Teri Chahat Main - 45 in Hindi Love Stories by Devika Singh books and stories PDF | तेरी चाहत मैं - 45

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तेरी चाहत मैं - 45

शाम को मुकेश रॉय ने रिया से डिनर के बाद कहा "रिया, हमे आपसे कुछ बात करनी है।"
"जी पापा बतायें क्या बात है।" रिया बोली.
"हम आपकी सालगिराह के दिन आपकी मंगनी करने चाह रहे हैं।" मुकेश रॉय ने कहा।
"मंगनी, पर किस्से पापा। आप जाते हैं हम विक्रम के अलावा किसी और से शादी नहीं करेंगे।” रिया बोली.
“और हम आपको बता चुके हैं की विक्रम एक इंतेहा से जादा बेहुदा इंसान है, वो आपके लायक नहीं है। आप अपनी आंखो से फरेब की पट्टी हटाइए।” मुकेश रॉय ने कहा।

"ज़रा हमें भी बताइये पापा, किसके साथ आप हमारी मंगनी करने वाले हैं?" रिया ने गुस्से से कहा।
“तुम्हारी मंगनी और शादी, अजय से होगी। हमने उसे चुना है तुम्हारे लिए।" मुकेश रॉय बोले
“वो दो कौड़ी का हमारा नौकर! आप उसके साथ हमारी मंगनी करेंगे। पापा हमको वो बिलकुल पसंद नहीं है। आप उसकी बातें में ना आइए। रिया अजय का नाम सुन कर बिफर पड़ी।
"हमने अपने बाल धूप में सफेद नहीं किया है रिया, इंसान की परख हमको करनी आती है। अजय एक अच्छा इंसान है, मेहनती है और समझदार भी। तुम दोनो एक दुसरे को मौका तो दो।" मुकेश रॉय ने उसे समझाया।

“समझदार माई फूट! उसकी तो ऐश हो गई, इतना बड़ा एंपायर जो मिलेगा उसे। पापा वो ये सब सिरफ दौलत के लिए कर रहा है।" रिया ने फिर गुस्से से कहा।

“नहीं, ऐसा नहीं है, वो खुद इस रिश्ते के लिए तय नहीं था, पर मेरे कहने पर माना है। और उसने कहा है की जब तुम्हारी रजामंदी होगी तभी बात आगे बढ़ेगी।”मुकेश रॉय बोले
"ड्रामा कर रहा है वो, उसे कभी ख्वाब मैं भी नहीं सोचा होगा की रिया मुकेश रॉय से उसका रिश्ता हो सकता है। मैं नहीं करुंगी अजय से शादी।" रिया ने अपना फैसला सुना दिया।

"ठीक है, मत करो अजय से शादी, पर एक बात याद रखना की हमने आज तक आपकी कोई बात नहीं टाली, ये भी नहीं टालुंगा। पर आज के बाद आप हम से कोई बात नहीं करेंगे। ये सब आपका है, हम बस यही चाहते थे की आप हमारे बाद किसी ऐसे इंसान के साथ रहे जो समझदार हो। पर अब आपकी मर्जी।" ये कह कर मुकेश रॉय चुप हो गए।

कुछ देर बाद रिया बोली "पापा आप जानते हैं की हम आपको कितना चाहते हैं, आपके कहने पर हम कुछ भी कर सकते हैं, ठीक है हम आपकी बात नहीं टालेंगे। ये जिंदगी आप ने हमको दी है, अगर आप हमारी जिंदगी अजय के साथ घुटन से भरी हुई देखना चाहते हैं तो यही सही।” रिया रुंधे गले से बोली। वो कितनी भी घमंडी ही सही, पर अपने पापा को परेशान नहीं कर सकती थी।

मुकेश रॉय ने रिया को गले से लगा लिया और कहा, "मुझे यकिन था की मेरी बच्ची मेरी बात नहीं टालेगी। और तुम देखना, की हमारा ये फैसला तुमको कितनी खुशी देगा।”

