मेरा नाम अलादीन है ये नाम सुनते ही अब आपके दिमाग में वही घिसी पीटी अलादीन और जिन्न की कहानी चलने लगी होगी तो मै आपको बता दू की आपको इस कहानी में भी यही मिलयेगा।
ये मेरी कहानी है की मै कैसे एक जिन्न से मिला था लेकिन वो वैसा जिन्न नहीं था जैसा की मेने फिल्मो और कहानियो में सुना था। वैसे तो मै बचपन से सुनता आ रहा था की हर अलादीन नाम वाले लड़के को जिन्न मिल ही जाता है चाहे वो फिल्मो में हो या कहानियो में लेकिन मेरी किस्मत का जिन्न काफी बाद में मुझे मिला।
मैने बिना जिन्न के अपनी जिंदगी के 17 साल बिता दिए थे। अब उम्मीद भी कम लगने लगी थी। मेरी क्लास में जास्मीन नाम की लड़की भी थी वह काफी खूबसूरत थी रंग गोरा नहीं था लेकिन सांवला रंग उसपर अच्छा लगता था और बाल उसके काफी लम्बे थे मानो कोई काली नदी का झरना हो उसके बालो में हो। खैर मेरी समान्य सी जिंदगी में असमान्य बदलाव तब आया जब एक सुबह मुझे मेरी माँ की आवाज ने उठाया।
उठ जा हरामखोर! अलादीन की मां ने एक झाड़ू अलादीन पर फेंकते हुए कहा।
क्या यार रोज ही ये झाड़ू मेरा अलार्म क्लॉक का काम करने लगी है! इतना कहकर अलादीन बाथरूम में चला जाता है।
ये तू बाथरूम में हमेशा फ़ोन क्यों ले जाता है? अलादीन की मां ने बाथरूम का दरवाजा गुस्से से खटखाते हुए कहा।
आप लोग गलत मत सोचो मेरी बिना गाना सुने उतरती नहीं है वैसे मेरी मां मुझे कुछ भी बोलती रहती है लेकिन अंदर से,
वो काफी ज्यादा ख़राब है सुबह का सारा काम मुझसे और रात का पापा से करवा लेती है और दोपहर में सास बहु के सीरियल से दिन काट देती है। भागवान इसको ही कहते है कलियुग की ममता। ममता मेरी मां का नाम है।
अलादीन आज तुझे बाजार जाना है! अलादीन की मां ने कहा।
लेकिन मुझे स्कूल जाना है! इतना कहते ही अलादीन के मुंह पर उड़ते हुए एक चप्पल पड़ती है।
आज रविवार है! आज तेरा कौन सा स्कूल आ गया! इतना कहकर अलादीन की मां अलादीन को पैसे देकर चली जाती है।
अलादीन बिग बाजार में प्रवेश कर जाता है और जल्दी से सब्जियों वाले कॉर्नर में जाता है जंहा उसे आलू दिखाइ देते है। वह जल्दी से आलू को रख लेता है और फिर कुछ बैगन गोभी लेकर वापस घर को रवाना हो जाता है तभी उसे उसकी टोकरी हिलते हुए महसूस होती है। लेकिन अलादीन नजरअंदाज करके चलता हुआ घर आ जाता है और आते ही टोकरी को पटक देता है जिससे एक आलू उछलता हुआ अलादीन की हथेली से रगड़ता हुआ फिर जमीन में लुढ़कता हुआ बिस्तर के नीचे चला जाता है।
तभी जास्मिन का फ़ोन आता है।
हेलो जास्मिन! अलादीन फ़ोन को संभालते हुए कहता है।
आज रात मेरे घर हाउस पार्टी है छोटी सी क्लास के सभी स्टूडेंट्स आ रहे है तो क्या तुम भी आना पसंद करोगे? जास्मिन फ़ोन पर अलादीन से पूछती है।
हाँ क्यों नहीं! मेरा मतलब था जरूर! अलादीन इतना कहकर नाचने लगता है और जैसे ही नाचते हुए वह पीछे की तरफ देखता है एक आदमी जिसने सफ़ेद कोट पहन रखा होता है और सर पर पुरानी गोल हेट पहने हुए अलादीन को देखकर मुस्करा रहा था।
तुम कौन हो? अलादीन ने चौंकते हुए पूछा।
मै जिन्न हूँ! उस सफ़ेद कोट वाले ने कहा।
