ashram web series review in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | आश्रम वेब सिरीज़ रिव्यू

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आश्रम वेब सिरीज़ रिव्यू

वेब सिरीज़ के 3 सीज़न आ चुके हैं और बहुत ही एडिक्टिव मतलब एक नशे की लत लग जाए ऐसी सिरीज़ है। क्योंकि इसमें इतनी हद तक एक आश्रम की बुराई दिखाई गई है जितनी शायद ही किसी अन्य सिरीज़ या फिल्म में दिखाई गई हो। धर्म के नाम पर पाखंड आपने सुना होगा पर इतना प्रबल और प्रचंड पाखंड न कभी सुना और न कभी देखा। 3 सीज़न, ,28 एपिसोड और करीब 1200 मिनिट मतलब 20 घंटे का कंटेंट और अब तक इसमें अंत नहीं आया।

आश्रम की आड़ में पूरे देश में अलग अलग धर्म गुरु या फिर पाखंडी कैसे उनके भक्तों और चेलों के साथ बड़े घिनौने गुनाह करते हैं उसका बहुत ही करीब से चित्रण यहां दिखाया गया है। बड़ी जमीनों पर अवैधानिक तरीके से कब्ज़ा करना, प्रसाद की आड़ में नशीले पदार्थों का धंधा, लड़कियों की दलाली, फिरौती, राजनीति और हत्याएं। ऐसा कोई गुनाह नहीं होगा जो इस आश्रम में नहीं होता। इन सभी के बीच धर्म गुरु की प्रतिष्ठा और पावर दोनों इस सिरीज़ में बढ़ते चले जा रहे हैं।

पहली सीज़न में कैसे एक धर्म गुरु पिछड़ी जाती वालों के लिए मसीहा बने, फिर उस जाती के नव जवान उनके भक्त बने और आश्रम में आए और फिर कैसे एक लडकी भक्त बनकर बाबाजी की चंगुल में फसी और उनकी हवस का शिकार बनी, यह सब दिखाया गया है। साथ ही उसका भाई भी उसी आश्रम में एक साजिश का हिस्सा बना, एक वैश्या से उसकी शादी करवाई गई और फिर उसे नपुंसक बना के आखिर में विरोध करने पर मार दिया गया। लडकी आश्रम से भाग निकली।

दूसरी सीज़न में एक काबिल पुलिस वाला और कांस्टेबल एक ड्रग एडिक के बेस में आश्रम में डी एडिक्शन सेंटर में भरती हुए, छान बीन करके सबूत इक्ठे किए और आश्रम से भाग निकले पर उन सबूतों को वे जहां ले जाते, बाबा जी के भक्त उन्हें सबूत पेश नहीं करने देते। बाबाजी राजनीति करके प्रदेश के मुख्य मंत्री को आपने हाथ में रखते हैं और उनकी ताकत और बढ़ती है। लडकी अब भी बाबाजी को मारने की निष्फल कोशिशें करती है। कुछ और खून खराबा होता है और बाबाजी बड़े आनंद से रहते हैं। इस बीच अब बाबा को भगवान बनाने की मार्केटिंग होती है।

तीसरा सीजन बहुत दिलचस्प नहीं पर फिर भी एडिक्शन आपको दिखाएगा। लडकी की बाबा को पकड़वाने की कोशिशें और बाबा का फिर बचके निकलना। बाबा को एक नए मुख्य मंत्री का मिलना। अब लड़की का ही उसके मां बाप और भाई के खून के इल्जाम में पकड़ा जाना, ईमानदार पुलिस की नाकामयाबी और बाबा की बढ़ती ताकत और घमंड।

सिरीज़ में गाने भी बढ़िया हैं। बाबा तु ही काशी काबा, तूने ही बनाई सारी दुनिया..जैसे गाने आपको अपने बाबा के और नजदीक ले जा सकते हैं। आश्रम एक बड़े गांव या शहर जितना बड़ा। उसमें बाबा का शयन कक्ष, बाबा का बड़ा सत्संग हॉल, हॉस्पिटल, केंटीन, डी एडिक्शन सेंटर, हॉस्टल वगैरह सब कुछ है। इस लिए आपको आश्रम देखने की प्रबल इच्छा होगी।

सभी एपिसिड आप एम एक्स प्लेयर पर देखें और इस एडिकटिव सिरीज़ में रोमांच और सन सनी के मज़े लें। बाबाजी के पात्र में बॉबी देओल का यह जीवन का सबसे बड़ा जैकपॉट है। उन्होंने सपने में शायद नहीं सोचा होगा की इस सिरीज़ को इतनी बढ़ी संख्या में दर्शक देखेंगे और उनकी अदाकारी को इतना सराहा जाएगा। प्रकाश झा एक बहुत ही मंझे हुए निर्देशक हैं जिन्होंने गंगाजल और अपहरण जैसी थ्रिलर फिल्में डायरेक्ट की हैं। उनके जीवन का भी यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है।

बॉबी के अलावा आदिति पोहनकर मतलब पम्मी का बड़ा अच्छा किरदार है। शेखर सुमन के बेटे अध्यायन सुमन ने अच्छी मेहनत की है। चंदन रॉय सानियाल मतलब भोपा एक बखूबी निभाया गया किरदार है जिसने बाबा के दाएं हाथ जैसा काम किया है। त्रिधा चौधरी मतलब बबिता इस सिरीज़ की दूसरी हिरोइन है जिसकी अदा पर दर्शक फिदा हो गए। दर्शन कुमार मतलब इंस्पेक्टर उजागर ने भी अपने किरदार पर अच्छी मेहनत की है। दर्शन ने पहले मैरीकॉम के पति का रोल, बागी 2 में दिशा पटानी के पति का रोल, कश्मीर फाइल में कृष्णा का रोल किया है।

बाबाओं की सत्य घटनाएं शायद इस फिल्म में दिखाई हैं उनसे भी घिनौनी हैं। इस समाज में हमने किसी न किसी को भगवान बना के असलियत से बड़ा बना दिया है । इस भाव भक्ति का दुरुपयोग करके अनेक बाबा गैर कानूनी कार्य करते हैं और सालों तक भक्ति की आड़ में पकड़े भी नहीं जाते। तो इन गुनहगारों की जड़े हमने ही बनाई हैं और हमें ही इन्हें काटना है। समजदारी और तर्क पर विश्वास करें तो चमत्कार करने वालों की पोल खुल सकती है। तो यही निवेदन है की बस चौकन्ने रहें और अपने परिवार और देश से अधिक किसी अन्य व्यक्ति को कानून और समाज व्यवस्था से बढ़ा न बनाएं।

वेब सिरीज़ एम एक्स प्लेयर पर है, समझदार और सावधान बनने के लिए भी अवश्य देखें।
–महेंद्र शर्मा १७.०३.२०२३