Jasbat-e-Mohabbat - in Hindi Love Stories by dinesh amrawanshi books and stories PDF | जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 13

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जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 13

आरूशी रिचा को ऋषिकेश घुमाने ले जाती है तनु भी साथ मे जाती है शाम को घर लौटती है ऐसे ही रिचा को ऋषिकेश मे कुछ दिन बीत जाते है रिचा का वहाँ मन नहीं लगने लगता तो रिचा देहारादून अपने घर वापस आ जाती है रिचा कि माँ उसे देख कर कहती है बेटा तू आ गई, अच्छा तू रूम मे चल फ्रेश हो जा मैं कॉफी लेकर आती हूँ तेरे लिए रिचा ओके माँ कह कर रूम मे चली जाती है ओर फ़्रेश होकर अपने बैड पर बैठी होती है तभी माँ कॉफी लेकर आती है ओर कहती है रिचा बेटा वहाँ सब कैसे है रिचा कहती है सब ठीक है माँ बुआ ने आपको बुलाया वैसे माँ आएशा कहा है इतने मे आएशा रिचा के रूम मे आती है दीदी कब आई आप रिचा कहती है मैं अभी थोड़ी देर पहले ही आई हूँ छोटी माँ कहती है रिचा तुम दोनों बैठो मैं जाकर शाम के खाने कि तैयारी करती हूँ ओर माँ किचेन मे चली जाती है फिर आएशा भी उसकी माँ कि हेल्प करने चली जाती है ओर रिचा नयन्सी को कॉल करती है हैलो नयन्सी क्या कर रही हो मेडम नयन्सी कहती है कुछ मेरी जान हमारी खुशी सेलेब्रेट कर रही हूँ रिचा कहती है क्या मतलब है बे तेरा नयन्सी कहती है अरे मेरी जान रिज़ल्ट आ गया ओर तुझे पता है तूने तो कमाल कर दी यार टॉप कर गई तू तो यार,पर रिचा को विश्वास नहीं होता तो रिचा बाद मे कॉल करती हूँ ये कह कर कॉल काट देती है और नेट पे अपना रिज़ल्ट चैक करती है तब भी उसे यकीन नहीं होता कि उसका रिज़ल्ट इतना अच्छा होगा वो दौड़ कर किचेन कि ओर भागती है माँ,माँ तो माँ कहती है क्या हुआ क्यूँ चिल्ला रही है ऐसा क्या हुआ ऋषिकेश मे जो इतना खुश दिख रही है रिचा कहती है ऋषिकेश मे कुछ नहीं हुआ पर माँ आप सुनोगे तो आप भी खुशी से पागल हो जाओगे माँ कहती है पर हुआ क्या है रिचा कहती है माँ मैं फ़र्स्ट इयर एग्ज़ाम मे पास हो गई इतना कह कर रिचा अपनी माँ के गले लग जाती है ये सुन कर रिचा की माँ बहुत खुश होती हैं और कहती हैं बेटा ये सब तेरी मेहनत है मैं बहुत खुश हूँ जा अपने पापा को कॉल करके बता दे जी माँ कह कर रिचा अपने रूम मे चली जाती है और पहले अपने पापा को अपने रिज़ल्ट के बारे मे बताती है तभी नयन्सी का कॉल आता है रिचा कॉल उठती है और नयन्सी कुछ कहे उससे पहले रिचा नयन्सी से पुछती है पहले ये बता तेरे रिज़ल्ट का क्या हुआ नयन्सी कहती है बस तेरे रिज़ल्ट से थोड़ा सा पीछे रिचा कहती है क्या मतलब है तेरा यार,मतलब ये मेरी जान मेरे मार्क्स तुझसे थोड़े कम आए है लेकिन तेरे लिए अभी एक ओर गुड न्यूज़ है,और वो क्या है रिचा नयन्सी से पुछती है नयन्सी उसे कहती है हमारे सेकंड इयर के क्लासेस कब से शुरू हो रहे है रिचा कहती है आफ्टर फॉर डेज़ यानि 4 तारीख से नहीं मेरी जान व्हाट्स अप ग्रुप मे कल ही लेटर डला है और हमारे क्लासेस कल से ही शिरी हो रही है,रिचा खुशी से पागल हो जाती है सच मे नयन्सी तू मज़ाक तो नहीं कर रही ना नयन्सी कहती है नहीं यार मज़ाक नहीं कर रही सच मे बोल रही हूँ रिचा कहती है तो फिर कल की ट्रीट कैंटीन में मेरी तरफ से ये कह कर रिचा कॉल कट देती है और फ़्रेश होने बाथरूम चली जाती है तभी माँ शाम की कॉफी लेकर आती हैं रिचा के लिए रिचा तेरी कॉफी रिचा आवाज़ देती है हाँ माँ अभी आई मुंह हाथ धोके आप मेरे टेबल पे रख दीजिये रिचा बाहर आकर कॉफी पीती है ओर सोच मे डूब जाती है कि फ़ाइनली इतने दिन बाद प्रतीक को देख पाऊँगी, प्रोफ़ेसर अवस्थी का चेहरा रिचा की आँखों सामने आ जाता है रिचा कल के लिए इतनी एक्साइटेड होती है कि अपने पापा की आवाज भी नहीं सुन पाती तो रिचा के पापा उसका हाथ पकड़ कर उसे हिलाते हैं