Jasbat-e-Mohabbat - in Hindi Love Stories by dinesh amrawanshi books and stories PDF | जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 15

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जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 15

रितु कि बच्ची तुम दोनों कोन सा कैंटीन मे बैठने के लिए कॉलेज जल्दी आई हो अब ये तो हमे भी पता है कि क्यूँ आई हो तो नेहा कहती है अबे बस करो ना यार कॉफी फ़िनिश करो चलो क्लास चलते है नयन्सी कहती है चलते है ना यार थोड़ी देर मे तो तीनों पूरे कैंटीन मे नज़रे घुमाती है तभी रितु कहती है ओहो नयन्सी ईशान हाँ,तो नयन्सी कहती है अबे चल ना कुछ भी बोलती रहती है तो नेहा कहती है कुछ भी क्या यार क्यूँ ईशान तेरा बॉयफ्रेंड नहीं रहा क्या तो नयन्सी कहती है यार मैं तो तुम लोगो के साथ बैठी हूँ मैंने तो ईशान को देखा ही नहीं कि वो भी यहाँ बैठा है और वैसे भी बैठा है तो बैठा रहे बहुत परेशान किया है उसने मुझे अब तो उसे परेशान करने वाली हूँ तो रिचा कहती है क्यूँ ऐसा क्या कर दिया उसने यार,नयन्सी कहती है खड़ूश कही का मेरे मेसेजेस ओर कॉल का रिप्लाइ तक नहीं देता बहुत सताया है उसने मुझे अब मेरी बारी है तो नेहा कहती है जरूर करना पर अब क्लास चले,तो चारो क्लास चली जाती है सभी स्टूडेंट क्लास मे बैठे एक दूसरे से गप शप कर रहे होते हैं तभी एक प्रोफ़ेसर क्लास मे आते है नयन्सी रिचा को धीरे से पिंच करके ईशारा करती है क्योकि सैड होकर रिचा सर नीचे करके बैठ जाती है नयन्सी के ईशारा करते ही रिचा जैसे ही अपनी नज़रे ऊपर उठाती है अवस्थी सर को सामने देख कर इतनी ख़ुश होती है कि नयन्सी को हग कर लेती है यह देख कर प्रोफ़ेसर अवस्थी नोर्मली कहते है क्या हुआ मिस टौपर बड़ी ख़ुश लग रही हो किस बात पे इतना ख़ुश हो कि ये भी नहीं देखा आप क्लास मे हो और मैं सामने खड़ा हूँ रिचा पहले तो मन मे ही कहती है कि इसी बात पे तो मैं इतना ख़ुश हूँ मिस्टर प्रतीक कि आप मेरे सामने खड़े हो कॉलेज पहले दिन ही और मेरे सेकंड इयर कि शुरुआत कितनी अच्छी हुई है तभी प्रोफ़ेसर अवस्थी रिचा के चेहरे के पास चुटकी बजाते हुये कहते है क्या हुआ रिचा कहा खो गई,तो रिचा कहती है नहीं सर कही वो मैं हम रेज़ल्ट कि ही बात कर रहे जिस वजह से मैंने नयन्सी को हग किया और कुछ नहीं,ओके कह कर प्रोफ़ेसर अवस्थी अपनी क्लास शुरू करते हुये कहते है कि आज से आप लोगों के सेकंड इयर के क्लासेस शुरू हो रहे है और मैं आप लोगों कि फोरेंसिक मैडिसिन ओर माइक्रोबायोलॉजि कि क्लास लूँगा जिसमे फोरेंसिक मैडिसिन कि क्लास फ़र्स्ट हाफ में ओर माइक्रोबायोलॉजि कि क्लास सेकंड हाफ मे ओके सारी क्लास कहती है ओके सर और प्रोफ़ेसर अवस्थी अपनी फोरेंसिक मैडिसिन कि क्लास शुरू करते है नयन्सी रिचा से