BARIS - 2 in Hindi Short Stories by diya books and stories PDF | बारिश - 2

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बारिश - 2

दोनों लडकिया अंदर जाती हैं।

लुना मिटिंग रुम की तरफ बढ ही रहीं थी, तभी

" आ...... हमारे तो भाग ही खुल गये आपको देखकर मिस लुना।

लुना ( फिर से नहीं ......)और आवाज़ की और पलट कर देखतीं हैं।

लुना- हैलो रवि सर गुड मोरनीग

रवि सर-( हसी के साथ) गुड मोरनीग गुड मोरनीग
(अचानक से गुस्से में ) कैसी मोरनीग क्या मोरनीग टाइम देखों और तुम्हारा शैड्यूल का टाइम क्या है, तुम क्यु हर बार मेरा बीपी बढा देती हो, तुम्हे पता है ना कि आज तुम्हे प्रेज़न्टैशन देना है, और अगर हमें ये प्रोजेक्ट मिल गया तो तुम्हारी promotion होनी पक्की है, तो फिर तुम क्यु इस बात को इतना लाइटली ले रही हो ( रवि एक सांस में बोलता है)

सोहा- सर प्लीज काम डाउन....

लुना- वो सर में कल देर रात तक मूवी देख रहीं थीं और फोन सायलेंट में था इसलिए मैंने मैसैज नहीं पढा ।

रवि- मूवी तुम्हारी आज इतनी इम्पोर्टेन्ट मिटिंग थी......आ...... मुन तुम कब सुधरोगी

लुना- फाइनली आप रवि सर से रवि सीनियर के मुड में आ गये।

रवि एक सेकेंड के लिए उसे देखता है और फिर हंसने लगता है।
रवि- क्या करुँ तुम्हारा मुन

लुना- वेसे सीनियर डोंट वरी मैंने सारी preparation कर ली है, ये डील पकका हमे ही मिलेगी और मेरा promotion भी होगा। और उसकी पार्टी आप ही देंगे ( लुना ने अपने बालों को झटकते हुए कहा)

रवि- अरे में क्यु

लुना- देखिए कोलेज में आप मेरे सीनियर थे और अब यहा भी में आपकी ऑफिस यानी की आपके अंडर ही काम कर रही हु। और आप इस कंपनी ceo के भाई और इस कंपनी के right hand है।
तो आपके एमपलोइ होने के नाते पार्टी आप ही देंगे।
( लुना ने मासूम सा चहेरा बनाकर कहा)

रवि- मुन..... तुम.....

लुना जलदी से मिटिंग रुम की तरफ जाते हुए
" मिटिंग में मिलते हैं
और चली जाती है।

रवि- आइ होप सब कुछ अच्छा हो ।

सोहा- डोंट वरी सर मुझें मुन पर पुरा भरोसा है, वो बहुत अच्छा करेगी।

रवि -hope for the best
और मिटिंग रुम में चला जाता है।

( रवि,लुना और सोहा सेम कोलेज से थे। हालांकि रवि लुना और सोहा का सीनियर था, पर उन लोगों में बहुत अच्छी बनती थी, रवि की पढाई खत्म होते ही उसने अपने भाई के साथ कंपनी join कर ली,
वो आदर्श की तरह बहुत काबिल था। और उसने ही सोहा और लुना की काबिलियत देख कर जोब ओफर की थी। वो लुना को अपनी छोटी बहन की तरह मानता था, इसलिए वो उसे लेके कुछ ज्यादा ही वरीड था)

In meeting

आदर्श- सो मिस लुना अपना प्रेजेंटेशन शुरु कीजिए।

लुना एक बार रवि की तरफ देखती है, रवि उसे आंखोंसे all the best कहता है।
लुना एक लंबी सांस लेकर अपनी बोलना चालु करती है। वो बहुत ही शांत और सरल भाषा में बोल रही थी। बीच में कई उसे कुछ प्रोब्लेम पुछ रहे थे, पर लुना पुरे आत्मविश्वास के उनकी समस्या सुलझा रही थी। सभी लोग उससे बहुत ज्यादा impress थे।
लुना ने जेसे ही अपनी बात खत्म की सभी लोगो ने उसके लिए तालियाँ बजाई।
रवि- वेल डन मिस लुना।

