Never Forget - 4 in Hindi Love Stories by Patel Priya books and stories PDF | Never Forget - 4

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Never Forget - 4

निशा : क्यु क्या हो रहा हे ?
सुहाना : पहले मुझे वो खाब 1, 2 महीने में एक बार दिखता था. लेकिन इस बार 1 ही महिने में 2 , 3 बार दिख रहा हे.
निशा : Exactly मुझे बताओ की क्या हो रहा हे.
सुहाना : हर बार मुझे एक सपना आता है। सपने में यह दीखता है की में आग में जल रही हु.किसी ने मुझे घर में बांध रखा हे और मुझे आग लगा रहा हे. और में मेहसूस कर रही हु की में पूरी तरहा जल रही हु. कल रात को वोही खाब फिरसे आया दर के मारे में ज़ोर से चीखी हर बार ऐसा ही होता है। इसी वजह से माँ दर जाती है.
निशा : ऐसा भी हो सकता है. ना की तुम्हे आग से दर लगता हे इसी लिए ऐसे सपने आते हो
सुहाना : नहीं ये डरावने खाब मुझे बचपन से आ रहे हे. एक ना एक खाब बार बार देखना it's strange
निशा : हा ये भी है. तो अब क्या करोगी तुम ?
सुहाना : में और कर भी क्या सकती हु.देखते है आगे क्या होता है.(उनकी बाते ख़तम होने के बाद वह दोनों घर के लिए निकल जाती है. सुहाना अपने भाई को लेने के लिए जाती हे.)

सुहाना : विशाल सुनो माँ घर पर बुला रही हे. चलो
विशाल : हा दीदी आता हु तुम आगे जाओ
सुहाना : ठीक है पर आ जाना वर्ना माँ पिटाई कर देगी तुम्हारी
विशाल : हा में तुम्हारे पीछे पीछे ही आ रहा हु.
विशाल से बात करने के बाद वह घर जाती है.कॉलेज में अब उनके 6 मंथ ही बचे थे। सुहाना को अब अपने फ्यूचर की चिन्ता हो रही थी. वह कॉलेज के बाद एक अच्छी जॉब करके अपनी माँ की हेल्प करना चाहती थी.

ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है. सुहाना रोज़ की तरहा अपना कॉलेज के लिए निकल जाती है. आज निशा की तबियत ख़राब होने की वजह से वह कॉलेज नहीं आने वाली यह वो सुहाना को बता देती है.

जुलाई महिना प्यार करने वालो के लिए फेवरिट माना जाता हे. वोह पेहली पेहली बारिश में भीगना हर किसी को पसंद है। सुबह सुबह आसमान में काले घने बादल छाये हुए है.
सुहाना : Uff मेरे कॉलेज पहोचने से पहले बारिश गिरनी नहीं चाहिए Plz god हेल्प करना (बोलते बोलते वह कॉलेज के लिए निकल जाती है.कॉलेज पहोचने में अभी 3 km रास्ता काटना बाकि था. सुहाना को रास्ते में विहान दिखा जो साइड में अपनी बाइक में कुछ कर रहा था। शायद उसकी बाइक बिगड़ गयी।
सुहाना : लगता है विहनि की बाइक बिगड़ गयी हे. मुझे उसकी हेल्प करनी चाहिए आखिर कार उसने भी तो मेरी मदद की हे ये तो मेरा फ़र्ज़ बनता हे. (यह सोच कर वह उसके पास जाती हे. )
सुहाना : Hey विहान क्या हुआ कुछ प्रॉब्लम है क्या ? (सुहाना को देख कर वह याद करने लगता हे.)
विहना : ओह hey तुम तो मेरे कॉलेज की ही हो राइट ? और हम क्लास्मेट भी हे हेना
सुहाना : हा राइट आखिर तुमने मुझे पहचाना तो सही। वैसे क्या प्रॉब्लम है ?
विहना : अरे ये मेरी बाइक स्टार्ट नहीं हो रही पता नहीं क्या हुआ हे इसको
सुहाना : एक काम करो यहाँ पास में ही एक गराज हे उसको अपनी बाइक देदो। ये लो उसका नंबर (सुहाना विहान को गराज वाले का नंबर देती हे विहान कॉल करके अपनी बाइक ले जाने को केहता हे.)

सुहाना : सुनो तुम मेरे साथ मेरी बाइक पे आ सकते हो अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम ना हो तो. (यह सु कर विहान सोच में पर जाता हे बादमे ऊपर आसमान की और देख कर सोचता है )
विहान : (सोचते हुए ) अगर में इसके साथ नहीं गया तो आज पूरा भीग जाऊंगा इस से अच्छा तो में इसके साथ बैठ कर चला जाऊ।
विहान : थैंक यू सो मच (कह कर उसके साथ बैठ जाता है.)
सुहाना तो आज आसमान में उड़ रही थी आज विहान के साथ एक बाइक पर बैठ ना उसने कभी नहीं सोचा था। वह मन ही मन मुस्कुरा रही थी. कॉलेज पहुंचते ही वह कॉलेज के पार्किंग मे बाइक पार्क करती हे. विहान फिर एक बार उसका शुक्रिया करता। वह दोनों क्लास की और ही जा रहे थे।
नताशा : Hey Babe कहा जा रहे हो इस लड़की के साथ ? (नताशा अपनी फ्रेंड्स के साथ सामने आ मिलती हे. )
विहान : (नताशा को गले लगाते हुए ) baby इसने आज मुझे भिगने से बचा लिया मेरी बाइक ने आज साथ छोड़ दिया मेरा तो इस लड़की ने हेल्प की मेरी
नताशा : अच्छा तो ये बात हे मुझे लगा की तुमने कोई और ढूंढ ली।
आगे की स्टोरी जानने के लिए बने रहे मेरे साथ Poket FM पर.