व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था । इस ऑफिस में आज तक किसी ने भी डॉली कहने की हिम्मत नहीं की थी । सभी यस मैम बोलते हैं । आफिस में पचानवे फीसदी से ज्यादा लड़कियां ही काम कर रही थी । केवल सिक्यूरिटी स्टाफ मेल था ऐसे मे नीलेश का यहा आना और उसे डॉली ही कहकर सम्बोधन देना उसे बहुत अखर रहा था । वो बाली - ओ के गो टू केबिन नम्बर टेन एण्ड तमन्ना विल टेल यू व्हाट यू हैव टू डू ।

इधर तमन्ना डॉली के केबिन मे आ गई थी बोली यस मैम

-लिसन दिस ईज -----

-नीलेश वो तपाक से बोला

-ओके डोन्ट ट्राई टू बी ओवर स्मार्ट आई रिमेम्बर यूअर नेम, ओ के तमन्ना गो विल सी यू लाटर ।

नीलेश भी डॉली की इस प्रकार की खीज पर केवल मुस्कुरा रहा था और धीरे से उठकर तमन्ना के साथ चला गया ।

नीलेश लगभग तियांलीस साल का था लेकिन दिखने मे कोई तीस से ज्यादा नहीं था उसने कभी नहीं सोचा कि इतनी कम उम्र की बॉस होगी उसकी । डॉली कोई तीस साल की थी लेकिन उसने अपने आपको इतना मेनटेन कर रखा था कि वो केवल अट्ठारह -बीस की ही दिखती थी । जब तक वो नहीं बोलती तब तक लगता था कि वो मासूम परी है लेकिन बोलते ही लगता था एक बेहद कड़क बॉस है ।

दिनो को निकलना था निकलते गए, डॉली जो शुरू में नीलेश को एक ऐसा व्यक्ति मान रही था जो थोड़ा सटका हो, कभी भी डॉली के कमरे में आ जाता था और कॉफी मग उसे भी थमा देता था । कई बार डॉली के मन आया उसे फटकार दे लेकिन न जाने क्यों वो उसे कभी भी फटकार नहीं पाती थी । आज भी नीलेश दो मग कॉफी के थामे डॉली के कमरे में दाखिल हो गया । डॉली आज काफी उखड़ी हुई थी सच में उसे भी कॉफी की ज़रूरत महसूस हो रही थी कोई देवदूत सा नीलेश कॉफी लिए सामने खड़ा था उसने बिना कुछ कहे ही नीलेश के हाथ से कॉफी का मग ले लिया और पीने लगी । कॉफी ख़त्म करके नीलेश बोला

-डॉली मुझे अभी जाना पड़ेगा ।

-कहां

-आज बेटी की स्कूल बस ख़राब है उसे लेकर आना है ।

-आपके बेटी है ग्रेट

-यस एट्थ स्टेण्डर्ड में है वो

-उसकी मदर ले आएगी

डॉली की बात सुनकर नीलेश चुप हो गया ---- फिर ठहर कर बोली

-सॉरी डॉली माय वाइफ इज नोट अलाइव

-व्हाट

-यस टेन ईयर्स बैक ड्यू टू केन्सर शी लेफ्ट अस

-ओह सो सॉरी - प्लीज गो एण्ड पिक द किड ।

नीलेश चला गया लेकिन डॉली के लिए गई सवाल छोड़ गया था । क्या नीलेश की दूसरी वाइफ बच्ची की केयर नहीं करती है । दूसरी वाइफ है भी या नहीं । खैर कोई दो घण्टे के बाद नीलेश वापस आ गया था और अपने केबिन मे अपने पेन्डिंग काम निपटाने मे लग गया था । डॉली के कमरे से बाहर सब कुछ दिखता था लेकिन बाहर वालों को अन्दर का कुछ भी नहीं दिखता था । डॉली ने नीलेश को देख लिया था सो इन्टरकॉम पर उसे तुरन्त आने को कहा ।

-नीलेश के आते ही डॉली ने पूछा

- नीलेश आपकी वाइफ की डेथ के बाद तो सैकण्ड मैरिज की होगी ना ।

-नहीं डॉली बस मैं और बेटी ही हैं । सुबह उसको स्कूल के लिए तैयार कर बस में बिठा देता हूँ दोपहर को आकर वो अपना होमवर्क करती है । सो जाती है शाम को हम दोनो खूब गप्प लगाते हैं । दैट्स आल