मिस्टर बजाज- वेरी इंप्रेसिव, गुड जोब।

आदर्श- सो मिस्टर बजाज ये है हमारा प्लान, तो आपका क्या ख्याल है।

मिस्टर बजाज- मुझे इसमें कोई बुराई नहीं लगती हैं, in fact ये प्लान देखने के बाद मेरी इसमें दिलचस्पी ओर बढ गइ है।

रवि- तो क्या इस डील को हम फाइनल समझें

मिस्टर बजाज- जी बिलकुल।
और वो पेपर पर सिग्नेचर करते हैं।
सभी लोग खड़े होते हैं और एकदूसरे को Congratulations विश करते हैं।
सब लोग चले जाते हैं। और सिर्फ कंपनी के लोग ही वहां मौजूद थे।

आदर्श- वेल डन गाइज तुम जितने भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया है और अब जब उनकी उम्मीद बढ गइ है तो हमें और भी ज्यादा मेहनत करनी है ।
सब- येस सर।
और जाते वक्त वो एक नजर लुना पर डालता है जबकि लुना का ध्यान दुसरे के साथ बात करने में था।
आदर्श अपना सर झटकता है और चला जाता है।

रवि लुना के पास आकर - वेल डन चैम्पियन।

लुना- thank you thank you
एसे ही लोग मुझे मुन नहीं कहेते ( और अपने बालों को झटकती हैं। )

रवि उसकी नकल करते हुए-एसे ही लोग मुझे मुन नहीं कहेते ।

लुना- आप मेरा मजाक उडा रहे हैं। लोग सच में मुझे मुन(moon) कहेते है , अरे लोग क्या आप भी मुझे मुन ही कहेते है।

रवि- तुमसे बहस में कोई नहीं जीत सकता है।

लुना- वेसे आज उसने भी मेरी तारीफ की।

रवि- उसने किसने

लुना- अरे उसने

रवि- अरे पर कोन

लुना- अरे उस कैंडिरू ने भी

रवि- तुम आदर्श की बात कर रही हो। और तुम मेरे भाई को कैंडिरू क्यु बुलाती हो।

लुना- क्युकी कैंडिरू दुनिया की खतरनाक मछलियों में से एक है, और आपका भाई भी बहुत खतरनाक है ।

रवि- क्या कहा मेरे भाई को🧐

लुना - अरे सिनीयर मुझे आपके भाई से बहुतडर लगता है और मुझे यानी कि लुना the moon जो किसी से नहीं डरती अगर वो किसी से डरती है तो वो off coursh खतरनाक ही होगी।

रवि- तुम्हे उनसे डर क्यु लगता है।

लुना- अरे उनका गुस्सा ( अपनी नाक पर उंगली रख कर) यहा रहेता है। सामने वाला बंदा अपनी सफाई में कुछ बोलना चाहे तो भी ना बोल पाए।

रवि- वो अपने काम के लिए कुछ ज्यादा ही सीरियस है।

लुना- कुछ कुछ से बहुत ज्यादा, माना कि काम इम्पोर्टेड हैं पर काम के इलावा भी बहुत कुछ है।

रवि- वेसे सच बताऊं तो मुझे भी कभी कभी उनसे डर लगता है।

लुना- लगना ही है, वो है ही कैंडिरू टाइप।

रवि- वेसे उनहोंने ने तुम्हारी तारीफ कब की ??

लुना- अरे उनहोंने कहा ना की सब ने अच्छा किया तो सब में तो मे भी आती हु तो हुइ ना मेरी तारीफ।

रवि- पुरी पागल हो तुम ( हंसने लगता है)

तभी पयुन वहां आता है।

- मैम आपको आदर्श सर ने अपनी कैबिन में बुलाया है।

लुना- मुझे पर क्यु????

रवि- वो तो तुम्हे वहां जाकर ही पता चलेगा।

( क्रमश:)
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