Maa Kab Aayengi - 4 in Hindi Spiritual Stories by Dikshadixit books and stories PDF | मां कब आयेगी - (भाग -४)

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मां कब आयेगी - (भाग -४)

सुबह होती है मीठी के पिता जब जागते हैं तो देखते है आज बह फिर से ड्यूटी के लिए लेट हो गए, बह जल्दी से उठते हैं,और तैयार होते होते बह अपने दोस्त की बाते सोचते हैं,की रात उनका दोस्त बोला था कि दो तीन दिन सोच कर जबाव दें भाई साहब को बोल दें की बह अब शादी करना चाहते हैं,पर मीठी के पिता अभी भी बही अटके है की दूसरी बीबी लाना ठीक होगा या नहीं अगर ठीक भी है तो किया बच्चों के लिए दूसरी माँ ठीक होगी। ये सब बातें उनके मन को बार बार डरा सी देती ह पर विश्वास था कि बह बच्चों को अकेले पाल सकते हैं। पर लोगो को नही था,बह इस तरह उनके पीछे पड़े हैं जैसे शादी करना एक खेल हैं । मीठी के पिता ऑफिस में बैठे बैठे सोच में पड़ जाते हैं, तभी उनका एक सहपाठी आता है और बोलता है शरद तुम कुछ दिन से काफी परेशान हो किया हुआ है।शरद उदय के साथ हुआ हादसा उनको बताते हैं, बोलते है लोग कह रहें है की मैं अपने बच्चो को नही पाल सकता, एक मां ही बच्चों को देख रेख कर सकती है, दुनियां की बात सुन कर मैं दूसरी शादी कर भी लूं पर बच्चे उनका किया होगा जो सोच कर मैं उनके लिए दूसरी मां लाऊंगा किया बह वैसी ही होगी या मेरे बच्चों को मैं जान बूझ कर नर्क में ढकेल दूंगा मैं समझ नही पा रहा किया करूं।उनकी बात सुन कर सहपाठी बोलते है बस इतनी सी बात है और साहब इतना परेशान हैं, बह सहपाठी उनका दोस्त विनोद उनके पास बैठ जाता है और शरद का हाथ से हाथ मिलाए बोलता है, बुरा न मानो तो एक बात कहूं, शरद बोलते हैं, हां हां दीवान जी बोलिए ना किया बात है विनोद बोलते हैं,की मेरी बहन है, मुझसे बहुत छोटी है तुम चाहो तो मैं तुम्हारे साथ उसकी शादी करा दूं, कोई दिक्कत ना हो तो इस प्रकार मेरी बहन का भी घर बस जायेगा और तुम्हारे बच्चों को मां भी मिल जायेगी मेरी बहन बहुत सीधी और दयालु है तुम्हारी सारी चिंता दूर हो जायेगी कोई परेशानी हुई भविष्य में तो मैं वादा करता हूं मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगा क्योंकि मुझे पता है मेरी बहन कभी शिकायत का मोका ही नही देगी। तुम ठीक समझो वैसे शादी होगी पर एक बात है तुमको बता दे रहा हूं मेरी बहन कभी मां नही बन सकती है , शरद ये बात सुन कर अचंबित हो जाते हैं और कहते है किया तुम्हारी बहन शादी करेगी बह दो छोट बच्चो को पाल सकती है या मजाक कर रहे हो, मेरे लिए मेरे बच्चे ही सब कुछ है विनोद मैं उनको कोई भी किसी भी प्रकार की तकलीफ नही दे सकता।तुम मेरी फिरकी लेना बंद करो, विनोद कहते है यार में सच में कह रहा हूं मजाक नही है। अब जैसा तुम ठीक समझो, विनोद यह कह कर वहां से चले जाते हैं, मीठी के पापा अपने घर आते है गेट खुलते ही मीठी अपने पिता को गले लगा के खुशी से चिल्ला देती है को अब बाहर घूमने चलो एक चक्कर लगा दो गाड़ी से पापा, और आइस्क्रीम भी खाऊंगी। शरद दोनो बच्चों को उठाए कार में डाल देते है और एक लंबी सेर पर चले जाते हैं,
क्रमश.........