-ओह मीन्स यू आर सिंगल

-नो मी एण्ड माय डॉटर

थोड़ा समय और निकल गया इस बीच कारपोरेट कल्चर के नाते एकाध बार आफिसियल पार्टीज में नीलेश ने डॉली के साथ ड्रिन्कस ली थी सो आज अचानक ही डॉली ने नीलेश से पूछा -

- विल यू लाइक टू हैव ड्रिंक विद मी दिस इवनिंग

वो बोला

- नेवर माइण्ड, माय डाटर हैज गोन टू हर नानाज हाउस एण्ड विल बैक आफ्टर थ्री डेज

- ओह सो यू आर अलोन टूडे, ओ के विल मीट बाय इवनिंग

दोनो अपने-अपने काम मे लग गए । शाम होते ही डॉली ने नीलेश को कहा

- आप अपनी बाइक यहीं छोड़ दो मैं छोड़ दूंगी, कल सुबह आफिस की टैक्सी मंगवा लेना

- ओ के

नीलेश अपनी बाइक आफिस मे ही छोड़कर डॉली की गाड़ी में बैठ गया । गाड़ी मे बैठते ही उसे कुछ अलग तरह की गंध आयी । आज पहली बार किसी महिला की गाड़ी मे बैठा था वो गाड़ी मे दो ग्लास सोडा और ब्लेक डॉग की बॉटल रखी थी । डॉली ने पूछा गाड़ी मे ही लोगे या मेरे घर चलोगे । नीलेश बोला

- बट ----

- डोन्ट वरी एम सिंगल, अपुन के आगे पीछे कोई नहीं बॉस, एकदम अकेली समझे

-ओह

-व्हाट हैपण्ड

-कुछ नहीं

-तो चलें

-जी

डॉली ने गाड़ी गियर मे डालकर पार्किग से निकालकर मेन रोड़ पर डाल दी । कोई पन्द्रह मिनट की ड्राइविंग के बाद एक पॉश कालोनी में गाड़ी मुड़ गयी । गाड़ी पार्क करके अपने साथ नीलेश को लगभग घसीटते से वो लिफ्ट की ओर चल दी । ग्रेट होराइजन के पच्चसीवें माले पर था उसका फ्लेट । नीलेश उसके साथ हो लिया लेकिन उसने याद दिलाया कि वो बॉटल तो गाड़ी मे ही छोड़ दी । डॉली बोली कोई बात नही कम आन अपने पर्स से चाबी निकाली और फ्लेट का ताला खोला । अन्दर दाखिल हुए और बड़ी ही लापरवाही से पर्स एक तरफ फेंक कर बोली

-नीलेश बी कम्फर्ट, एम बैक इन फ्यू मोमेन्ट्स

नीलेश लिविंग रूम के सोफे में बैठ गया,सोफा टू सीटर था । वो फ्लेट की सजावट देख रहा था ज्यादातर करीने से लगाया हुआ, लग ही नही रहा था कि किसी सिंगल का फ्लेट है तभी अचानक डॉली आ गई एक नए अवतार में । पूरी तरह यूनानी देवी वीनस की तरह, एक दम ट्रान्सपेरेन्ट गाउन जिसमे से शरीर पूरा झांक रहा था । मानो अरेबियन परदे के पीछे कोई शोख हसीना झांक रही हो । फ्रीज से एक बोटल ब्लेक डॉग और सोडा निकाला, दो ग्लास रख दिए और फ्रीज में रखे कबाब को लेकर माइक्रोवेव ओवन में गर्म किया । नीलेश के एकदम लगभग चिपक कर उसी सोफे में बैठ गयी थी डॉली, दो पैग बनाए और नीलेश की ओर बढ़ा दिया । नीलेश थोड़ा सा संकोच में था उसने सोफे के कोने मे अपने आप को समेटने की कोशिश की । इधर डॉली का दहकता यौवन टू सीटर सोफे पर एकदम सटा हुआ कैसे अपने आपको संभाले समझ नहीं पा रहा था , एक-एक पैग ख़त्म कर दूसरा पैग लिया तभी वो बोली नीलेश आर यू नॉट ईजी --- कम आन यार रिलेक्स यू आर सो लक्की, ---- तुम्हारी बगल मे बैठी हसीना खुद अपने आपको सोंप रही है

-नहीं डॉली ये सब ठीक नहीं है

-क्यों

-बस मैं समझता हूँ ये सब ठीक नहीं है

-बट आई नीड यू राइट नाउ

-ये तुम नहीं ये दारू बाल रही है

-कम आन यार लीव इट । ऐसे अभी चार पैग और पी लूं तो भी मुझे असर नहीं होगा । आई टेक एटलीस्ट फाइव लार्ज पैग डेली तभी कमबख्त नींद आती है ।