अगले दिन ऑफिस में मुकेश रॉय ने अजय को रिया का फैसला सुना दिया। अजय को खुशी तो हुई पर रिया नाम के तूफ़ान का सामना करना इतना आसान भी नहीं था और ये वो अच्छे से जनता था।

कुछ देर बाद रिया ऑफिस मैं दखिल हुई और सीधे अजय के पास पहुची। “आप जरा आज घर तशरीफ लेंगे। मुझे आपसे कुछ जरूरी बातें करनी है।”

"जी क्या बात यहां नहीं कर सकते, ऑफिस मैं काम बहुत है, सर आज शाम को लंदन जा रहे हैं मीटिंग के लिए, उनकी मीटिंग की तैयारी करनी है और उनके साथ एयरपोर्ट पे भी जाना है।" अजय बोला तो रिया ने मुस्कुराते हुए कहा की "लोग अपनी गर्लफ्रेंड और होने वाली बीवी के लिए कितना कुछ करते हैं, आपके हमारे लिए कुछ वक्त भी नहीं निकला पा रहा। ये हम पर ज्यादती है।"

रिया के इस तरह कहने पर अजय चौका, फिर कहा "ठीक है मैं एयरपोर्ट से आपके घर आ जाऊंगा।"
“गेट पर मैं ड्राइवर से कह दूंगी की वो आपको घर ले आए। चलिए शाम को मिलते हैं।” रिया बोली.

रिया के जाने के बाद सिमरन अजय के पास आके बोली, "क्या हुआ अजय, तुम एक दो दिनों से कुछ परेशान से हो। क्या परेशानी है?”

अजय बोला "अभी - अभी जो तूफ़ानी चीज़ मेरे पास आई थी, उसके रहते बाकी सब परशानियां कुछ भी नहीं है।"
“क्या अजीब सी बातें कर रहे हो। खुल कर बताओ ।" सिमरन ने गुस्से से बोला तो अजय ने कहा, "चलिए कैफेटेरिया मैं बताता हूं, बाकी सब को भी कहता हूं आने को।"

कुछ देर बाद सब कैफेटेरिया मैं थे। अजय ने कहा "मुकेश सर ने मेरी और रिया की शादी का फैसला लिया है। और हैरत की बात ये है की कशिश ने रजामंदी भी दे दी है।”

"भाई ये कब हुआ!" राज ने हैरानी से पुछा। बाकी सब भी काफ़ी शकते में थे।

"पर्सों सर ने मुझसे मेरी रजामंदी पुछी, मैंने उनको समझाया पर आखिर में मैंने ये सोचा की मेरी रजामंदी से कोई फर्क नहीं पढ़ने वाला, तो मैंने कहा की रिया अगर राजी हो तो .." अजय बोलते हुए रुक गया।

“फिर क्या हुआ! “इस बार हीना बोली ।

“रिया ने अपनी रज़ामंदी दे दी। और अब वो मेरे साथ बहुत नर्मी से पेश आ रही है।” अजय ने कहा।

“तो इसमे इतना परेशान क्यूं हो रहे हो, ये तो खुशी की बात है। मैंने तो पहले ही तुमको कहा था की ऐसा होगा।” राज खुशी से बोला।

“हां, पर ये तो समझो की मेरी लाइफ मैं कौन आने वाला है। रिया नाम का तूफ़ान!” अजय बोला

“नहीं अजय, तुम बेकार मैं परेशान हो रहे हो, रिया ने अगर हां की है तो उसने भी कुछ सोचा होगा। देखना सब ठीक होगा। बॉयज पार्टी कब है! "सना छेड़ते हुए हुवे बोली।

"यहाँ मेरी ज़िंदगी मैं तूफ़ान आने वाला है, और तुमको पार्टी सूझी हुई है, कशिश के बर्थडे पे मेरा डेड डे होना तै है।" अजय बोला, तो सब हसने लगे।


To be continued
in 46th Part