Everything Is Over in Hindi Fiction Stories by Bhawani Bhai books and stories PDF | Everything Is Over

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Everything Is Over

0Everything is over ..Kya se kya ho gya

प्रताप अखिलेश दो भाई .. दोनो अपने गांव की सम्पति बेच कर शहर में बस जाते है.... प्रताप आज एक साधारण मिडिल क्लास जीवन जी रहे है। हां सुखी जीवन जी रहे है। वही अखिलेश एक अच्छे खासे रईस बन चुके है , बढ़िया प्रोपर्टी बना ली .. और उनका अपना ज्वेलरी शोरूम भी है। आनंद से जीवन व्यतीत कर रहे है।

प्रताप की 4 संतान राजू , विवेक, सोनम,प्रियंका।

राजू कहानी का नायक है... पढ़ाई में होशियार एक कल्पनाओ में जीने वाला लड़का है, जिसे हर बेहतर व्यक्तित्व में खुद की झलक दिखती हैं। जैसे सचिन , अम्बानी, धोनी....। उसका सपना है कि वो दुनिया का सबसे बड़ा आदमी बनेगा... एक दिन।
राजू के सुख दुःख के दो साथी है ...एक उसका मन जो चंचल है... दूसरा अंतर्मन जो शीतल .. अक्सर वो दोनों से सलाह करता रहता है... वैसे ये दो दोस्त हर इंसान के पास है..

पिता की आमदनी कम होने के कारण राजू ज्यादा पढ़ाई न कर पाया ,और पापा का दुकान में हाथ बटाने लगा।

राजू और बड़ी बहन सोनम की शादी एक ही दिन हुई।
सब बहुत खुश थे,

लेकिन राजू की माँ अपनी बेटी प्रियंका की शादी के लिए परेशान है, क्योंकि जो भी रिश्ता लाता है दहेज की मांग रखता है।

वही गुप्ता जी जो अखिलेश औऱ प्रताप जी के मित्र है। वो प्रताप के मिडिल क्लास होने का मजाक उड़ाते है। जिससे राजू को क्रोध आता है लेकिन कुछ लोग बीच बचाव कर बात को खत्म करते है।

कुछ दिन बाद

अखिलेश के बच्चों की शादी में राजू का परिवार भी वहाँ पहुंचता है।जहाँ रानी अखिलेश के ठाठ बाठ देख कर, राजू को अपनी लालसा बताती है की उसका भी सपना है कि , उसकी जिंदगी भी राजा रानी की तरह हो।यही से राजू पेसो के लिए महत्वकांक्षी होता है।

उधर मेहंदी फंक्शन में एक महिला रानी के कम सोना पहने होने के कारण उसका मजाक उड़ाती है , और उधर राजू का मजाक उसका जुवारी दोस्त रमेश उड़ाता है । जिसने जुए से करोड़ो कमाए है और जिसका उसे घमण्ड भी है।
शादी से घर वापस आने पर सारा परिवार खुश है । वहां हुई बातो को भुला चुका है, लेकिन राजू अब अमीर बनने की ठान चुका है और पिता से बात करता है की क्यो न वो भी कोई नया बिजनस कर खूब पैसा कमाए

पिता उसे बहन की शादी के लिए रखे पेसो में से कुछ पैसे लेकर मनपसन्द व्यापार करने को कहते है।

राजू व्यापार का सोचता है लेकिन उसके दिमाग मे सिर्फ रमेश चल रहा है। टीवी पर फ़िल्म में इमरान हाशमी को मिनटों में करोड़पति बनते देख उसके अंदर भी जुए की लालसा जगने लगती है।
राजू की तलब उसे जुवा खेलने के लिए गफूर के पास ले जाती है।

गफूर के पास जुआ खेलता है और काफी पैसा जितता है। लेकिन जल्द ही हारना शुरु करता है और काफी ज्यादा हार जाता है।गफूर उसे पैसा लाने को कहता है। पैसा चुकाने के लिए राजू घर से सारा पैसा चोरी करता है।
प्रताप घर मे पैसा न पाकर परेशान हो जाते है, तब राजू बताता है कि उसने सारा पैसा बैंक में जमा करवा दिया।
।इस बीच बहन की शादी तय हो जाती है, तो प्रताप राजू से पैसा लाने को कहते है। राजू घबरा जाता है , लेकिन शादी का बजट ज्यादा होने के कारण प्रताप राजू को लोन लेने को कहते है। राजू मकान गिरवी रख , पापा को बीना बताये अधिक लोन लेकर सारे पैसे ले आता है।

