सुहाना उसके पीछे पीछे जाती है.
सुहाना : hey listen
विहान पीछे घुमता है.
विहान : ह मम। .. yes
सुहाना : एक्चुअली वोह मैं वोह केह रही थी की (सुहाना उससे बात करने मे हीच खींचा रही थी. )
विहान : हा बोलो क्या केहना है.
सुहाना : क्या तुमने मुझे पेहचाना मे वोह (विहान बोहोत जल्दी मे था उसे बार बार किसी की कॉल आ रही थी. लग रहा था की वह जल्दी में है.
विहान : अअअ। .. नहीं। क्या हम पहले कभी मिले है ?
सुहाना को यह जान कर बुरा लगता है की उसने उसे नहीं पेहचाना
सुहाना : वह उस दिन तुमने मेरी हेल्प की थी. (विहान जल्दी मे था बार बार अपने मोबाइल में देखे जा रहा था.)
विहान : अरे हा वोह
(सुहाना मुस्कुराती है उसे ये जान कर ख़ुशी हुयी की विहान को याद आ गया.)
सुहाना : उस दिन के लिए थैंक यु सो मच अगर तुम ना होते तो पता नहीं मेरा क्या होता।
विहान : अरे तुम्हे थैंक यू कहने की कोई ज़रुरत नहीं है येतो मेरा फ़र्ज़ था. (सुहाना उसे कॉफी के लिए पूछना चाहती थी.लेकिन वह जल्दी मे था.)
सुहाना : वोह में केह रही थी की क्या तुम (उसकी बात बिच में काटते हुए)
विहना : ठीक है में आपसे बाद मै मिलता हु.मुझे अभी कही जाना है. (ऐसा केह कर वह वहा से चला जाता है.)
सुहाना की बात बीच में ही रुक जाती है. वह सोचती है.
सुहाना : कोई बात नहीं अगली बार पूछ लेगी अब तो पता चल गया हे वह कोन है.(उसी समय निशा उसके पास आती है.)
निशा : सुहाना सुनो मुझे पता चल गया.
सुहाना : क्या पता चल गया.
निशा : उस लड़के के बारे में
सुहाना : सच्ची ....
निशा : हा वोह हमारे साथ हमारे क्लास में ही पढता है. उसका नाम विहान है. और वोह हमारी कॉलेज की क्रिकेट टीम में भी है.
सुहाना : विहान उसके चेहरे की तरहा उसका नाम भी बहोत खूबसूरत है.
पार्टी के बाद लगभग 1 वीक ख़तम हो गया था लेकिन सुहाना अभी भी उस से बात नहीं कर पायी थी.वह रोज़ उसके सामने से गुज़र टी थी लेकिन उस के साथ बात करने की हिम्मत नहीं जूता पा रही थी. विहान हमेशा अपने ग्रुप के साथ ही घुमता था. इसी वजह से वह बात करने में हीच कीचा रही थी. एक दिन उसने सोच लिया की वह आज उससे बात करके ही रहेगी। चाहे जो भी हो जाये।
दूसरे दिन वह कॉलेज पोहोचते ही विहान को ही ढूंढ रही थी. उस दिन वह क्लास में भी नहीं आया था. 2 , 3 लेक्चर ख़तम होने के बाद वह उसे वॉशरूम की और जाते हुए दिखा।
सुहाना : (सुहाना मन में) अरे वोह तो वॉशरूम जा रहा है क्या करू अब में जाऊ या नहीं क्या करू. ऐसा करती हु चली जाती हु वह अभी अकेला है बाद मैं उसके बाकि के फ्रेंड्स आ जायेगे उस से पहले में उस से बात कर लेती हु उसके वॉशरूम से निकलने का wait कर लुंगी। (ऐसा सोच कर वह उसके पीछे पीछे जाती है.) अचानक से विहान को कोई लेडीस वॉशरूम में खींच लेता है. यह देख कर सुहाना शोक हो जाती है की ये क्या था,
सुहाना : क्या करू अंडर जाऊ या ना जाऊ (ऐसा सोचते सोचते वह सीधी वॉशरूम में घुस जाती है. अंडर का नज़ारा देख कर वह उदास हो जाती है )
नताशा और विहान दोनों एक दूसरे को जूनून से kiss कर रहे थे. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था उन्हें कोई देखे या न देखने से.यह देख कर सुहाना फटाफट बहार निकल जाती है.(नताशा कॉलेज की सबसे हॉट लड़की यो में से एक थी वह हमसे 1 year आगे थी. वह हमारी सीनियर हे. हर कोई लड़का उस पर फ़िदा है उन लड़को में एक विहान भी है.
