पंखुरी दर्द मे तड़प रही थी। डॉक्टर उसे अंदर लेकर जाता है। गजरी बाहर बैठी भगवान से प्राथना कर रही थी। की सब ठीक हो जाए बस.। करीब एक घंटे बाद डॉक्टर बाहर अति है
गजरी उनको देखकर खड़ी हो जाती है। क्या हुआ डॉक्टर पंखुरी ठीक तो है ना।
डॉक्टर,, जी वो ठीक है। मुबारक़ हो बेटी हुई है।
गजरी खुश होते हुए पंखुरी कैसी है।
डॉक्टर,, वो ठीक है नार्मल डिलीवरी हुई है। कल आप लेजा सकती है।
गजरी, मे मिल सकती हु
डॉक्टर,, हा मिल लीजिए
यह कहेके वो डॉक्टर वहा से चलि जाती है।
गजरी भी अंदर अति है। तो पंखुरी लेटी हुई थी. और पल्ले मे एक बच्ची थी.
गजरी उस पल्ले के पास आते हुए। कैसी है मेरी बच्ची यह कहेके वो उसे गोदी उठा लेटी है।
किसी की नज़र ना लगे मेरी बच्ची को।
पंखुरी को थोड़ी देर मे होश आजाता है। गजरी मेरी बच्ची।
गजरी उस बच्ची को गोदी मे लेकर बेड के पास बैठते हुए।
बिलकुल तेरे जैसी है तेरी बच्ची देख।
पंखुरी एक बार बच्ची को देखती है। फिर उसके सर पर हाथ फेर देती है। वो कहा है।
गजरी,, कहा होगा पड़ा होगा कही पीके बस तुझे यहाँ छोड़कर चला गया।
पंखुरी,, क्यों ऐसा बोलती है. उसे पता चलेगा की उसकी बेटी हुई है. तो देखना सुधार जाएगा.
गजरी,, देखते है कितना सुधारता है। कुत्ते की पूछ है जो कभी सीधी नहीं होती वैसे ही तेरा पति है।
पंखुरी,, छोड़ ना क्या बाते लेकर बैठ गयी तू।
सरकारी हॉस्पिटल था इसलिए पंखुरी अकेले कमरे मे नहीं था। बहोत सारे लोग थे उसे कमरे मे।
गजरी,, acha मे तेरे लिए और मेरी गुड़िया के लिए भी कुछ जरुरत का सामान लेकर अति हु। तू फ़िक्र मत कर जब तक मे गीता भाभी को भेजती हु। उनका रात भी फ़ोन आरहा था।
पंखुरी बस मुस्करा देती है। पंखुरी गजरी का हाथ पकड़ते हुए पैसे मेरे कपडे वाले सुन्दूक मे पैसे रखे है। तू निकल लियो।
गजरी,, करदी ना तूने पराये वालो बाली कर दी। क्या तू ही माँ बानी। मे भी तो मौसी बानी हु और इतना तो कर ही सकती हु मे इसके लिए।
और तू अपने पैसे अपने पास रख
और बड़े होकर यह क्या सोचेगी इसकी मौसी इसके लिए इतना भी नहीं कर सकती। यह कहेके वो उसके हाथ पे हाथ रख देती है। तू बिलकुल फ़िक्र मत कर सब सही हो जाएगा।
पंखुरी,, तू है तो मुझे कोई फ़िक्र नहीं है।
गजरी,, चल मे चलती हु। तू ध्यान रख। यह कहेके वो वहा से चलिए जाती है।
पंखुरी अपनी बेटी को देखते हुए मेरा बच्चा देखा मौसी कितनी अच्छी है। अब बस तेरे पापा भी सुधार जाये।
वही थोड़ी देर मे उसके पास गीता आगयी थी। जब तक गजरी नहीं आजाती। ऐसे ही पूरा दिन निकल गया। अगले दिन हॉस्पिटल मे डॉक्टर ने उसे जाने के लिए कहे दिया।
गजरी,, तू बैठ मे ऑटो लेकर अति हु।
थोड़ी देर मे गजरी ऑटो लेकर अति है। और पंखुरी संभाल के उठती है और उस बच्ची को गोदी मे लेती है। और उसको ऑटो लेकर आजाती है। और उसे संभाल के बैठती है.
फिर वो थोड़ी देर मे वो ऑटो घर तक लेकर अति है।
और पंखुरी को संभाल के उतरती है। और उसे अंदर लेकर अति है।
और उसे वहा पड़ी खाट पर बैठा देती है। और उसके बगल मे उस बच्ची को . गजरी दूध बनाते हुए । वैसे कब तक उसे बच्ची कहते रहेंगे कुछ सोचा इसका नाम।
पंखुरी,, हा सोचा ना यह कहते हुए उसे गोदी मे लेते हुए शिव्या। शिव्या नाम है मेरी बच्ची का यह कहेके उसका माथा चुम लेती है।और शिव्या भी मुस्करा देती है।