तुम टकले होते हो ना और नंगे एक अफगानी धोती पहने हुए? जिन्न कबसे कोट पहनने लगे? अलादीन ने चौंकते हुए पूछा। इतना कहते ही जिन्न एक जोरदार थप्पड़ अलादीन के गालो पर रसीद देता है।
जिन्न देखा नहीं हरामखोर अपनी पुरानी सोच दिखा ही देते हो अबे इतनी ठंड है इसमें नंगा घूमूँगा तो मुझे ठंड नहीं लगेगी! जिन्न ने चारपाई पर बैठते हुए कहा।
लेकिन मै कैसे मान लू की तुम जिन्न हो? अलादीन ने मुंह बनाते हुए कहा। इतना सुनते ही फिर जिन्न अलादीन के गाल पर एक चांटा रसीद देता है।
मत मान क्योंकि तेरे ना मानने से! इसमें तेरा घाटा मेरा कुछ नहीं जाता! इतना सुनकर जिन्न गजेंद्र वर्मा का गाना गाने लगता है।
वैसे लड़की का नाम क्या है जिसे पाने की तू मुझसे अपनी इच्छा मांगने वाला है? जिन्न ने जादू से एक केला मंगाते हुए कहा।
आपको कैसे पता चला की मै एक लड़की को पाना चाहता हूँ और वही अपनी इच्छा के रूप में मांगने वाला हूँ? अलादीन ने चौंकते हुए पूछा। इतना सुनते ही फिर एक जोरदार थप्पड़ जिन्न अलादीन के रसीद देता है।
तुम साले अलादीन जितने भी आज तक जिन्नो को मिले हो बिना लड़की के नीचे ही कँहा उतरते हो साला जिसे देखो राजकुमारी चाहिए किसी को अपनी क्लासमेट चाहिए! तुम मुझे एक बात बताओ तुम सभी अलादीन इतने ठरकी क्यों होते हो? शक्ल तो तुम लोगो की इतनी मासूम होती है जैसे दुनिया में कभी कुछ गलत नहीं किया! जाकर जाकर अपने फ्रिज से आइसक्रीम निकाल कर ला फिर सोचते है की क्या करना है? जिन्न केला खाते हुए बोला।
प्लीज मुझसे जास्मिन पटवा दो! अलादीन ने जिन्न के पैर पकड़ते हुए कहा।
क्या बोला तूने की पटवा दो? साले लड़कियों की कोई इज्जत होती है या नही? सीधा बोल सेटिंग करवा दो! चल वैसे इतना कह रहा है तो तेरी मदद कर दूंगा! जिन्न इतना कहकर फ्रिज से आइस क्रीम निकालकर खाने लगता है।
शाम होते ही जिन्न और अलादीन तैयार होकर जास्मिन कि हाउस पार्टी के लिए निकल जाते है।
वैसे मैने तो कोई चिराग नही रगड़ा फिर तुम कैसे आये? अलादीन ने रास्ते मे चलते हुए जिन्न से पूछा।
अरे वो चिराग का लफड़ा तो कब का खत्म कर दिया हम जिन्न कमेटी वालो ने अब हम कुछ भी अपनी मर्जी से चुन लेते है जैसे मैने आलू चुन लिया था याद है ना वो आलू जो तुम्हारी हथेली से लुढकर नीचे गिरा था अरे वही मेरा घर था।
साग सब्जी ही क्यो चुना लेकिन? अलादीन ने सोचते हुए पूछा।
यार तू सवाल बोहोत करता है तभी तुम जैसे लड़के सिंगल है इस दुनिया मे ! इतना कहकर जिन्न अलादीन को गायब करके जास्मिन के घर की छत पर पहुंच जाते है।
यंहा तो कुछ भी नही है! कंही हम जल्दी तो नही आ गए! अलादीन ने छत पर किसी को ना देखकर पूछा।
घोंचू ये हाउस पार्टी है रूफ पार्टी नही है नीचे चल पार्टी नीचे चल रही होगी! जिन्न ने अपने माथे पर हाँथ मारते हुए कहा।
वैसे जिन्न भाई इसकी छत तो बहुत ऊंची है। यंहा से तो इंजीनियरिंग कॉलेज की लड़कियां भी दिख सकती है! अलादीन ने छत के कोने पर खड़े होते हुए बोला।
ज्यादा कोने में मत जा अगर गिर गया तो फिर मेडिकल कॉलेज की लड़कियां भी दिख जाएगी! इतना कहकर जिन्न अलादीन को लेकर नीचे आ जाता है। जंहा पर सभी लड़के लडकिया पार्टी कर रहे थे।
अब हम क्या करे जास्मिन तो मेरे सामने ही है! अलादीन ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा।
