Devil's Sundar wife - 9 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | Devil's सुंदर wife - 9 - नया दोस्त ...

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Devil's सुंदर wife - 9 - नया दोस्त ...

एपिसोड 10 ( नया दोस्त )
माया की उत्सुकता से देखा कि हर्ष के आने के बाद से रिया के भाव कैसे बदल रहे थे। और वह यह भी जानती थी कि रिया इतनी सदमे में क्यों थी। भले ही वे एक-दूसरे को वर्षों से जानते थे, फिर भी वह और हर्ष मिले, लेकिन हर्ष अभी भी माया के बहुत करीब था।
माया के लिए, हर्ष बस चिपचिपा बबलगम था, उसने गलती से कदम रखा लेकिन अब वह उससे छुटकारा पाने में असमर्थ थी। दोनों के खुशमिजाज व्यक्तित्व और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के बीच सामंजस्य नहीं होना चाहिए था और फिर भी वे दोस्त बन गए थे।
"चलो मैं तुम्हारा परिचय कराती हूँ," माया ने कहा। "ये हर्ष मित्तल है। बॉयबैंड का सदस्य ।" माया ने आगे कहने से पहले हर्ष को देखा, "ओर अपने ग्रुप का सबसे बुरा लड़का है , क्योंकि ये हर चीज में बहुत बुरा है।"
"अरे!" हर्ष ने उसे घूरते हुए विरोध किया।
हर्ष से हाथ मिलाते हुए रिया की भौहें तन गईं और बोलीं, "तो, तुम एक आर्टिस्ट हो?"
हर्ष ने बेपरवाह मुस्कान के साथ अपने कंधे उचकाए और कहा, "आखिरकार तुमसे मिलना हो ही गया | मिलकर अच्छा लगा, मिस रिया। मैंने तुम्हारे बारे में बहुत कुछ सुना है।"
"मैडम ने वास्तव में मेरा बारे में इससे बात की है ?" ये सुनकर रिया एअक्साईटेड हो गई।
हर्ष को रिया के लिए बुरा लगा जैसा उसने कहा, "क्या तुम्हे वास्तव में लगता हैं कि माया एक , किफायती व्यक्ति कुछ ऐसा कहेगी जिससे उसे लाभ नहीं होगा?"
रिया की आँखें डबडबा गयीं जैसे उसने कहा, "यह सच है। चीफ को अपने शब्दों में भी छटपटाना पसंद है।" एक आह भरते हुए, उसने अपनी मार्टिनी को निगल लिया और बार स्टूल से यह कहते हुए नीचे कूद गई, "मैं अपनी निराशा को दूर करने के लिए नाचने वाली हूँ। आप दोनों मज़े करो!"
सच तो ये थे की रिया को लग रहा था की वो हर्ष ओर माया को डिस्टर्ब कर रही थी | इसलिए उसने इन दोनों को अकेला छोड़ दिया | दूर से भी रिया देख सकती थी , माया हर्ष के साथ बहुत रिलैक्स थी | उसके बॉडी लैंग्वेज में जरा भी दिखावा नहीं था | पर जो स्माइल माया ने अपने फेस पर चिपका रखी थी , वो स्माइल उसके आसपास लोगों को फूल बनाने के लिए थी | पर हर्ष के साथ कुछ अलग था | हर्ष के साथ माया को कोई भी दिखावा करने की जरूरत नहीं थी | माया जैसी हकीकत में है , वो हर्ष के सामने बिलकुल वैसी थी |
माया की ये नई जानकारी ने , तो रिया का माया को देखने का नजरिया ही बदला दिया |
हर्षा :: “जब मैंने तुमसे पुछा , की तुम्हारी ब्लाइंड डेट्स कैसी गईं , तो तुमने कहा की अब ओर नहीं | तो क्या इसका मतलब ये है , की अब तुम्हे किसी भी बहाने की जरूरत नहीं है ... ब्लाइंड डेट्स से बचने के लिए ?
माया ने अपनी चिन उपर की , ओर कहा | “नहीं , अब किसी भी प्लानिंग की जरूरत नहीं है | अब मुझे अगले चार महीनों के लिए ये सब से सफर नहीं करना पड़ेगा |”
हर्ष :: “वाओ ! मुझे तो लगा था की तुम्हे दादा जी इस बार जीत ही जायेंगे |” हर्ष की आवाज़ ओर टोन में हेरानियत साफ़ साफ़ देखि जा सकती थी |
माया ने अपने बैठने का तरीका चंगे किया | जिससे उसकी टंगे साफ़ साफ़ देखीं जा सकती थी | पर उसके चचरे से कोई ये नहीं बता सकता था की माया क्या सोच रही है | “डू यू रेअली थिंक की मेरे दादा जी ने गिव अप कर दिया ?” माया ने सवाल किया | फिर आगे बोली |
“मुझे तो ऐसा लग रहा है , की ये तूफ़ान के आने से पहली की शांति है |”
हर्ष माया के चचरे को बड़े ध्यान से देखने लगा | ओर फिर उसकी हसी निकल गई | “तो तुम्हारे दादा जी तुम्हारे लिए कोई जाल बिछा रहे है |” बहुत मुश्किल से हर्ष ने अपनी हसी कण्ट्रोल की थी | फिर वो आगे बोला | “तो वो तुम्हे एक ओर चांस देना चाहते है |”
माया :: “दादा जी का ये सारी ब्लाइंड डेट्स अरेंज करने का सिर्फ एक ही परपस है , उन्हें ये लगता है की ... शायद एक ऐसा कोई आदमी होगा जो मेरी अटेंशन गरब कर पायेगा |”
हर्ष :: “बेचारे दादा जी , वो तो सिर्फ उनकी एक लौती पोती के लिए लड़का ढून्ढ रहे है |” हर्ष उदास होते हुए बोला |
“एक लौती पोती ?” माया ने बड़े आराम से सवाल किया | माया ने अपना सर हिलाते हुए आगे बोला | “बहुत दुःख की बात है , क्यूंकि मुझे कोई शादी नहीं करनी | तब तो बिलकुल नहीं जब कोई तुम्हारी तरह हो |”
हर्ष ये सब बातें दुबारा नहीं करना चाहता था | बल्कि कभी नहीं करना चाहेगा | क्यूंकि वो ये बात अच्छे से जनता था , की वो कभी भी माया को फीलिंग्स , इमोशंस की इम्पोर्टेंस नहीं समझा पायेगा | माया को ये सब खुद फील करने की जरूरत है | शायद इसलिए , वो माया की ज़िन्दगी का हिस्सा बनने में कामियाब रहा | क्यूंकि उसने कभी माया को उसके फीलिंगज़ पर लेक्चर नहीं दिया |
हालाँकि उन दोनों के विचार कभी नहीं मिले | पर दोनों एक दुसरे से कोई सवाल नहीं करते थे |
तो क्या लगता है ... आगे क्या होगा | जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |