Naadan Dil - 2 in Hindi Women Focused by Navjot Kaur books and stories PDF | नादान दिल - भाग 2

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नादान दिल - भाग 2

गातांक से आगे...
सरगम बडे आराम से आदित्य की घडी़ मे अटका अपना पल्लू निकालती है और आजाद़ कर देती है उसे...

आदित्य एक क्षण भी वहा नही रूकता और लम्बे लम्बे कदम भरता हुआ घर से बाहर निकल जाता है और गाडी मे बैठ कर एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है !

सरगम भाग कर छत पर जाती है और तब तक गाडी को जाते हुए देखती है जब तक वो उसकी आँखो से ओझल ना हो गई हो..! ना चाहते हुए भी उसकी आँखे छलक ही जाती है !

आदित्य भी एयरपोर्ट की तरफ बढ़ रहा था , पर आँखो के सामने सरगम की आसू भरी आँखे घूम रही थी ! जो उसको बैचेन कर रही थी ! क्या करे ? क्या ना करेे उसे समझ ही नही आ रहा था..!

कुछ ही देर मे वो एयरपोर्ट पहुंच जाता है , उसकी फ्लाईट टेक आफ करती है और वो विदेश चला जाता है !

सरगम ठंड मे काफी टाईम ऊपर छत पर ही बैठी रहती है ! रो रो कर उसकी आँखे भी खाली हो गई थी ! कुछ देर बाद वो थके कदमो से वापस अपने कमरे मे आती है वो कमरा जो थो कुछ समय पहले उसे अपना सा लग रहा था पर अब , आदित्य के बिना काटने को दौड रहा था !

भले ही आदित्य उससे बात नही करता था पर उसके सामने तो था ! कम से कम सोफे पर सोता हुआ तो नज़र आता था ! कभी ना कभी वो चोरी से उसे देख ही लेती थी !

कैसे बताती वो आदित्य को जब शादी के अगले दिन सुबह जब वो जागी थी तो आदित्य को सोफे पर सोता हुआ देखा था उसने , पहली बार देखा और वही मंत्र मुग्ध हो गई थी वो ! किसी राजकुमार से कम नही लग रहा था आदित्य सोते हुए ...वो तो उसे देखते ही अपना दिल दे बैठी थी !
और अब वही कमरा उसे अच्छा नही लग रहा था ! वो अँदर कमरे मे जाती है और एक कोने मे बैठ जाती है और टेबल पर रखी आदित्य की तस्वीर को देखने लगती है !

खैर....देखते ही देखते चार महीने गुजर जाते है ! सरगम की आँखे इंतजार करते करते थक जाती है कि आज भी आदित्य वापस आएगा ! आज भी वापस आएगा...
फोन तो वो ना के बराबर ही करता था ! करता भी था तो बस उमा देवी से बात करता ! उमा देवी कहती की ले बहू से बात करले तो आने बहाने से वो फोन कट कर देता ! कभी कभार उमा देवी जबरदस्ती सरगम के कान पर फोन लगा भी देती तो सरगम की आवाज़ सुनने से पहले ही वो फोन कट कर देता ! जैसे वो भाग रहा हो खुद से भी और सरगम से भी...

उमा सरगम से पूछती की क्या हुआ फोन क्यू रख दिया तो सरगम मुस्कुराते हुए बोल देती कि - वो कह रहे है अभी बिजी है , बाद मे बात करेंगे..!

पर उमा देवी भी उम्र के हिसाब से बहुत समझदार थी ! वो सब समझ रही थी ! अब तो उन्हे लगने लगा था कि उन्होने सरगम की जिदंगी खराब कर दी ! सरगम थी जो दिन रात मुस्कुराते हुए उनकी सेवा करती रहती , कभी कोई शिकायत नही करती पर उसका खिला खिला चेहरा अब पीला पड़ गया था , मुस्कान के पीछे जो उदासी थी वो अब नज़र आने लगी थी ! उसकी खाली आँखे उमा से सवाल करती थी जिसका उसके पास भी कोई जवाब नही था..!

पर सरगम के साथ उन्होने गलत किया इस बात को उन्होने इस कदर अपने दिल से लगा लिया की वो अब बीमार बीमार सी रहने लगी..! यहां तक की एक बार तो उन्होने रो रो कर सरगम से माफी भी मांगी..!!

सरगम को इतना प्यार तो अपने घर पर भी नही मिला था जितना , उमा देवी से मिला ! वो उसे समझाती हुई बोलती है कि दादी आप खुद को दोषी मत मानिए , इसमे आपकी कोई गलती नही है ! और मुझे आपसे कोेई शिकायत नही है !

