Kouffnak Diwali - 1 in Hindi Horror Stories by Stylish Prince books and stories PDF | खौफनाक दिवाली - पार्ट १

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खौफनाक दिवाली - पार्ट १

दिवाली की वो खौफनाक रात, सब लोग यह तो जानते है की दिवाली जगमगाती रोशनी और लाइट्स का त्यौहार है। पर जो ज्यादा तर लोग नहीं जानते वो ये है की दिवाली की रात अमावस्या की रात होती है और हर अमावस्या की रात काली शक्तिया सबसे ज्यादा ताक़तवर हो जाती है।

लेकिन 19 साल का सुमित इस बात से अनजान था वह अपने दोस्त विजय से साथ दिवाली की रात सड़क पर घूम रहा था तभी विजय की नज़र मंदिर के पीछे एक सुनसान से घर के पीछे गयी वहा एक सुन्दर लड़की लाल साड़ी पहनी दिया जला रही थी।

विजय सुमित को लेकर उस घर के पास चला गया जैसे ही दोनों वहा पहुंचे उन्होंने देखा की पूरा घर दियो से सजा था। उन्हें बालकनी में खड़ी वह सुन्दर लड़की नजर आयी। उसने फिर वही मन लुभाने वाली मुश्कान देकर उन दोनों को अंदर बुलाने का इसारा दिया।

घर अंदर से भी उतना ही खूबसूरत सजा हुआ था जितना की बाहर से, मेज पर खाने के लिए अलग-अलग चीज़े रखी हुयी थी। सुमित मेज से एक लड्डू उठाकर खाने लगा पर उसके हाथ से गलती से वह निचे गिर गया जैसे ही सुमित लड्डू उठाने के लिए निचे झुका उसने देखा की मेज के निचे एक भयानक काली परछाई थी जो सुमित को देखते ही कही गायब हो गयी।

सुमित जैसे ही विजय को यह बताने ऊपर उठा उसने देखा की विजय सीढ़ियों के ऊपर खींचा चला जा रहा था सुमित बेहद घबड़ाने लगा था। फिर अचानक घर में पायल की आवाजे आने लगी जैसे की कोई लड़की एक कमरे से दूसरे कमरे में जा रही हो।

सुमित उस आवाज के पीछे-पीछे सीढ़ियों से ऊपर चला गया लेकिन ऊपर जाते ही उसे कमरे के अंदर पंखे से लटकी हुयी एक लाश दिखी। सुमित उस लाश का चेहरा देखकर बुरी तरह कापने लगा क्योकि वो किसी और की नहीं बल्कि विजय की ही लाश थी।

सुमित डरते-डरते पीछे मुड़ा तो उसके ठीक सामने वही सुन्दर लड़की खड़ी थी और उसे देखकर मुस्कुरा रही थी। पर इस बार सुमित को वह मुश्कान मन लुभाने वाली नहीं बल्कि बेहद डरावनी लग रही थी। अचानक घर की सारी लाइट्स बंद हो गयी वह घर धीरे-धीरे एक खंडहर में बदल गया। वह लड़की अब भी सुमित को देखकर मुस्कुरा रही थी।

अचानक लाल साड़ी पहनी हुयी उस लड़की के बाल सफ़ेद और लम्बे होने लगे और आँखे एकदम लाल पड़ गयी और चेहरा एकदम डरावना हो गया था।

सुमित उसे देखकर एकदम सुन्न पड़ गया था वह लड़की हाथ में चाकू लिए सुमित की तरफ बढ़ रही थी सुमित ने किसी तरह अपना होश संभाला और बिना कुछ सोचे सीधा घर से बाहर भागा लेकिन वह लड़की अभी भी सुमित के पीछे पीछे आ रही थी ।

वह लड़की सुमित को मारने के लिए अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया लेकिन सुमित तब तक बाहर निकल गया था। उसने जल्दी से घर का दरवाजा बाहर से बंद कर लिया। वह लड़की उस दरवाजे को अंदर से बहुत ही तेज़ से ठोक रही थी। लेकिन अचानक ठोकने की आवाज बंद हो गयी और फिर सुमित को उस लड़की की चीखने की आवाज सुनाई देने लगी जैसे वह उस घर के अंदर कैद हो गयी हो।


सुमित वहा से जल्दी से निकला और अपने घर जाकर चुपचाप सो गया। अगली सुबह जब सुमित उठा तो उसकी माँ ने बताया की उसका दोस्त विजय कल रात से लापता है तब सुमित ने पूरा किस्सा अपनी माँ को बताया।

माँ ने उससे कहा की कई साल पहले दिवाली की रात एक लड़की ने उस घर में आत्महत्या की थी तब से उसकी आत्मा उसी घर में भटकती रहती है किसी को कभी पता नहीं चल पाया की उसने आत्महत्या क्यों की थी और उस घर में कोई भी नहीं जाता।

यह बात सुनकर सुमित पूरी तरह हिल गया वह यह यकीन करना चाहता था की जो भी उसके साथ हुआ वह एक बुरा सपना था पर उस रात के बाद उसका दोस्त विजय कभी वापिस नहीं आया और सुमित को आज भी दिवाली की वो खौफनाक रात और उस लड़की की भयानक चीखे सोने नहीं देती।