009 SUPER AGENT DHRUVA - 2 in Hindi Adventure Stories by anirudh Singh books and stories PDF | 009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 2

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 2

यूरोप में स्थित झीलों का देश फिनलैंड , जो देश मे मौजूद सुन्दर प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है......फ़िनलैंड जो दुनिया का सबसे खुशहाल देश भी माना जाता है.......गरीबी,अशिक्षा,बेरोजगारी आदि समस्याओं से मुक्त इस देश की राजधानी हेलसिंकी के एक बड़े से स्टेडियम में एक विचित्र प्रतियोगिता चल रही थी......इस दौरान बहुत से कपल्स मैदान में मौजूद थे......उनमे से पुरुष प्रतिभागी अपनी महिला पार्टनर को गोद मे उठा कर रेस पूरी कर रहे थे......यह फिनलैंड का सबसे दिलचस्प खेल था, जिसको देखने के लिए स्टेडियम में उत्साह से भरें हुए दर्शकों की भारी भीड़ मौजूद थी...... रनिंग ट्रैक पर पूरे दमखम के साथ दौड़ते इन युवाओं को दर्शकों द्वारा बजती हुई तालियों सीटियों से भरपूर शोर और भी प्रोत्साहित कर रहा था ।
1600 मीटर की यह रेस बस अपने अंतिम दौर में ही थी, तभी एक अजूबा हुआ........इन युवाओं की टोली को बिजली की गति से पीछे छोड़ता हुआ एक अधेड़ जोड़ा तेजी से फिनिशिंग प्वाइंट् की ओर बढ़ा....... जिसमे सिर पर केसरिया पगड़ी और दाढी पहने हुए छह फुट के लंबे तगड़े 50-55 साल का पुरूष हुलिए से सरदार और लगभग इतनी ही उम्र की उसकी पार्टनर एक गोरी ब्रिटिश लग रही थी.......यह दृश्य देखकर आश्चर्य से सभी दर्शक अपनी कुर्सियों से खड़े हो कर शोर मचाने लगे.......और फिर ट्रैक पर दौड़ रहे अन्य प्रतिभागी भी बक्के हो कर अपनी आंखों के सामने उस जोड़े को फिनिशिंग लाइन क्रॉस करते हुए देखते रहे।

जोरदार आवाज में हो रही इस प्रतियोगिता लाइव कमेंट्री को सुनकर सभी को इस जोड़े के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हुई
"व्हाट अ परफॉर्मेंस........अनबिलीबेबल.....अनबिलीबेबल........टुडे दिस इंडियन कपल्स ब्रेक द ऑल रिकॉर्ड ......एन्ड द विनर्स आर मिस्टर जोगिंदर गिल एन्ड मिस कैथलीन गिल......कांग्रचुलेशन बोथ ऑफ यू"

और फिर इनामो की बारिश हुई इस कपल्स के ऊपर ,साथ ही वहां मौजूद एंकर ने उनसे इस उम्र में भी इतने जबरदस्त स्टेमिना का राज भी पूंछा.....तो इसके जबाब में सरदार जी ने ठेठ पंजाबी में ही जबाब दिया....

"अजी, हम ठहरे इकदम देशी पिंजाबी.....खाने में बस वोही सरसो दी साग ,मक्के दी रोटी और लस्सी ....चंगा खाओ,चंगा जियो..…....तभी तो 55 दी उम्र में भी फिट है.....तुस्सी भी चखना कभी......पिंजाबी फ़ूड.......घोड़े से तेज भागोगे"

हालांकि वहां मौजूद किसी को भी ये हिंदी पंजाबी कुछ समझ नही आया,फिर भी लोगो ने तालियां तो बजा ही डाली.....

कुछ देर बाद......

स्टेडियम से बाहर एक दूसरे का हाथ थामे यह जोड़ा टैक्सी लेकर कुछ दूर चला ही था........कि अचानक चार-पांच कारो ने उस सुनसान सी सड़क पर टैक्सी को ओवरटेक करते हुए रास्ता ब्लॉक कर दिया, जिसमे से गुंडे जैसे हुलिए वाले कुछ लोकल युवा हाथों में बेसबॉल के बैट लेकर नीचे उतरे..... ...और टैक्सी की ओर बढ़ने लगे....उन सभी के इरादे तो बिल्कुल भी नेक नही लग रहे थे........उनकी संख्या लगभग 15-20 थी,वह सभी टैक्सी को घेर कर खड़े हो गए और टैक्सी ड्राइवर को धमकाते हुए सरदार जी को बाहर निकलने का इशारा किया...

सरदार जी और उनकी ब्रिटिश वाइफ अभी भी टैक्सी की पीछे वाली सीट पर बैठे हुए थे.......

तभी एक और कार में से एक रईसजादा आंखों पर चढ़े काले चश्मे को निकाल कर अपनी कार में ही फेंकता हुआ गुस्से से सरदार जी के कार के पास आया।

"कम हेयर, यू रास्कल"

उसने सरदार जी को बाहर निकलने के लिए धमकाया....जबाब में सरदार जी ने मुस्कुराते हुए पूंछा
"ओय पाजी की गल है, नाराज लग रे हो"
अब सरदारजी की जुबां तो उन लोगो की समझ से परे थी.....इसलिए उनकी ब्रिटिश वाइफ ने तुरन्त ही अंग्रेजी रूपांतरण करते हुए पूंछा

"व्हाट हैप्पन...एनी प्रॉब्लम"

जबाब में सामने खड़ा हुआ शख्स 'चेहरे पर रहस्मयी मुस्कान लिए सरदार जी' की ओर घूर कर चिल्लाया.......
"....यू बीट मी बास्टर्ड ओल्ड मैन, आई विल ब्रेक योर बोथ लेग्स.....इंडियन डॉग........"

