एपिसोड 29 ( ममा मिल जाएँगी .... )
अबीर कनिका को जाते हुए वहां से देख रहा था | की उसे रिया का किया गया वो मेसेज याद आया | अब अबीर के पास ज्यादा टाइम नहीं था | उसे कैसे भी करके किका को उसकी ज़िन्दगी की वो सचाई बतानी होगी | जिसे मानने में कनिका को बहुत मुश्किल होगी |
आगले दिन .. रिया ऑफिस में थी | पर उसे न जाने क्यूँ आ बहुत डर सा लग रहा था | उसके मन में बार मार कुछ पुराने ख्याल आ रहे थे | जिन ख्यालों से वा पीछे 10 सालों से दूर भागना चाहती थी | पर आज तक वो सच .. वो ख्याल रिया को पिच्चा नहीं छोड़ रहे थे |
आज की रात पुरे चाँद की रात थी | पुरे चाँद की रात नाग नागिनो के लिए ... जितनी ख़ुशी की रात होती है | उतनी ही खतरनाक भी होती है | पुरे चाँद से नाग नागिनों को जितना प्यार होता है | उतनी ही नफरत भी होती है | ओर रिया को तो पुरे चाँद से वैसे नि खुन्दस थी | 10 साल पहले का वो हादसा रिया के साथ इसी रात हुआ था |
ओर रिया खुद को ब्च्चाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाई थी | क्यूंकि इस रात उनकी शक्तियाँ कम हो जाती हैं |
पर सिर्फ रिया ही नहीं थी | जिसे ऐसा कुछ फील हो रहा था | कनिका को भी आज बहुत बैचनी ओ रही थी | कनिका अभी कायरा के साथ घर के गार्डन में थी | की तभी उसे किसी का फ़ोन आता है |
कनिका का अभी किसी से बही बात काफ्रने का मन नहीं था | पर मस्ती मस्ती में कायरा ने कनिका का कॉल उठा लिया | जिसकी वजह से कनिका को फ़ोन पर बात करनी ही पड़ी |
कनिका को एक कंपनी ने कॉल आया था | उसे एक पोस्टर तैयार करने के लिया कहा जा रह था | उस पोस्टर में कनिका को एक नाग नागिन की जोड़ी की तस्वीर बनानी थी | जो अपना इंतकाम लेने के लिए धरती पर आये थे |
यूँ इच्छाधारी नाग नागिन की बात सुन ... कनिका का मन किया की उसे इसके पीछे की साड़ी कहानी पता करनी है | जैसे जैसे कनिका नागिन के इंतकाम की स्टोरी पढ़ रही थी .. वैसे वैसे कनिका अपने अंदर कुछ अजीब सा फील कर रही थ |
पर ये एहसास बहुत अपना सा था | इतना अपना की .. कनिका कब उस एहसास में खुद को खो बैठी .. उसे पता ही नहीं चला | कनिका का ध्यान उस कहानी से हटा . जब कायरा ने उसे आवाज़ लगाई |
कायरा :: “ममा .. मुझे भूख लगी है |”
कनिका :: “ठीक है .. चलो आज मैं तुम्हारा मन पसंद खाना बनाती हूँ |
आगले दिन ...
कनिका शेहर के दूर एक गावं में गई | कनिका को पता चला था ... की उस गावं में इच्छाधारी नाग नागिनों को आज भोई पूजा जाता है | ओर गावं के लोगों से जब कनिका ने नाग नागिनों के बारे में बात करनी चाही ... तो लोगों ने कनिका को ऐसी लुक्स दिए ... मनो वो उससे पूछ रहे हो ...
“की तुम्हे क्या करना है ... अगर होते भी है तो ..”
वहां की कहानियों को सुन ... अब कनिका का मन रा ज्यादा कर रहा था .... की वो नाग नागिनों के बारे में जाने | पर उसे नहीं पता था ... की उसकी ये पूछताछ उसे किसी खतरे की ओर लेकर जा रही है | लंच टाइम में जब कनिका कायरा से फ़ोन पर बात कर ही रही थी ... तब उसे एहसास हुआ ... की शायद उसे कोई देख रहा है |
ओर ये कोई आम देखना नहीं था | कायरा कनिका से फ़ोन पर बोली |
कायरा :: “ममा आप कब तक आ रहे हो ....”