कहती है अरे वाह रिचा तेरे मन मे तो लड्डू फूट रहे होंगे सर कि बात सुन कर,रिचा कहती है अबे चुप कर ना सर पढ़ा रहे चुप चाप पढ़ाई कर ना,प्रोफेसर अवस्थी पढ़ा रहे होते हैं ओर रिचा चोर निगाहों से उन्हे देखती रहती है जिसे प्रोफेसर अवस्थी नोटिस करते है पर माइंड नहीं करते यह सोच कर की मैं थेओरी समझा रहा हूँ शायद इस वजह से बार बार देख रही हो और वो अपनी क्लास ख़त्म करके क्लास से चले जाते है रिचा और उसकी फ़्रेंड्स बाकी की क्लासेस अटेण्ड करती है और फिर लंच टाइम में चारों कैंटीन जाती हैं ओर एक खाली टेबल देख कर चारों वहाँ बैठ जाती हैं अब रिचा तो अभी तक यही समझती है कि उसके प्यार के बारे मे सिर्फ़ नयन्सी जानती है पर जब नेहा प्रोफ़ेसर अवस्थी जो कि कैंटीन हॉल की दूसरी तरफ बैठे होते हैं उन्हे देख कर कहती है रिचा देख प्रतीक सर अकेले बैठे है यार तू भी जा ना प्रतीक सर को कंपनी मिल जाएगी,रिचा एक पल के लिए चॉक जाती है फिर कहती है ओए नेहा की बच्ची तुझे उनकी इतनी फिक्र हो रही है तो तू चली जा ना उन्हे कंपनी देने और वैसे भी मैं क्यूँ दूँ अवस्थी सर को कंपनी मैं उनकी गर्लफ्रेंड थोड़ी हूँ जो उन्हे कंपनी देने जाऊँ तो नेहा कहती है यार रिचा अब इतनी भी भोली मत बन देख हमने तुझसे कभी कहा नहीं लेकिन हम भी जानती हैं यार तेरे प्यार के बारे में,तो रिचा नयन्सी की तरफ देखती है तो नयन्सी कहती है मुझे ऐसे मत देख यार मैंने नहीं बताया इन दोनों को रितु कहती है हा ये रिचा नयन्सी सच बोल रही है उसने नहीं बताया हम दोनों को,हमें तो खुद तूने ही बताई है रिचा कहती है मैंने तो नयन्सी के शिवा कभी किसी को नहीं बताया तुम दोनों से तो इस बारे में कभी बात नहीं की मैंने तो मैं कैसे बता सकती हूँ तुम दोनों को तो नेहा कहती है रिचा तेरी ही बेचैनी ओर प्यार ने तेरे दिल का सारा हाल बयां करते हैं यार और देख न अभी सर भी अकेले बैठे हैं इससे अच्छा वक़्त नहीं हो सकता उन्हे अपने दिल की बात बताने का जा ओर उनसे अपने प्यार का इज़हार कर तो रिचा कहती है लेकिन यार कैसे प्रपोसे करू मुझे तो ये भी नहीं पता कि अवस्थी सर मेरे बारे मे क्या सोचते हैं और मैं भी उनके बारे मे कुछ नहीं जानती वो कोन है कहा से है उनकी फॅमिली के बारे मे और मैं तो क्या कॉलेज मे शायद कोई भी कुछ नहीं जनता उनके बारे मे शिवाए इसके कि वो इस कॉलेज के प्रोफेसर है नयन्सी कहती है देख रिचा जब प्यार करने से पहले ये सब नहीं सोचा तो अब क्यूँ सोच रही है और वैसे भी प्यार इन सब चीजों का मोहताज़ नहीं होता तू सर से सच्चा प्यार करती है ना तो जा और बात कर उनसे,रिचा कहती है मगर नयन्सी,पर नयन्सी रिचा को टोकते हुये कहती है ये अगर मगर छोड़ प्यार करती है तो अब ये सब मत सोच और जाकर अपने की बात बता दे अवस्थी सर को फिर जो होगा देखा जाएगा,