My Soul Lady - 12 in Hindi Love Stories by Iffat fatma books and stories PDF | My Soul Lady - 12

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My Soul Lady - 12

सना अखिल की आवाज सुनकर थोड़ा परेशान हो जाती है लेकिन कुछ सोचते हुए पीछे मुड़ने लगती है पर अचानक से ही अखिल के उसके देखने से पहले सना अपनी चुटकी बजा देती है जिसकी वजह से सारी चीजें फिर पहले की तरह अपनी जगह पर ही रुक जाती है और टाइम वही स्टॉप हो जाता है और ऐसा होते ही सना अखिल के पास जाती है और गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहती है मन तो कर रहा है तुझे यही अपने पास कैद कर लो लेकिन तेरी जैसी बड़ी शख्सियत का ग़ायब होने से सीधा शक मुझ पर ही आएगा और यह मैं नहीं चाहती कि मेरी पहचान किसी के सामने आए इसीलिए तुझे इस बार भी मैंने छोड़ दिया भरत तेरा हाल भी कौन बाकी बेगुनाह लोगों की तरह होता और तेरी आत्मा को भी मैं खा चुकी होती और अपनी भूख मिटाती




" पर कोई बात नहीं मरना तो तुझे मेरे हाथों से ही है भले वह किसी और दिन ही क्यों ना हो शो नाउ आई विल सी यू लेटर मिस्टर अखिल ओबरॉय " ।




इतना बोल कर सना वहां से गायब हो जाती है और उसके जाते ही उस बेकरी का वक्त फिर से चालू हो जाता है और सभी लोग चलने फिरने लगते हैं तभी अखिल अंश से कहता है अंश वह लड़की कहां चली गई अभी तो यही थी तो अंश उसे प्यार से कहता है मामू वह तो नहीं पता कि वह कहां गई लेकिन Angel Di ने मेरा केक पैक कर दिया है तो अब हम लोग स्कूल जा सकते हैं वरना मेरे दोस्त लोग वहां से चले जाएंगे क्योंकि स्कूल की छुट्टी हो चुकी है मामू ,




तो आखिर में उसकी बात को सुनकर अखिल वहां से निकल जाता है लेकिन उसके मन में कहीं ना कहीं यह शक हो चुका था कि इस बेकरी वाली लड़की में कुछ ना कुछ प्रॉब्लम है , इसलिए उसने अपने असिस्टेंट रोहित को फोन करके इस बेकरी के बारे में सारी जानकारियां इकट्टा करने के लिए कह दिया था । ।




वही दूसरी तरफ सारा अपने केबिन में काम कर रही थी तभी उसे ऐसा महसूस होता है कि जैसे उसे कोई देख रहा है जिससे वह काफी डर जाती है ऐसा सना को फोन लगा देती है और उसे कांपते हुए डर से कहती है सना तो प्लीज ऑफिस आ जाओ यार आज सुबह से पता नहीं क्यों लेकिन मेरे साथ बहुत अजीब अजीब चीजें हो रही है और अभी मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि कोई मेरे आस-पास है तो प्लीज क्या तुम मुझे लेने आ जाएगी ।




तो सना उससे परेशान होते हुए पूछती है ठीक है जी आप डरिए मत मैं अभी थोड़ी देर में आती हूं और हां आप अपना फोन कट मत कीजिएगा मुझसे ऐसी बातें करते रहिए । और सारा वैसा ही करती है जैसा सना ने उससे कहा था लेकिन तभी अचानक उसे एक काली परछाई दिखाई देती है जो सारा की तरफ से बढ़ रही थी जिसे देखकर सारा सना को कहती हैं सना एक काली सी परछाई मेरी तरफ बढ़ रही है प्लीज तुम जल्दी आ जाओ ।




लेकिन सना कुछ जवाब दे पाती उससे पहले ही सारा का फोन बंद हो जाता है और अपने आप स्विच ऑफ हो जाता है और जब सारा उसे बार-बार चालू करने की कोशिश करती है फिर भी वह चालू नहीं होता और परछाई फिर भी लगातार उसकी तरफ से बढ़ रही थी और जैसे ही उसके करीब आकर अपना हाथ सारा की तरफ बढ़ाती है तभी अचानक सारा वही बेहोश हो जाती है और उसके बेहोश होते ही वह परछाई वहां से गायब हो जाती है ।