कनिका :: “शाम तक आ जयुंगी .. मैं कायरा ... आप पापा को ज्यादा तंग मत करना ...”
कायरा आगे कुछ बोल पति ... उससे पहले ही कनिका का फ़ोन कट गया | कायरा का मन अब रोने को हो रहा था | शाम हो चुकी थी | पर कनिका का कुछ भी अत पता नहीं था |
शाम को जब अबीर ओर कायर्व .. दोनों घर आए ... तो कायर्व ने पाया की उसे उसकी माँ कहीं भी नहीं दिख रही थी | तो उसने कायरा से पुछा |
कायर्व :: “कायरा ... ममा कहाँ हैं ?”
अब कायरा खुद को ओर ज्यादा रोने से रोक नहीं पाई ..
कायरा रोते हुए कायर्व ओर अबीर से बोली |
कायरा :: “ममा ... ममा सुबह गईं थी .... अभी तक नहीं आइन ...”
अबीर :: “क्या मतलब बेटा ... की अभी तक नहीं आइन ...”
अबीर कायरा को यूँ रोते हुए नहीं देख सकता था | उसने कायरा को अपनी गोद में लिया | ओर उसका सर सहलाते हुए प्यार से उससे पुछा | तो कायरा ओर ज्यादा जोर से रोते हुए बोली |
कायरा :: “दिन में मेरी उनसे बात हुई थी | पर उनका फ़ोन अचानक से क्त गया | उसके बाद मैंने उन्हें न जाने कितने ही फ़ोन किये | पर वो फ़ोन उठा ही नहीं रहीं है ...”
ये कह कायरा ओर रोने लगी | कायर्व को अब कुछ गड़बड़ होने का एहसास हो रहा था | तो उसने प्यार से खुद को शांत दिखाते हुए कायरा से पुछा |
कायर्व :: “अच्छा कायरा ... क्या तुम्हे पता है .. की ममा कहाँ गईं हैं ?”
कायरा :: “नहीं ... ममा ने कहा था वो शाम तक आ जाएँगी ....”
अबीर के दिल में डर अब बैठा ही जा रहा था | अबीर अभी कुछ सोच ही रहा था की कायरा बोली |
कायरा : “हाँ मुझे याद आया .... ममा ने कहा था ... की वो पेंटिंग करने जा रहीं हैं .... ( सोचते हुए ) किन्ही .... ना ... नाग नागिनों की ....”
कायरा के मुह से ये बात सुन .... अबीर का दिल जोर जोर से धड़कने लगा | उसे जिस बात कर डर था ... वो हकीकत बनते नजर आ रही थी |
कोई तो था ... जो कनिका को उसकी सचाई बताने वाला था | या ... उसे
अबीर उसके आगे कुछ सोचना भी नहीं चाहता था | उसने देखा की कायर्व भी वाही सोच रहा है ... जो वो सोच रहा है | फिर अबीर कायरा से बोला |
अबीर :: “बच्चा ... आप चिंता मत करो ... आपकी ममा को कुछ भी नहीं होगा |”
कायर्व :: “हाँ कायरा ... ममा थोड़ी देर में आ जाएँगी ....”
फिर अबीर ने कायरा को लेजाकर उसे सुलाना चाहा ... पर कायरा कनिका के बिना सोने को तैयार ही नहीं थी | तो अबीर को अपनी शक्तियों का प्र्यूग करना पड़ा |
क्यूंकि अभी उन सब के लिए कनिका का सेफ होना .. जरूरी था | अबीर ने रिया को कायरा का ख्याल रखने के लिए कहा ... ओर वीर , कायर्व , ओर अबीर ... तीनो कनिका को ढूँढने के लिए निकल गये |