सरगम की बातो से भले ही उमा देवी शांत हो गई पर वो खुद को माफ नही कर पाई ! ये गम उनको अँदर ही अँदर खाने लगा और धीरे धीरे उन्होने बिस्तर पकड़ लिया..! उन्होने भी आदित्य से बात करना बहुत कम कर दिया , वो फोन भी करता तो वो भी बहाने से कट कर देती या कह देती की मैं बिजी हू , पर अपनी बीमारी के बारे मे नही बताया था उन्होने उसे..!

आदित्य उनके इस बर्ताव पर हैरान था कि दादी को हुआ क्या है..?? इस बीच एक और बात हुई और वो ये थी कि पहले तो उमा जबरदस्ती आदित्य की बात सरगम से करवा देती और नही तो अपनी बातो मे सरगम का जिक्र छेड़ देती ! आज सरगम ने ये बनाया , आज हम वहा गए , सरगम ऐसी है , सरगम वैसी है ! जिससे ना चाहते हुए भी आदित्य सरगम के साथ जुडने लगा..! अब तो उसे भी आदत हो गई थी सरगम के बारे मे सुनने की..!

पर कुछ दिनो से उमा ने बिल्कुल ही सरगम का जिक्र करना छोड़ दिया ! ऐसे जैसे वो घर मे हो ही नही..! अब आदित्य भी परेशान की हुआ तो क्या हुआ..? दादी सरगम की बात क्यू नही कर रही है..? अब पूछे तो कैसे पूछे...? कुछ अधुरा सा लगता था उसको ..

फिर एक दिन जब उससे रहा नही जाता तो वो बात करते हुए बहाने से पूछता है - घर मे बाकि सब कैसे है दादी..??

उमा उसी वक्त समझ जाती है कि येे सरगम के बारे मे पूछ रहा है और वो ये भी समझ जाती है कि इसे कैसे लाईन पर लाना है ! वो उसकी बात का जवाब़ नही देती और फोन कट कर देती है !

आदित्य हैरान परेशान सा रह जाता है ! भले ही वो सरगम से दूर चला आया हो ! पर कभी ना कभी आने बहाने से सरगम की आसू भरी आँखे उसे याद आ ही जाती थी ! जो उससे सैकंडो सवाल करती थी ! एक लगाव महसूस होने लगा था उसे सरगम से जिसे वो समझ नही पा रहा था !

एक रात सब दोस्त पार्टी कर रहे थे ! मोलिना भी वही थी ! और सबने ड्रिंक भी की हुई थी ! आदित्य ने सबको बोल दिया की वो नही पीता , पर किसी दोस्त ने कोल्ड ड्रिंक मे मिलाकर उसे पिला दी थी ! पहली बार पीने की वजह़ से उसे काफी नशा चढ़ गया था !

उधर मोलिना ने भी हद से ज्यादा पी हुई थी !

वो लोग एक गेम खेलते है कि जो जिसे पंसद करता है उसे अपने दिल की बात बोलेगा..!

बारी बारी से सब अपने अपने दिल की बात बोलते है !

जब मोलिना की बारी आती है तो वो बोलती है - मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं सबसे ज्यादा किसे पसंद करती हू..??

उसकी फ्रैंड - सिपंल , अपनी आँखे बंद कर और जिसका चेहरा सबसे पहले नज़र आए तो बस वही है !
मोलिना - रियली..?? ओके आई विल ट्राई ,ये कहते हुए वो अपनी आँखे बंद करती है और अगले ही पल अपनी आँखे खोलते हुए - आदित्य.....
ये सुनकर आदित्य हैरान रह जाता है ! मोलिना एक एक कदम उसके पास जाती हुई - आई डोंट नो ..ये कब हुआ , बट आई रियली लाईक यू ...

सब लोग हूटिंग करने लगते है ! कमोन आदित्य...

वही आदित्य तो उसकी बात पर सुन हो जाता है ! उसे तो समझ ही नही आता की वो कैसे रियेक्ट करे..!!

मोलिना - हे आदि...,व्हाट हैपन..? क्या तुम भी मुझे पंसद करते हो..??

किसी टाईम पर आदित्य से सुनने के लिए बैचेन रहता था पर आज उसे ये सब सुनकर भी अच्छा नही लग रहा था ! अगले ही पल वो अपनी आँखे बंद करता है तो सरगम का चेहरा उसकी आँखो मे घूम जाता है...!

सरगम....,, वो एक दम से बोलता है !सरगम का नाम लेते ही उसका दिल तेजी से धड़क उठता है ! आज उसे अटरैक्शन और प्यार मे फर्क समझ आ गया था ! उसे समझ आ गया था कि प्यार तो वो है जो सरगम कर रही है !बिना गलती के सजा़ भुगत रही है ! बिना उम्मीद के इँतजार कर रही है..!