-क्यों ऐसा क्या है जो तुम्हे सोने नहीं देता

-यू नो आई हेट मैन, बट नाउ यू आर दे एक्सेप्सनल

-व्हाई यू हेट

-नीलेश मैने प्यार किया था पूरी शिद्दत से और वो कमीना केवल मेरे तन का भूखा था मेरे पैसे का भूखा था अब साठ लाख सालाना कमाने वाली लड़की अगर हो तो उसे कमाने की कहां सूझती है बस कुछ नहीं करता था । पूरे दिन मेरे पीछे से ना जाने कितनी लड़कियों को लाता था । एक दिन मैने देख लिया बस उसी दिन से मुझे नफ़रत हो गई पूरी मरदजात से आई थिंक मैन इज मैन ।

-ओह ये बात है

-बट नाउ आई नीड यू कम आन नीलेश आई कांट टोलरेट नाऊ

-नहीं डॉली मैं ऐसा नहीं कर सकता हूँ, मैने भी प्यार किया है अपनी पत्नी से, दस बरस से मेरी तपस्या है आज तक मैने किसी दूसरी औरत की तरफ उस नज़रिए से देखा तक नहीं है

-इट मीन्स यू आर सेलिबेटिंग ओर इज इट एबस्टिनेन्स

-तुम जो भी समझो लेकिन मैं अपनी मरहमू पत्नी को धोखा नहीं दे सकता हूँ

-बट आई नीड यू

वो उसके लगभग चिपकते से बोली और बाहों में लेकर जबरदस्त तरीके से चूमने लगी । वो लगभग चिल्ला पड़ा

-डॉली बिहेव यूअर सेल्फ, व्हाइल आइ सेड नो मीन्स नो, आई कान्ट डू दैट

बस इतना कहा और उसके फ्लेट से निकल गया । बाहर आकर टैक्सी की तथा अपने घर पहुँच कर पत्नी की फोटो लेकर रोने लगा । जब भी वो ज्या़दा पी लेता था तो अक्सर वो पत्नी की फोटो को साथ लेकर रोने लगता था । लेकिन हमेश उसकी बेटी उसे संभाल लेती थी । आज बेटी घर नहीं थी सो वो जी भर कर रोया । कब नींद आई मालुम नहीं लेकिन सुबह आंख खुलते ही एक निर्णय लिया । कागज निकाला कुछ लिखा और सीधा कम्पनी ऑफिस चला गया अभी लोगों का आना शुरू नहीं हुआ था बस सिक्यूरिटी वाले ही थे वो सीधा पहले अपनी केबिन मे गया कुछ ज़रूरी कागज़ लिए और एक कागज़ डॉली की केबिन मे उसकी मेज पर रख वो वापस घर चला गया ।

उधर डॉली कोई नो बजे बाद ही नींद से जागी थी थोड़ा जल्दी जल्दी उसने अपना काम निबटाया, लेकिन सर फटा जा रहा था सो एक पैग हैंग आवर से उबरने के लिए और पी लिया तथा आफिस के लिए रवाना हो गयी । अपनी केबिन में जाने से पहले वो नीलेश की केबिन मे गयी लेकिन नीलेश को नहीं पाकर सोचा शायद अभी उठा ही नहीं होगा ।

अपनी केबिन में आकर बैठी तो सामने एक चिट्ठी रखी थी देखा तो आज न जाने क्यों उसे बहुत ही बुरा महसूस होने लगा था । वो चिट्ठी कुछ और नहीं नीलेश का त्याग पत्र था । उसने फोरन नीलेश का कॉल लगाया लेकिन नीलेश ने काल अटेण्ड नहीं किया था । वो नीलेश का घर नहीं जानती था लेकिन आफिस ड्राइवर को लेकर सीधे नीलेश के घर पहुँची वहाँ ताला मुँह चिड़ा रहा था जो शायद कह रहा था - डॉली तुम्हे तो पुरूषें से ही नफ़रत थी ना फिर क्यों एक अनजान से पुरूष के लिए इतनी तड़प, दरअसल ये नफ़रत नहीं पुरूषों के लिए बल्कि उसके प्रति अपने भीतर पनपते आकर्षण को मारकर जबरदस्ती नफ़रत का नाम दे रही हो ।

ना जाने क्या सोचकर वो वहीं बैठ गई और इतना ही बोली, नीलेश मुझे माफ कर देना, मेरी नफ़रत वाकई झूठी है , एक छलावा है मेरे भीतर भी तो प्यार ही प्यार है । मुझे भी प्यार चाहिए, बस प्यार ।