सामने नही बे बेबकुफ़ बगल में आ गई है! जिन्न ने अलादीन को धकेलते हुए कहा।
मै लेकिन बोलू क्या? अलादीन ने धीरे से जिन्न की तरफ नजरो से देखते हुए कहा।
मै जो बोलता जाऊ वही बोलता रहयो! इतना कहकर जिन्न पीछे की तरफ हो जाता है।
आज तुम माल लग रही हो! मेरा मतलब था कि अच्छी लग रही हो! अलादीन ने घबराते हुए कहा
थैंक यू वैसे तुम भी अच्छे लग रहे हो! जास्मिन ने अपने बालों की जुल्फों को कान के पीछे करते हुए कहा।
वैसे तुमसे कुछ कहना था मुझे! अलादीन अब भी जिन्न की ही बाते दोहरा रहा था।
हां बोलो ना! जास्मिन ने शर्माते हुए कहा।
तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो! मै तुमसे प्यार करता हूँ। माना मै थोड़ा घोंचू हो बेबकुफ़ हूँ लेकिन सच मे तुम्हारी सारी खुशियों को पूरा करने की कोशिश करूंगा ! इतना कहकर जिन्न अलादीन को धक्का देता है जिससे अलादीन के होंठ जास्मिन के होठों से स्पर्श कर जाते है और दोनों ही एक स्विमिंग पूल में गिर जाते है।
अलादीन जास्मिन को सम्भालते हुए स्विमिंग पूल से बाहर आता है और बाहर आते ही जास्मिन अलादीन के थप्पड़ मार देती है।
बदतमीज कंही के मैं तुम्हे अच्छा लड़का समझती थी चले जाओ यंहा से! इतना कहकर जास्मिन गुस्से से घर मे चली जाती है।
अलादीन और जिन्न दोनों घर के बाहर आ जाते है। जिन्न अलादीन की हालत पर हँस रहा था।
ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है ना ही तुम मुझे धक्का देते और ना वो सब होता चले जाओ मुझे अकेला छोड़कर ! अलादीन रोते हुए कहता है।
देखले अलादीन अगर चला गया तो वापस नही आऊंगा! जिन्न गुस्से में बोला।
हां ठीक है निकले अब! इतना कहकर एक बस स्टैंड पर अलादीन बैठ जाता है और जिन्न गायब हो जाता है।
कुछ देर बाद उसी बस स्टैंड पर जास्मिन आती दिखाई देती है अलादीन को इसलिए अलादीन अपना गाल पकड़ कर खड़ा हो जाता है। लेकिन जास्मिन मुसकराते हुए उसे गले लगा लेती है।
मुझे तुम्हारे दोस्त ने सब बता दिया कि वो सब गलती से हुआ था तुम्हारा ऐसा कुछ इरादा नही था! जास्मिन ने मुस्कराते हुए कहा।
दोस्त कौन? अलादीन ने सोचते हुए पूछा।
अरे वही सफेद कोट पेंट वाला! जास्मिन ने अजीब नजरो से जबाब दिया।
अरे नही जिन्न को मुझे जाने से रोकना होगा! इतना कहकर अलादीन घर की तरफ दौड़ लगा देता है।
हो ना हो वह आलू में गया हो मुझे वो आलू दुबारा से रगड़ कर जिन्न से माफी मांगने होगी! ये सब सोचते हुए जैसे ही वह घर मे आता है वह तुंरन्त ही बिस्तर के नीचे ढूंढना चालू कर देता है।
अरे क्या ढूंढ रहा है! अलादीन की मम्मी ने अलादीन को ढूंढते हुए पूछा।
अरे बिस्तर के नीचे एक आलू गिरा हुआ था! क्या आपने देखा उसे? अलादीन ने घबराते हुए अपनी मम्मी से पूछा।
अच्छा वो आलू उसकी तो मैने दम आलू की सब्जी बना दी है तुझे काफी पसंद है ना? अलादीन की मम्मी मुसकराते हुए कमरे से बाहर चली जाती है।
कुछ देर बाद,
अलादीन अपने मम्मी पापा के साथ दम आलू की सब्जी रोटी खाता है और जोर जोर से रोता है।
लेकिन उसकी मम्मी ओर पापा को समझ नही आता कि
“अलादीन आलू के लिए क्यो रो रहा है”
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