सरगम...?? मोलिना एक दम से बोलती है ! सरगम कौन..?.

सरगम , माई ब्यूटीफूल वाईफ...उसके मूंह से खुद ब खुद निकलता है !

ओह , तो तुम मैरिड हो..?. ओह माई बैड लक ! ये कहती हुई वो वापस अपनी जगह पर चली जाती है ! मतलब अगर वो आदित्य को पंसद करती थी तो उसे आदित्य को खोने का जरा तो दुख होना चाहिए पर उसके चेहरे पर तो एक शिकन तक नही आई थी !

उसे देखकर आदित्य समझ जाता है कि उसे भी कोई प्यार व्यार नही है बस अटरैक्शन है ! पर उसकी आज सारी गलतफहमी दूर हो गई थी !

सरगम का बिना किसी शिकायत सब सह जाना , उसकी दादी का इतना ख्याल रखना , कहीं ना कहीँ उसके दिल पर असर कर गया..! उस टाईम उसका दिल किया की वो इसी पल इँडिया चला जाए और सरगम से अपने किए की माफी मांगे...!!
बिना देर किए वो अगली सुबह ही इँडिया के लिए रवाना हो गया..! अपने आने के बारे मे उसने किसी को नही बताया..!

आदित्य जब इंडिया आ रहा था ! इस बीच उमा की तबीयत काफी खराब हो गई थी पर सरगम ने उनकी सेवा मे दिन रात एक कर दिया..! पर उमा देवी को ठीक करके ही दम लिया..!

रात का वक्त , उमा अपने कमरे मे थी और सरगम उनके पास बैठी उन्हे सूप पिला रही थी !

बस बेटा , अब तू भी आराम कर ! देख कितनी थकी थकी सी लग रही है ! अब जाकर सो जा ! मेरी चिंता मत कर , मैं बिल्कुल ठीक हू..! वो जबरदस्ती उसे उसके कमरे मे भेज देती है !

सरगम कमरे मे जाती है ! सच मे उसे बहुत थकान हो रही थी ! खैर ...वो नहाकर आती है और फिर सीधा बिस्तर पर बैठ जाती है ! गुलाबी कलर का सूट , बाल खुले हुए और उनमे चमकता सिदूंर...बस इस सादगी मे भी वो बहुत प्यारी लग रही थी ! आज अँदर ही अंदर उसे एक खुशी सी महसूस हो रही थी ! जिसे वो समझ नही पा रही थी ! आदित्य की याद भी आज उसे बहुत सता रही थी !
वो टेबल पर रखी उसकी तस्वीर उठाती है और - कब वापस आओगे तुम..? कम से कम मेरी गलती तो बताओ..! तुमसे प्यार ना हुआ होता तो कभी बात नही करती तुमसे , इसी चीज का फायदा उठाते हो ना तुम...?? ये कहती हुई वो उस तस्वीर को अपने सीने से लगा लेती है और पीछे दीवार से अपना सर टिकाकर अपनी आँखे बंद कर लेती है ! कुछ ही देर मे उसे नींद आ जाती है !

रात गहरा जाती है और देर रात को आदित्य घर आता है !

नौकर जल्दी से दरवाजा खोलता है ! अरे साहब जी , आप बिना बताए ...वो बहुत ज्यादा खुश होते हुए बोलता है !
आदित्य एकदम से उसे चुप करवाते हुए - शशश..शश..सबको उठाना नही है !

नौकर उसका सामान अँदर रखते हुए - आपके लिए खाना लाऊ साहब जी..??

आदित्य को तो बस सरगम के पास जाने की जल्दी थी ! भूख होते हुए भी वो खाने के लिए मना कर देता है !

नही बस पानी दे दो !
नौकर भाग कर उसके लिए पानी लेकर आते हुए - अच्छा हुआ आप वापस आ गए साहब जी , आपको पता है , दादी जी तबीयत बहुत खराब हो गई थी ..!

ये सुनकर आदित्य चौंक जाता है ! क्या..? कब..? और मुझे क्यू नही बताया किसी ने..??

ये तो मुझे नही पता साहब जी पर बहू रानी ने उनकी बहुत सेवा की , दिन रात एक कर दिया उनकी सेवा मे , पर दादी मा को ठीक करके ही दम लिया उन्होने..!! नौकर एक एक करके उसे सारी बात बताता है ! जिसे सुनकर आदित्य के दिल मे सरगम के प्रति मान सम्मान और भी बढ़ गया था...!

अब तो उससे बिल्कुल रूका नही जाता वो जल्दी से अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता है....

आपको ये कहानी कैसी लगी कमैंट मे जरूर बताए
जारी है....