Wrong Number - 4 in Hindi Love Stories by Madhu books and stories PDF | Wrong Number - 4

The Author
Featured Books
Categories
Share

Wrong Number - 4

 
वैसे आज सामर्थ्य और याचना का ओफ़िस में सामना नहीं हुआ l
 
आज जैसी हि अपने फ़्लैट पर पहुची देखा लाक खुला हुआ उसके इस फ़्लैट कि चाभी याचना के अलावा अयाची के पास भी होती l वो फ़टाफ़ट अन्दर जाती है तो देखती बहुत अच्छी खाने कि खुशबू आ रहा है l वो समझ जाती है कि उसके दादा रात का खाना तैयार कर रहे है l
वो सोचने मे मगन थी कि किचेन से हि अयाची............ याचु फ़्रेश हो जा मै तेरे लिये दिनर लगाता हूँ वो भी तेरी पसंद का बना है l
 
"जी दादा" अभी आती हूँ l
 
वही अयाची टेबल पर खाना लगाकर बैठ जाता है याचना का इंतजार करने लगता है l फिर अपना फोन उठाकर देखता है उसमे उसकी माँ कि कई काल लगी l उन्हे मेसेज करके बता देता है वो काम के सिलसिले से बाहर है l
 
अपने दोस्त(अर्जुन का मेसेज देखता है उसके भी कई मेसेज और काल पडी थी )
 
उसे काल मिलाने लगता है
 
सॉरी यार मै तुझसे मिले बेगैर आ गया याचु के पास आना जरुरी था आते हि तुझसे मिलता हूँ अर्जुना (अयाची अर्जुन को "अर्जुना "बुलाता है वही अर्जुन भी अयाची को "आया "कहकर बुलाता है)
 
अर्जुन....हूँ आया l फिर खमोश हो जाता है l
 
अबे तू गधा है क्या कई दिनों से बस हूँ हूँ करके बतिया रहा है कोई परेशानी है तो बता ना नहीं तो मै जिस दिन आया तेरा दिमाग ठिकाने लगा दुगा समझा l........गुस्सा और परवाही के भाव से अयाची कहता है!!
 
"हा तू आ जा आया फिर बताता हूँ "ठीक रखता हूँ तू एन्जोय कर याचु के साथ l
कहकर अर्जुन फोन रख देता है l
 
 
अबे साले कहता कहता तब तक फोन कट चुका था
अयाची अपना फोन घूरने लगता है आता हूँ फिर बताता हूँ तुझे अर्जुना l
पटक कर रख देता है फोन अयाची l
 
 
तब तक याचना भी आ जाती है दादा कहकर पीछे से हि अयाची को गले लगा लेती है l
हमने आपको बहुत याद किया इतने दिनों बाद क्यो आये हो थोडा पहले नही आ सकते हो l
 
झूठमूठ गुस्सा करते हुये याचना कहती है !!
 
 
अच्छा बेटा याद किया होता हमे फोन तो कर सकती थी ना और जब मैने फोन किया रानी साहिबा को फोन उठाने में फ़ुरसत नहीं l
 
"दादा आपतो सब जानते हो फिर भी,,, हमे हमे कोई प्यार नहीं करता कोई नहीं" रोते हुये याचना कहतीl
 
अले मेला बच्चा मै तो युही कह रहा हूँ तुमसे तो बढकर कोई नहीं है मेरे लिये मै खुद भी नहीं l गले लगा कर सिर सहलाने लगता है,,, अब चुप हो जा बेटा नहीं तो नहीं तो तेरे चेहरे का मेकअप उतर जायगा फिर तू मुझे भूतनी नजर आयेगी l
अयाची खुलकर हस दिया l
 
"दादाआआआ आप बहुत बुरे हो बहुत बुरे हो जाओ हमे बात हि नहीं करनी है ,,,आप हमेशा हमे चिढाते हो और आपना तुतलाया मत करो पसंद नहीं तुतले लोग l"
याचना प्रेमऔर गुस्से भाव में कहा l
 
चल अच्छा ठीक नहीं तुतलाता....अले मेरे बच्चे मैने जो अपने नाजुक हाथों से तुम्हारा मनपसंद खाना बनाया है वो मै खुद हि चट कर देता हूँ फिर l
नौटकी करते हुये अयाची बोला l क्योंकि अयाची जानता है याचना कि कमजोरी उसका खाना है, गुस्सा और नराजगी में तो और उसे भूख लगती है l
 
वो अपनी बात पूरी कह भी नहीं पाया था तब तक याचना टेबल खाने को देखकर उसकी आँखें चमक गई अपने लिये खाना निकालने लगती है l
 
तू रहने दे मै लगा देता हूँ अयाची याचना और अपने लिये खाना लगाता है l
पहले हि कौर में याचना संतुष्टि के भाव से उसकी आँखें बन्द हो जाती है l
दादा क्या स्वादिष्ट भोजन बनाया है आपने भाभी कि तो फिर ऐश हि ऐश है इतना स्वादिष्ट भोजन जो मिलेगा खाने को हमारे पूज्यनीय दादा के हाथों से भरपूर आनंद के साथ याचना बोली फिर खिलखिला पडी l
 
"भाभी शब्द सुनकर अयाची के जहन में किसी का अक्श उभर आया और फिर तेजी झटक दिया,, चल चुप कर खा बडी आई भाभी कि हमदर्द"अयाची l
 
 
 
जारी है !!
 
स्वस्थ रहिये खुश रहिये 🙏🙏