और जब राजन ऑफिस पर चला गया तब सुनीता ने कल्पना को अपने पास बुलाया।
"कल्पना मैं तुम्हे अपनी बहन बनाना चाहती हूँ।"
"आप भी क्या दीदी,"कल्पना,सुनीता की बात सुनकर बोली,"मैं आपकी बहन ही तो हूँ।""
"मैं चाहती हूँ तुम हमेशा के लिए मेरी जिंदगी में आ जाओ।
",मैं समझी नही?"
"तुम राजन से शादी कर लो।"
"क्या?"सुनीता की बात सुनकर कल्पना आश्चर्य से चोंकते हुए बोली,"आप राजन की पत्नी है
"हां"
"एक पत्नी अपने पति की शादी की बात कर रही है"
"इसमें बुराई क्या है।"
"मै अगर राजन से शादी कर लुंगी तो आपका क्या होगा?"
"मैं तो चाहती थी राजन को तलाक दे दु ताकि वह तुम से शादी कर सके।लेकिन राजन उसके लिए तैयार नही है।वह मेरे से तलाक लेने के लिए तैयार नही है।"
"मतलब आप मुझे सौतन बनाना चाहती है?
"नही,"सुनीता बोली,"अपनी छोटी बहन।"
"दुनिया की नजर मे तो मैं सौतन ही कह्लूंगी,"कल्पना बोली,"कोई भी औरत अपने प्यार को बांटना नही चाहती।औरत यह बर्दास्त नही कर पाती की उसके रहते पति किसी दूसरी औरत से सम्बन्ध बनाये और आप?"
"कल्पना इसमें मेरा भी स्वार्थ है इसलिए मैं तुम्हे सौतन बनाना चाहती हूँ।'
"आपका स्वार्थ क्या है?"
"कल्पना में राजन को सन्तान पैदा करके नही दे सकती।"
"ओहो"कल्पना बोली,"तो आप सन्तान के लिए मुझे सौतन बनाना चाहती है।आप चाहती है में संतान पैदा करके दू।"
"कल्पना तुम्हारे पेट मे राजन का अंश है,"सुनीता बोली,"और तुम इसे गिराना नही चाहती।कुंवारी मा बनने के लिए तैयार हो।"
"कोई भी औरत अपने प्यार को मिटाना नही चाहती।मैं भी नही।मुझे मालूम नही था।राजन विवाहित है वरना मैं ऐसी गलती न करती।'
"कल्पना हमारा समाज कुंवारी मा को पसन्द नही करता।मैं नही चाहती तुम कुंवारी मा बनो।मैं अपने पति के लिए एक और पत्नी चाहती हूँ।तुम्हे मैं सौतन नही अपनी बहन की तरह रखूंगी।'
"क्या मैं जान सकती हूँ मुझे सौतन बनाने की वजह?"
"क्यो नही।जरूर,"सुनीता ने अपने अतीत के बारे में कल्पना को बताकर कहा,"मैने राजन को दूसरी शादी के लिए तैयार कर लिया है।मैं अब तुम्हारे मुह से तुम्हारा फैसला सुनना चाहती हूँ।"
"दीदी मेरी समझ मे नही आ रहा।मैं आपको क्या जवाब दू।"."कल्पना तुम राजन को प्यार करती हो।राजन तुम्हारा पहला प्यार है।हर औरत पहले प्यार को अपना बनाना चाहती हैं।मैं भी यही चाहती हूँ।अगर तुम मेरी सौतन बनना नही चाहती तो मैं राजन को तलाक दे दूंगी।"
"नही दीदी।मैं आपकी मांग उजाड़कर अपनी मांग भरना नही चाहती।"
"तो हम सिंदूर आधा आधा बांट लेंगे।"
और कल्पना से बात करने के बाद सुनीता ने राजन के सामने उससे बात की।राजन बोला,"कल्पना अगर तुम सुनीता के साथ रहने के लिए तैयार हो तो मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ।"
"मैं सोच लेती हूँ,"राजन की बात सुनकर कल्पना बोली।
कल्पना जानती थी सौतन वाली बात पर मा कभी तैयार नही होगी।
"माँ मै शादी कर रही हूँ।"
"किस्से?"
"राजन।"
"राजन से,"माँ बोली,"राजन विवाहित है।फिर उससे क्यो?"
"माँ मैं राजन के बच्चे की माँ बनने वाली हूँ।"
"क्या?"माँ बेटी की बात सुनकर चोंक कर बोली,"यह क्या कह रही है तू?"
"सच कह रही हूँ।
"राजन को यह बात मालूम है।"
"राजन को भी और अब तो सुनीता को भी मालूम हो गयी है।"
"तो क्या सुनीता इस शादी के लिए तैयार है।"
"सुनीता ने ही मुझ से कहा है।"
मा नही चाहती थी उसकी बेटी सौतन बने लेकिन वह क्या करती