swear to tell the truth in Hindi Spiritual Stories by Dikshadixit books and stories PDF | सच बोलने की कसम

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सच बोलने की कसम

गोरी को कभी ही स्कूल जाना अच्छा नही लगता था बह अभी सात वी कक्षा में पढ़ती है, बह रोज स्कूल के लिए लेट उठती है रोज का नया बहाना लगती थी, बह पढ़ना नही चाहती थी उसको पढ़ने से ज्यादा खेलना कूदना मस्ती मजाक पसंद थे ।बह हमेशा अपने ही ख्यालों में खोई रहती, आज उसको स्कूल के लिए माँ उठाने आती है। उसको आवाज दे कर चली जाती हैं आगे...
गोरी बेटा जल्दी उठो स्कूल के लिए लेट हो रही हो। स्कूल जाना है बस आती ही होगी, गोरी ने कान पर से बात टाल दी और अपने कानों पर तकिए लगाए फिर सो जाती है, तभी उसके पिता नहा कर नाश्ते के लिए नीचे आते हैं । कहते है सरोज गोरी स्कूल नही जा रही किया अभी तक नही आई, सरोज कहती हैं आप ही देख लो आज उसका रोज का काम है आप ही झेल लो अपनी बेटी के नए, नए बहाने, उसको आप ही बिगाड़े हैं, आपकी बेटी है आप ही सुधार लो। सरोज की बात सुन दीपक बोला अरे इसमें भड़क क्यू नही हो अभी देखता हूं। दीपक गोरी के कमरे में जाते हैं, बह गोरी को कई बार आवाज देते हैं गोरी बेटा गोरी उठो, गोरी उनकी बातें ऐसे टाल रही है जैसे बह सच में सोई हुई है। गोरी के पिता बहुत गुस्से में जिरझिरा जाते हैं और कहते हैं नही उठेगी अब बहुत हुआ, बाहर से दरवाजा बंद कर चला जाऊंगा। गोरी धीरे से आवाज में कहती है हमारा पेट दुख रहा है बहुत जोर से हम आज स्कूल नही जायेंगे, दीपक फिर गुस्से में बोलते हैं तुम रोज नया बहाना लेती हो अब उठो नही तो जंगल वाले स्कूल में डाल देंगे फिर कभी वापस नहीं आओगी। गोरी डर जाती है और कहती है, सच में पापा सच्ची में दुख रहा है तभी सरोज आती है और कहती हैं बस आ गया नया बहाना आज पेट दर्द कल सिर दर्द अब परसों किया होगा राम जाने तुम परेशान करती हो, दीपक गुस्से में गोरी को उठा लेते हैं और कहते है पांच मिनट में तैयार हो जाओ वरना। इतना कह कर दीपक चले जाते हैं गोरी बेचारी धीरे धीरे उठती है और बिना नहाए पीना स्कूल का बैग लिए बाहर आती है बस में स्कूल चली जाती है, आज गोरी की तबियत सच में खराब थी दीपक सरोज ध्यान नही दीये क्युकी गोरी का रोज का बहाना था उसके माता पिता को लगा आज भी बह बहाना कर रही है। गोरी स्कूल में बैठी अपने काम में व्यस्त थी तभी अचानक उसकी जोर की चीख से पूरी क्लास सहम जाती है। टीचर उसके पास आते हैं कहते किया बात है गोरी कुछ बोलो बेटा गोरी बस चीख ही रही है टीचर ने जल्दी से उसके पिता को बुला लिया, गोरी को जल्दी से जल्दी अस्पताल ले जाया गया उसके माता पिता मासूम गोरी की ऐसी हालत देख बहुत घबरा गए। गोरी को अस्पताल में थोड़ा आराम मिला उसकी रिपोर्ट का इंतजार था, जैसे ही डॉक्टर रिपोर्ट के साथ बाहर आए सबके चेहरे उतर गए, दीपक ने पूछा डॉक्टर किया हुआ है मेरी बेटी को ऐसा कभी दर्द भी होता आज अचानक से ऐसा क्यों। डॉक्टर बोले देखिए, गोरी के पेट में ए छोटी दी गांठ हो गई है ऑपरेशन करना होगा, बरना उसकी जान भी जा सकती है। इतना सुन कर गोरी की माँ डर जाती हैं गोरी अभी बहुत छोटी है उसका ऑपरेशन केसे हो सकता है डॉक्टर कहता है घबराने की बात नही है अक्सर लोग ऑपरेशन की बात से हो डर जाते हैं, छोटा सा ऑपरेशन होगा डरिए नही कुछ भी होगा गोरी को आप चिंता न करे दीपक पढलिखे होने के कारण सब समझ गए की ऑपरेशन ही सही रहेगा गोरी के लिए जल्द ही गोरी के ऑपरेशन की तैयारी होने लगी जब गोरी को पता चला बह डर गई, उसको एक नर्स डॉक्टर ले जाने लगी बह रो रही थआई बोली अगर मैं वापस नही आई तो मर जाऊंगी। गोरी के पिता बोले ऐसा कुछ भी होगा, आप ठीक हो कर ही आओगी छोटी मासूम कुछ भी जानती, ऑपरेशन अच्छा हुआ पर गोरी की उम्र छोटी होने के कारण बह कोमा में चली गई सात महीने बाद उसको होश आ गया बह होश में आने के बाद अपने माता पिता को देखी तो बोली आज के बाद कसम खाती है कभी झूठ नहीं बोलेगी रोज स्कूल जायेगी।