The Author Vyas Dhara Follow Current Read नोटबुक के पन्ने ..... By Vyas Dhara Hindi Poems Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books मोमल : डायरी की गहराई - 35 पिछले भाग में हम ने देखा कि अब्राहम और मोमल फीलिक्स को लेकर... दरिंदा - भाग - 10 प्रिया के घर जाने के कुछ घंटे बाद शाम को जब राज आया तो आज उस... खामोश चाहतें - पार्ट 3 रात का सन्नाटा हमेशा एक अजीब सा सुकून लेकर आता है। जैसे पूरी... शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 22 "शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -२२)कई बार हालात भी अज... छोटा सा अहंकार आज काजल बहुत गुस्से में ऑफिस से निकली थी। गुस्से का कारण कुछ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share नोटबुक के पन्ने ..... (1) 1.4k 4.3k 🍁 नोटबुक के पन्ने 🍁.....हर एक नोटबुक के पन्नों पर कुछ ना कुछ खास लिखा है। हमने भी तो तुझे उन खास अल्फाजों से कुछ ना कुछ कहा है ।ऐसे मैंने तुझे हर नोटबुक के पन्नों पर लिखा है। ऐसे मैंने तुझे हर गजल कविता में जीया है। तुम दुनिया में चाहे जहां भी रहो। लेकिन मेरी नोटबुक में मैंने तुम्हें पास लिखा है। हर एक नोटबुक के पन्नों पर मैंने तुम्हें खास लिखा है। 📖 📖 📖 📖 📖 " खो दिया है खुद को ✨ ......"खो दिया है कहीं खुद को, तराश रहे हैं कहीं खुद को,मिल जाएंगे अगर खुद को,तो मिलाएंगे सबको ।मिलकर किसी से, पाया था खुद को ।मिलकर भी अब किसी से, मिलते नहीं है खुद को ।नहीं मिले खुद को अगर, तुझ में खुद को खोया हुआ बता देंगे । 💢 💢 💢 💢 💢 " नाव ...."तुमसे नाराज,नहीं यारा, नहीं याराइश्क किया, इश्क किया बेपनाह कीया, बेपाक किया ।मैंने तुमसे यारा ।तुमने मुझसे किया इश्क किताबोंवाला ।किसी ने मझधार में नाव को डूबते छोड़ा । कई नाव यूं ही डूबी जाती है, समंदर में, इम्तिहान तूफा का आते । 💫....💫....💫....💫....💫 " तो क्या हुआ 💫........"एक बार फिर से दिल ही तो टूटा है । तो क्या हुआ ।अब जैसे जींदगी भी हमसे रूठी है । तो क्या हुआ ।सपने हैं बड़े और समय है कम, , तो क्या हुआ ।मंजिल है दूर और रास्ते हैं, कठीन तो क्या हुआ ।आगे तो चलना है । पर चल नहीं पाते, तो क्या हुआ ।आगे चलते भी हो लेकिन ठोकरें लगती है । तो क्या हुआ ।दिल से कोई पूछता नहीं । केसे जी रहे हो तुम, तो क्या हुआ ।अगर कोई पुछ भी लेता, तो बताने का जी नहीं करता । तो क्या हुआ ।आज नहीं बताओगे, शायद कल नहीं बताओगे । तो क्या हुआ ।तो क्या हुआ । पर शायद आईने में भीगी मुस्कान के साथ खुद को एक बारतो पुछोगे ।तो क्या हुआ ।आज थोड़े अंधेरे में हो पर रोशनी की नजदीक हो ।यही काफी है ।तुम अकेले नहीं, तुम खुद के साथ हो ।यही काफी है ।जींदगी में बहोत कडवे लम्हे मिले हैं। पर, साथ में मीली सीख मीठी ट्राफी है ।बस इस वक़्त को संभल जाओइस वक़्त को संभल जाओयही काफी है । ✨ ✨✨ ✨ ✨ " गिर गए हैं "........।आज गिर गए हैं, तो फिर से उठ जाएंगे । आज बिखर गए हैं, तो फिर से निखर भी जाएंगे । अपने जख्मों पर मरहम भी हम ही लगाएंगे । जरूरी नहीं कि चोट तन की ही लगे । कभी अल्फाज भी अंदरूनी घाव दे जाते हैं । खुद को इतनी शिद्दत से चाहेंगे, की सारे घाव यू ही भर जाएंगे । आज गिर गए हैं, तो फिर से उठ जाएंगे । ।🍁। 🍁। 🍁। 🍁। 🍁। मंजिल को पाने के लिए, सफर तय करना होता है । सफर के हर मोड़ को छोड़कर आगे जाना होता है ।✍️ Dhara Vyas ✨📖 Download Our App