science with nature in Hindi Moral Stories by Dhruv Prajapati books and stories PDF | प्रकृति के साथ विज्ञान

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प्रकृति के साथ विज्ञान

-- कई वर्ष पूर्व हमारा देश और समाज को विज्ञान की छाया मिलना असंभव था । लेकिन इस देश की हरियाली और स्वच्छता इस देश की कारण बनी हुई है । तो आज स्वच्छ और हरित समाज के लिए विज्ञान ही जवाबदार हे तो इस विषय पर तीन स्टोरी या आपके सामने प्रस्तुत है,,,,,,,
SCREEN:!
राहुल:- अरे रामुचाचा वो अपनी बाइक की चाबी देना जरा बाहर जाना हे।
रामुचचा अंदर मन में: -ये रोज आकार चाबी मांगता है और मना भी नही कर सकता ।पेट्रोल भी 100 का हो गया है।
राहुल:- अरे रामुचाचा कहा चले गए?
रामुचाचा:- अरे आ रहा हूं बेटा ये ले के जा बाइक पर ध्यान रखना कल ही टंकी फूल करवाई है जरा ध्यान से चलाना ।
(राहुल अपनी मस्ती में:- हा ठीक हे चलो जल्दी हो रही है चलता हू)

रामुचाचा टेंशन में अपने बेटे से कहता हे: -ये राहुल दो दो दिन में बाइक ले जाता है । पेट्रोल का भी बहुत दाम हे

चिराग:- अरे पिताजी विज्ञान की सहाय लीजिए।
रामुचाचा:- किसकी? ये कोई तेरा दोस्त हे?
चिराग:- ये पापा ये कोई मेरा दोस्त नहीं है पूरे समग्र विश्व का दोस्त हे ये देखो ये स्मार्ट फोन ऐसे ही कई चीजे विज्ञान ने बनाई हे ।।
रामुचाचा:- तो फिर इसका बाइक के टेंशन के साथ क्या सबंध हे?
चिराग:- विज्ञान ने केसे स्मार्ट फोन बनाया हे वैसे ही electric bike ,car, Activa ऐसे ही कई चीज बनाई हे
रामुचाचा:- तो फिर चल कह मिलेगा तेरा विज्ञान ।
चिराग:- शोरूम में ।
रामुचाचा:- तो चल चलते हे
Introdusar:- सर ये हे एक electrice बाइक इसमें पेट्रोल की जरूरत नहीं पड़ती,इसमें नंबर प्लेट नही आती , टॉप स्पीड with high technology।
रामुचाचा:- कितने की होगी ये?
Introdusar:- सर ये स्टार्टिंग में थोड़ी महंगी आती है लेकिन विज्ञान भी समजदार है आपके पीते पैसे 1 वर्ष में वसूल कर देती है और सर ये पर्यावरण की हरियाली कायम बना रखती हे ।
रामुचाचा:- लेकिन बिजली का बिल तेरा बाप भरेगा ,,,,
Introdusar :- लेकिन विज्ञान ने बिजली का बिल न आए इस लिए भी एक तरीका सोचा है जो
Screen 2 में हे

* Screen 2

(तो रामुचाचा ने ये बाइक ले ली लेकिन वो अभी बिजली का बिल से परेशान हे )

राहुल:- चाचा आपने बाइक ले ली नई ।
रामुचाचा : जा बेटा।
राहुल:- लेकिन चाचा आपका बिजली का बिल इतना ज्यादा क्यों आता हे ।
रामुचाचा: -इस e- बाइक की वजह से ।
राहुल:- लेकिन चाचा आप सोलर पैनल लगवा लो ।
रामुचाचा:- ये सोलर क्या होती है बेटा?
राहुल:- देखो चाचा जो धूप होती है ना उससे बिजली बनती है ।
रामुचाचा: बेटा तुम सोच समाज कर बोल रहेगी ना?
राहुल:- हा में पूरे होश आवाज में बोल रही हू
इससे लाइट का बिल बहोत कम आता हे ।
रामुचाचा:- इसमें विज्ञान आता हे
राहुल:- नही चाचा ये विज्ञान में आता हे ।
रामुचाचा :- तो चल फिर लेके आते ही तेरी सोलर पैनल ।
(दोनो चलते हे सोलर पैनल लेने के लिए)
और screen 2 ka अंत होता है

Screen 3
रमेश:- क्या कर रहा है दिनेश ?
दिनेश :- कुछ नही सिर्फ ये कचरा दल रहा था ।
रमेश :- लेकिन dustbin तो दिख नहीं रही है
दिनेश:- अरे ये जमीन पर डाल रहा हु ।
रमेश:- लेकिन इससे तो जमीन प्रदूषित होगी इससे अच्छा तो dustbin में डाल देता ।
दिनेश:- देख मेरे भाई ये डस्टबिन का कचरा भी जमीन में ही डाटा जाता है ।
रमेश:- तू गलत बता रहा ही ।
दिनेश:- ये सच ही मैने कई साल पहले tv per देखा था
रमेश:- लेकिन आज विज्ञान ने इतनी तरक्की करली हे की आज इसका रिसाइकल होता है और इससे प्लास्टिक की जरूरत को पूरा किया जाता हे,,
दिनेश :- केसे में मान लू?
रमेश:- देख प्लास्टिक को पिगला कर प्लास्टिक की चीज बनाते हे जिससे पर्यावरण। हरियाली पर कोई नुकसान न पड़े मेरे भाई विज्ञान आगे आ चुका हे ।
दिनेश :- चल दोस्त मिलते हे ।।।


“हमने इस विसय पर आज के समय के आधार पर स्टोरी तैयार की थी जो विज्ञान के आधार पर थी”

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