जब सब शादी में आनन्द ले रहे है ... तो राजू कर्ज की चिंता में डूबा है। धीरे धीरे वो दिन रात mcx में ट्रेड करने लगता है। उसे लगता है जो पैसा उसने यहाँ डुबोया है , यही से निकाल लेगा।
फिर धीरे धीरे वो सब कुछ हार जाता है। तनाव में पत्नी से प्रेम भी खत्म होने लगता है।

जुवे के लालच में ओर इस उम्मीद में की एक दिन वो सब वापस पा लेगा , मोटे ब्याज पर रकम उठा लेता है और कर्ज के दलदल में बुरी तरह फंस जाता है।

तब सहायता के लिये बचपन के दोस्त हरि से मदद मांगता है। लेकिन हरि उसे बताता है कि वो खुद एक महिला के प्यार के चक्कर मे बर्बाद हो गया, और लोगों का कर्जदार हो गया।
राजू अब दिन रात पैसो की चिंता में ही खोया रहता है ,अचानक एक दिन रमेश के सुसाइड करने की खबर आती है, की अधिक कर्ज के कारण रमेश ने सुसाइड करली। जिसे सुन राजू को पेनिक अटेक आता है। इस घटना से उसके मन मे डर बैठ जाता है, मौत का... यदि कर्ज न चुका पाया तो उसे भी मरना होगा ।
अब उसे अमीर नही बनना उसे अपनी पहले वाली जिंदगी चाहिए थी। सिर्फ कर्ज मुक्त होना है।
हरि राजू को उसके पिता को सारी समस्या बताने को कहता है लेकिन राजू बताने इनकार कर देता है।क्या पता उसके पिता ये बात सहन कर पाएंगे या नही।


अखबार की खबर जिसमे एक अमीर आदमी अपनी सम्पति कुते के नाम कर देता है ,ये खबर पढ़ राजू नेता , अभिनेता,बिजनसमेन, समाजसेवी आदमियों से सम्पर्क करने की कोसिस करता है , की कोई उसका कर्ज उतारने में उसकी मदद कर दे....यहाँ तक कि वो प्रधानमंत्री को भी लिख देता है , लेकिन उसकी मदद कोई नही करता।हालांकि उसकी बात write to pm app के अधिकारी से होती है लेकिन राजू अपने मन की बात कह नही पाता।
अब उधारी वाले भी पैसा मांगते है , जिससे उसे और ज्यादा भय सताने लगता है, परेशान हो वह सुसाइड करने की कोशिश करता है। लेकिन उसका अंतर्मन उसे बचा लेता है।
हरि उसे बताता है कि नोटबन्दी हो गई है, जिसमे हम भी पैसा कमा सकते है। दोनो नाकाम कोसिस भी करते है ..और ये जान कर और दुखी होते है कि अखिलेश ने नोटबन्दी में खूब कमाए।

हार कर राजू lic करवा कर मरने को निकलता है।
और एक पुल से कूद जाता है।
वही एक लड़की सारा उसे बचा लेती है ।
और उसे चमड़ी के बदले दमड़ी देने का ऑफर देती है।
राजू अपने अंतर्मन को मार कर ,मन की मान कर उसके साथ सम्बन्ध बनाने को तैयार हो जाता है।

अब सारा उसे अमीर बनने के लिये महिलाओ नई नई महिलाओ से नाजायज सम्बन्ध बनाने के लिए अलग अलग शहरों में भेजती है। राजू न चाहते हुए भी सारा के साथ चल पड़ता है।

राजू अब खूब पैसा कमा रहा है।mcx में सौदा करता है उसमें भी फायदा ही फायदा।
कई शहरों में घूम फिरने के बाद ...एक दिन राजू और हरी मिलते है।

हरि ने राजू के लिए पेसो का इन्तजाम कर लिया है । ये बात वो राजू को बताना चाहता है। लेकिन तभी
हरि की गाड़ी में धमाका होता है और हरि की मौत हो जाती है। राजू हरि की मौत से बौखला कर सारा के पास जाकर उससे लड़ता है ..तब राजू के सामने सचाई आती है कि सारा उसका कैसे इस्तमाल कर रही थी।

राजू सारा को पुलिस के पास जाने कि धमकी देता है। सारा उसे उसके परिवार को खत्म करने की धमकी देती है ।
राजू घर पहुंच कर अपने परिवार को सारी घटना बताता है। तभी एक धमाके में घर मे मौजूद सभी खत्म हो जाते है।

मरने से पहले राजू अपने भाई विवेक को सारी बात बता चुका होता है।
एक समय विवेक भी हिम्मत हार चुका था, लेकिन उसने मन को मार अंतर्मन की सुनी और एक पुलिस अफसर बन गया।
राजू से हुई बात के आधार पर विवेक सारा को ढूंढ उसे सजा देता है और आपसे पूछता है.....

आपने किसकी सुनी ??? अपने मन की या अंतर्मन की???