उधर सना को भी तारा तक जल्दी पहुंचना था , इसलिए वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके कुछ ही सेकंड में सारा के ऑफिस में पहुंच जाती है जहां उसे सारा अपने केबिन में behosh मिलती है , तभी सना को सारा की कही बात और उस पढ़ाई के बारे में याद आता है और वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके उस परछाई से संपर्क बनाने की कोशिश करती है ,




लेकिन वह यह करने में असफल हो जाती है तभी अचानक सना की तरफ एक चाकू उड़ते हुए आता है और वह जैसे ही उसको लगने वाला था उससे पहले ही सेना उस चाकू को पकड़ लेती है और इस हमले की वजह से वह काफी ज्यादा गुस्सा हो जाती है जिसकी वजह से उसकी आंखें लाल हो जाती है उसका चेहरा डार्क हो जाता है और वह धीरे-धीरे अपने असली रूप में आ जाती है ।







और मंत्र पढ़ने लगती हैं जिसकी वजह से उसके बिन में चारों तरफ काला धुंध आने लगता है जिसे अचानक उस काली परछाई का असली रूप बाहर आने लगता है और देखते ही देखते पल भर में वह एक दानव के रूप में बदल जाता है जिसे देखकर कुछ देर के लिए सना शौक रह जाती है और उससे कहती है धुंध दानव तुम यहां क्या कर रहे हो और वह भी मेरी बहन के पीछे ?




तो वह दानव कहता है , मैं यहां अपना काम करने आया हूं जो मेरे मालिक ने मुझे करने को कहा है , " सुरक्षा " तो सना कंफ्यूज होते हुए कहती है, सुरक्षा लेकिन Sara के पीछे क्यों? क्योंकि जहां तक मुझे पता है तुम्हारी किस्म के दानव बस अपने मालिक के कहे अनुसार एक रखवाले की तरह किसी चीज की रक्षा करते हो लेकिन तुम्हें सारा की रक्षा करने के लिए किसने कहा है तो वह दानव हंसते हुए कहता है , मुझे यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम जैसे अच्छे दानवों का तुम जैसे बुरी डायनों से कोई लेना-देना नहीं है जो इंसानियत को नष्ट करती है ।







यह बात सुनते ही सेना गुस्से में कहती है , अपनी औकात में रहो वरना यह तुम भी जानते हो कि मैं क्या क्या कर सकती हूं और क्या नहीं और रही बात बुराई की तो कौन कितना बुरा है वह मैं अच्छे से जानती हूं । तो अगली बार ऐसी बातें मुझसे करने से पहले सौ बार सोच लेना वरना तुम्हारा मालिक भी तुझे नहीं बचा पाएगा , इसीलिए मैं आखिरी बार पूछ रही हूं तुम लोग सारा का पीछा क्यों कर रहे हो और किसने कहा है तुम्हें यह करने को क्योंकि इतना तो गारंटी है कि तुम्हारा मालिक वैंपायर है क्योंकि आखिरकार तुम उन्हीं के तो गुलाम हो ।




लेकिन वह दानव सना को कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं था इसीलिए सना अपनी चोटी को लंबा करती हैं और धुंध दानव को उस में जकड़ लेती है और उसे कहती है, अब मैं तुम्हें आखरी बार बोल रही हूं बताओ मुझे कौन है वह वैंपायर ?और क्यों उसने तुम्हें सारा के पीछे लगाया है ?और आखिर उसे सारा से क्या चाहिए ?वरना मैं अभी तुम्हें यही तड़पा तड़पा कर मार दूंगी क्योंकि तुम मुझे अच्छे से जानते हो कि मैं जो कहती हूं वह करती हूं ।




तभी वह दानव सना से कहता है , ठीक है ठीक है मुझे मत मारो मैं तुम्हें बताता हूं कि वह कौन है और उसे सारा क्यों चाहिए ?