मामला साफ था, प्रतियोगिता में हार जाने का सदमा यह शख्स बर्दाश्त नही कर पाया था, और अपने साथियो संग सरदार जी से बदला लेने आ पहुंचा था,

तभी अचानक जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने नही की थी.....बिजली की रफ्तार से टैक्सी का गेट खुला , और सामने खड़े उस रईसजादे की छाती पर पड़ी एक जबरदस्त ठोकर ने उसे गेंद की भांति कई फ़ीट दूर जा फेंका....वह ठोकर इस कदर शक्तिशाली थी कि उठने की बस एक नाकाम कोशिश के साथ वह रईसजादा लड़खड़ाता हुआ दोबारा जमीन पर जा गिरा...और उसके साथ खड़े भाड़े के गुंडों ने अचरज से आंखे फाड़ कर पलट कर देखा तो आंखों के सामने उस ब्रिटिश अधेड़ महिला को खड़ा पाया........
तो क्या इतनी ताकतवर किक इस महिला ने मारी थी,जिसने उस रईसजादे को चारो खाने चित कर दिया था।

क्योंकि सरदार जी तो अभी भी टैक्सी की उसी पिछली सीट पर बैठ कर पैर पर पैर रखे मुस्कुरा रहे थे ।

अगले ही पल वह सभी बदमाश एक साथ उस महिला के ऊपर टूट पड़े.......पर गजब की फुर्ती थी उस महिला में ,उसने न सिर्फ खुद को चारों ओर से घेरे उन बदमाशो को धक्का देकर खुद को छुड़ाया.....वह तो हवा में कलाबाजियां खाते हुए कुछ ही सेकेंड्स में उन सबके मुंह और नाक मुक्के मार मार के सूजा दिए..इस प्रकार के जबाबी हमले की उम्मीद तो उन्होंने सपने में भी नही की होगी...मात्र थोड़े से समय मे ही वहां मौजूद एक भी शख्स अपने पैरों पर खड़ा होने लायक नही बचा था।

"यू एब्यूसेड इंडिया....वो ससुराल है मेरी ....नेवर डू इट अगेन"

हिंदी और अंग्रेजी मिश्रित धमकी देने के बाद वह महिला टैक्सी में जा बैठी

और फिर यह दृश्य देखते हुए माथे से पसीना पोंछते हुए टैक्सी ड्राइवर ने तुरंत ही अपनी टैक्सी को गंतव्य स्थल की ओर दौड़ा दिया।

फिर कुछ देर बाद हेलसिंकी शहर के मोनेरिको झील के तट से सनसैट(सूर्यास्त) का एक सुंदर दृश्य.... इसी झील के किनारे ऊंचाई पर बसी हुई सफेद रंग के सुंदर यूरोपियन मकानों की कॉलोनी 'सेंट जार्ज रॉयल रेजीडेंसी' का हाउस नम्बर 'बी 22'........जिसमें अभी अभी टैक्सी से उतरने के बाद वह सरदार जी एवं उनकी खतरनाक फाइटर वाइफ ने एंट्री ली थी।

"जेनिफर....तुम्हे कंट्रोल करना चाहिए थ..पहले उस कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट करने की जिद और फिर उन लफंगों की धुलाई....इस तरह से हम यहां लोगो के संदेह के घेरे में आ सकते है"

B22 की किचिन में खड़े सरदार जी ने जूसर में फलों के कुछ टुकड़े डालते हुए पास खड़ी अपनी वाइफ से शिकायत भरे लहजे में कहा।

"सॉरी ध्रुव.....पर सच तो यही है, इंडिया मेरा भी तो बर्थ पैलेस है....कंट्रोल नही होता जब कोई उसके लिए बुरा बोलता है तो....."

"ऑफकोर्स स्वीट हार्ट.....इंडिया तुम्हारा ससुराल और मायका दोनो ही है.....बट अभी जिन सिचुएशन्स में हम रह रहे है,बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है..न जाने कितने लोग हमारे पीछे है....इंडियन और ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों के लिए तो हमारा अपराध बस इतना है कि हम दोनो ने उनके प्रोटोकॉल तोड़े है......पर तालिबान और आईएसआईएस ....मत भूलो जेनी हमने उनकी कमर ही तोड़ डाली थी.....और आज तालिबान फिर से मजबूत हो चुका है....ऐसे में उसके टॉप मोस्टवांटेड हम दोनों ही होंगे....बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है वह........इसलिए कुछ टाइम और हमें इन्ही नई शख्शियत,नई पहचान के साथ जीना होंगा......"


तो इतना तय था कि सरदार जी के भेष में वह शख्श इंडियन सुपर एजेंट ध्रुव ही था......।

........कहानी जारी रहेगी.......