सुबह हो गई मीठी के पिता सुबह उठे और अपनी घड़ी के तरफ देखा सुबह के सात बज चुके थे, उनको सुबह ऑफिस के लिए देर हो रही थी।बह अपनी बेटी को एक तरफ सुला देते हैं, और जल्दी से उठ जाते हैं, तैयार हो कर बिना नाश्ता किए ऑफिस निकल जाते है और अपनी मां से कह जाते है की मां बच्चो का ख्याल रखियेगा मैं शाम को जल्दी आऊंगा।
और बह चले जाते हैं, मीठी की दादी बहुत बूढ़ी थी मगर बह उदय और मीठी का पूरा ख्याल रखा करती थी, दादी मीठी को आवाज देती हैं, मीठी बेटी उठ जाओ सुबह हो गई, मीठी अपनी दादी की एक आवाज से उठ जाती है। दादी उससे कहती है नाश्ता कर ले और भाई का ख्याल रखना मैं पूजा में बैठ रही हूं। मीठी नाश्ता भी नही करती और अपने भाई को देखने जाती है, अभी उसका भाई सोया है, बह देख कर आ जाती है और खेल में लग जाती है, खेलते खेलते उसका ध्यान बाहर खेल रहे बच्चो पर जाता है बह भी उनके साथ खेलना चाहती है, बह सोचती है अभी उदय सोया है तो बह कुछ देर खेल आए, बह बाहर जाती है, तभी उदय की आंखे खुल जाती हैं, बह अपनी बहन को बखूबी जानता है, बह देखता है की उसकी बहन बाहर जा रही है, बह उठ जाता है और उसके पीछे चला जाता है, मीठी खेलने लग है उसका भाई कब घर से बाहर चला जाता है उसको नही पता। तभी उसकी दादी की पूजा समाप्त होती है बह मीठी को आवाज देती हैं,मीठी को कुछ आवाज देने पर बह नही सुनती, दादी उठ कर उदय को देखने जाती है उदय भी नही है, यह देख दादी घवरा जाती हैं, दोनो बच्चे कहां गए तभी उनकी नज़र गेट पर जाती है बह बाहर देखती हैं मीठी को देख उनको राहत की सांस आती है, बह मीठी को बुलाती हैं और बोलती हैं, उदय खेल रहा है किया, मीठी की चुप्पी साफ जाहिर कर रही है, कि उदय के बारे में बह कुछ नही जानती।मीठी की दादी उसे फिर पूछती हैं उदय कहां है बेटा, मीठी कुछ नही बोलती। दादी बहुत दुखी होती हैं और उदय को खोजने लगती हैं। बहुत देर खोजने के बाद उदय नही मिलता, दादी परेशान हो जाती हैं बह घर आ कर मीठी के पिता को फोन करती हैं और उनको सब बता देती हैं, कि उदय कही खो गया है मिल नही रहा। इतना सुन मीठी के पिता जल्दी ही ऑफिस से चल देते हैं, जल्दी ही बह घर आ कर सब पूछते हैं, दादी बताती हैं कि बह पूजा करने से पहले मीठी को बोल के गई थी कि उदय का ध्यान रखे दादी की बात सुन कर मीठी डर जाती है, उसको लगा अब उसकी खेर नही पापा बहुत डाटेंगे, उदय कहां खो गया। उसके पापा मीठी को पूछते है बेटा उदय कहां गया अपने देखा किया, मीठी डरी सी सहमी सी बेचारी कुछ नही बोल पाती, तभी एक अंकल आते हैं बह मीठी के पिता के बहुत अच्छे दोस्त हैं, बह मीठी के पिता को बोलते है, शरद उदय का कुछ पता चला किया, मीठी के पापा कुछ नही बोलते, तभी नकुल मीठी के अंकल बोलते है घर बैठे कुछ नही होगा पुलिस में रिपोर्ट लिखा दे उदय मिल जायेगा परेशान ना हों,
और नकुल मीठी के पिता रिपोर्ट लिखा आते हैं।।
उदय मिलता है या नही आगे भाग (३) में
दीक्षा दीक्षित
उत्तर प्रदेश मथुरा