ऑनलाइन ऑफर
मौजी मामा पढ़े लिखे हैं।दुनिया के राग रंग से परिचित हैं।आजकल ऑनलाइन होने वाली ठगी के समाचारों को अखबारों में पढ़कर चौकन्ने भी रहते हैं।जब कुछ साल पहले इस तरह की ठगी की शुरुआत हुई थी,तो उनका शागिर्द सवाली ऐसे ही एक ठगी के पीड़ित व्यक्ति को लेकर उनके पास आया था।उस व्यक्ति ने मामा के सामने ठग और अपनी फोन वार्ता का सीन रीक्रिएट किया:-
- आपके नाम से एक लकी ड्रा निकला है और आपके खाते में ₹100000 पहुंचाने हैं।
- अरे वाह; आप कहां से बोल रहे हैं?
- पिछले दिनों आपने फला कंपनी का सामान खरीदा था ना?
- हां खरीदा था
- उसी में एक ईनामी योजना थी।लकी ड्रा निकलने वाला था।आपको भले याद न हो।
- हां,याद आया।मैंने सामान तो खरीदा था।
- बिल्कुल सही,यह उसी लकी ड्रा में निकली आपकी पुरस्कार राशि है।
- अच्छा अब समझा।
- तो इसके लिए हमें आपका अकाउंट नंबर चाहिए।
- वह तो मैं दे दूंगा।नोट करिए।300…..
- फिर थोड़ी ही देर में आपके फोन नंबर पर एक ओटीपी नंबर आएगा जिसे आपको हमें बताना होगा।
मौजी मामा आगे की कहानी समझ गए।उन्होंने कहा अब यही तो कमी है आप लोगों की। मुफ़्त में किसी भी चीज का जिक्र सुनकर दौड़ पड़ते हैं।
मामा उस व्यक्ति के साथ थाने भी गए लेकिन डुप्लीकेट सिम से किए गए उस कॉल को ट्रेस नहीं किया जा सका और अंततः तकनीकी कारणों से उस व्यक्ति के खाते से कटा हुआ पैसा वापस नहीं लाया जा सका।
इस घटना के बाद से मौजी मामा इतने चौकन्ने हो गए हैं कि अब वास्तविक फोन कॉल आने पर भी कोई विवरण साझा करने से बचते हैं।
पिछले दिनों उनके फोन नंबर पर एक कॉल आया।
- क्या आप मौजी राम जी बोल रहे हैं?
- जी हां! बोल रहा हूं।
- तो आपका घर स्ट्रीट नंबर 5 में है ना?
यह सुनकर मामा के कान खड़े हो गए।
- कौन हैं आप?इस तरह मेरे घर का पता क्यों पूछ रहे हैं?
- अरे मैं फलां कुरियर कंपनी से बोल रहा हूं।आपने ही तो एक सामान मंगवाया है ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए।
- मैंने कोई सामान नहीं मंगवाया है और मैं तुम्हारी खबर लेता हूं…..
इससे पहले कि मामा आगे कुछ और बोल जाते,किचन से बाहर आते हुए मामी ने कहा- किसका फोन था जी? एक कुरियर कंपनी से पैकेट आने वाला है।जरा फोन आए तो एड्रेस बता दीजिएगा….
मामा अभी तक फोन लाइन पर थे और उस कंपनी वाले ने भी मौजी मामा और मामी की चर्चा को सुन लिया।इस ओर ध्यान जाने पर मामा जी ने तत्काल कोरियर वाले से कहा- अच्छा-अच्छा कोरियर यहीं का है, आप ठीक पते पर हैं, आ जाइए।
इस घटना के दो दिनों के बाद एक और घटना हो गई।मामा जी टीवी पर विश्व कप फुटबॉल का मैच देखने में तल्लीन थे कि मोबाइल की घंटी बजी।उधर से एक मोहतरमा की मधुर आवाज़ थी।
"जी जरा गैस कार्ड का कस्टमर नंबर बताइए तो…."
मामा ने पूछा -आप कौन हैं और कहां से बोल रही हैं?
इसके बाद की कहानी का बखान करने में मामाजी सक्षम नहीं हैं, क्योंकि फोन मामी का था और मार्केट गई हुईं मामी अचानक वहीं पास के गैस एजेंसी में चली गई थीं और मामा को फोन लगा रही थीं।किसी कारणवश फोन कॉल में नाम डिस्प्ले नहीं होने के कारण मामा उन्हीं की आवाज नहीं पहचान पाए।
डॉ.योगेंद्र कुमार पांडेय