सुहाना : तो ये थी मेरी स्टोरी उस दिन के बाद मेने कभी उस से बात करने की कोशिश नहीं की. अगर वोह मेरे नसीब में होगा तो हम दोनों एक दिन ऐसे ही मिल जायेंगे।
पवन : अच्छा तो ये बात है. लेकिन इतने साल हो गए इस बात को हुए हुवे तुम्हे आज तक कोई और लड़का पसंद नहीं आया ?
सुहाना : नहीं में हर किसी लड़के पर नहीं मरती मुझे जो पसंद आता है वह लाखो मेसे एक होता है. (ऐसा केह कर आंख मरती है.) सबको यह जानने के बाद सुहाना के लिए थोड़ा बुरा लगता है.
सुहाना : अरे यार तुम लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो. मुझ पर दया खाने की कोई ज़रुरत नहीं है. इस बात को हुए बोहोत लम्बा समय बित गया है.अब तो में खुद उसके बारे में ज़्यादा नहीं सोचती।
जिया : चलो कोई बात नहीं तुम्हे उससे भी अच्छा लड़का मिलेगा क्या पता तुम्हारे नसीब में कोई और लड़का हो ?
सुहाना : (सोचते हुए ) क्या पता क्या होगा (कॉलेज ख़तम होने के बाद निशा और सुहाना घर चली जाती है.घर पोहुंच ने के बाद)
सुहाना : મમ્મી આજે સુ બનાવ્યું છે.(सुहाना की फॅमिली गुजराती थी इसी लिए वह घर पर गुजराती में बात करती रहती थी.)
विशाल : (सुहाना का छोटा भाई ) तुम्हे खाने के अलावा कुछ नहीं सूझता क्या
सुहाना : तू अपना काम कर मुझे परेशान मत कर
मम्मा : तुम दोनों रोज कुत्ते बिल्ली की तरहा झगड़ना चालू मत करना। चुप चाप खाना खा कर अपना अपना काम करो.
विशाल उसे चिढ़ाते हुए चला जाता है.सुहाना भी जा रही थी तब उसकी माँ उसे रोकती है.
मम्मा : सुहाना सुनो बेटा
सुहाना : हा माँ क्या हुआ
मम्मा : तुम ठीक हो ना वो कल रात तुम (बात को बिच में काटते हुए )
सुहाना : (अपनी माँ का हाथ पकड़ते हुए ) माँ तुम टेन्शन मत लो में ठीक हु अब तो मुझे आदत लग चुकी है.
मुम्मा : है लेकिन कल रात कुछ ज़्यादा हुआ था तो में दर गयी थी.
सुहाना : नहीं मम्मा कुछ ज़्यादा नहीं था. वह तो गर्मी की वजह से पसीना थोड़ा ज़्यादा आ गया था.
मम्मा : तुम सच तो केह रही हो ना ?
सुहाना : हा माँ अगर ऐसा कुछ होगा तो में पहले आपको ज़रूर बताऊंगी। चलो अब मुझे खाना खिलाओ मुझे भूख लगी है.
मुम्मा : हा चलो (दोनों माँ बेटी खाना खाने जाती है.)
खाना ख़तम होने के बाद सुहाना अपने रूम में जाती है.और बेड पर लेट जाती है.वह जो अभी उसकी माँ ने कहा उस बारे में ही सोच रही हे.
सुहाना : (अपने आप से बात करती है.) सॉरी मम्मा मेने आपसे जुठ बोला लेकिन में आपको परेशानी में नहीं देख सकती. आपने पहले से ही बहोत कुछ जेला है. में अब और तकलीफ में आपको नहीं देखना चाहती.
वह इस बारे में किसी से बात करना चाहती थी. अपना फ़ोन लेकर नंबर डायल करती हे
सुहाना : हेल्लो निशा क्या कर रही हो
निशा : कुछ नहीं बस टीवी देख रही हु.क्यों ?
सुहाना : वोह में वोह (सुहाना जब भी नर्वस या दुखी होती है तब वह बोलने में हीच खिचाने लगती हैं और उसकी यही आदत को उसकी बेस्ट फ्रेंड अच्छी तरहा से जानती थी.)
निशा : सुहाना क्या तुम ठीक हो ? क्या कुछ हुआ हे ? किसी ने तुमसे कुछ कहा क्या ?
सुहाना : नहीं वो बात नहीं है.
निशा : तो क्या हुआ क्यों परेशान हो.
सुहाना : मेरे साथ वापस वही सब हो रहा हे. क्या तुम क्या मुझसे.. मिलने आ सकती हो.
निशा : हा ठीक हे में आ रही हु तुम्हारे घर पर (ऐसा कह कर वह फ़ोन ही रखने वाली थी.)
सुहाना : सुनो सुनो तुम घर पर मत आना वार्ना माँ को सक हो जायेगा
निशा : तो क्या तुमने उन्हें नहीं बताया ?
सुहाना : नहीं में उन्हें परेशान नहीं करना चाहती। हम कही और मिलते है. मेरी सोसाईटी के बाहर जो गार्डन हे हम वह पर मिलते हे ठीक है.
निशा : ठीक है. में 5 मिनट में निकलती हु. (ऐसा केह कर फ़ोन रखती है.)
सुहाना फटाफट अपने कपडे चेंज कर लेती हे. और पार्क में जाने के लिए रेडी हो जाती है. वह अपने घर से निकल ही रही थी की...
मम्मा : સુહાના ક્યાં જાય છે.उसकी माँ उसे पूछ लेती हे की वह कहा जा रही है.
सुहाना : मुम्मा वह निशा के साथ में गार्डन में बैठने जा रही हु. में जाऊ ना ?
मम्मा : हा बेटा जल्दी वापस आ जाना
सुहाना : हा माँ जल्दी आ जाऊंगी
मम्मा : और हा आते समय विशाल को भी साथ लेती आना वह सोसाइटी में क्रिकेट खेलने गया है. मेने कितनी बार कॉल किया लेकिन वह नहीं आ रहा.
सुहाना : ठीक हे माँ मे उसे लेकर ही आऊंगी. अब मे जाती हूँ.
मम्मा : ठीक हे जाओ.
सुहाना घर से स्कूटी ले कर गार्डन मे जाती हे. वहां पर निशा पहले से उसका wait कर रही थी.गार्डन मे पहुंचते ही वह निशा को ढूंढ रही थी. निशा उसे आवाज देती हे. सुहाना उसे देखती हे और उसके पास जाती हे. और दोनों गार्डन मे एक जगे पर जा कर बैठ जाते हे.
निशा : चलो अब बताओ क्या बात हे.
सुहाना : वोह कल रात को मेरे साथ फिर से वो हुआ.
निशा : तो क्या हुआ वो तो तुम्हे पहले से ही हो रहा हे ना?
सुहाना : हा लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही हो रहा हे. इसी लिए माँ और मै थोड़ी परेशान हूँ.
ऐसी कोनसी बात हे जो सुहाना और उसकी माँ को परेशान कर रही हे इस कहानी मे अब कोनसा मोड़ आएगा जानने के लिए बने रहे मेरे साथ Matrubharti पर.