A New Way - 5 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | एक नया रास्ता - 5

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एक नया रास्ता - 5

पत्नी की अतीत की आपबीती सुनकर राजन सत्र रह गया।उसने सोचा भी नही था।जिसे वह निर्मल गंगा की तरह पवित्र समझ रहा था।वो गंगा मैली भी हो सकती है।उसकी पत्नी का अतीत भी है और अतीत दागदार है।यह तो उसने सोचा भी नही था।ऐसी पत्नी के साथ--ना ना उसे ऐसी पत्नी को तलाक दे देना चाहिये।
"क्या सोच रहे हो?"पति को सोच में डूबे देखकर सुनीता बोली थी।
"कुछ नही'
"मैं जानती हूँ।तुम झूठ बोल रहे हो।
"तुम्हें कैसे पता?"
"राजन मैने तुम्हे बताने में देर करदी।पर क्या करूं।माँ ने मुझे ऐसा न करने के लिये कहा था।'
"न बताती।"
"मैं अंदर ही अंदर घुट रही थी।इतने अच्छे पति को दोखा।"
"मैने भी तो वो ही किया है।पत्नी के होते दूसरी औरत से सम्पर्क।"
"राजन मेरी गलती है कि मैने इतने वर्षों तक यह बात छिपाकर रखी।मुझे ऐसा नही करना चाहिए था,"सुनीता पति से माफी मांगते हुए बोली,"तुम मुझे चाहो तो तलाक दे सकते हो।"
"
"सुनीता अगर तुम पहले इस बात को बता देती तो शायद मेरे दिल मे तुम्हारे लिए और इज्जत बढ़ जाती,"राजन बोला,"अब पुरानी बात को भूल जाने में ही भलाई है।,
"राजन पाप मैने किया था।पर मेरे पापा की सजा तुम्हे मिल रही है,"सुनीता पति की बात सुनकर बोली,"मेरे पापा की सजा तुम क्यो भुगतो"।
"हम पति पत्नी है।पति पत्नी का मतलब है आधा आधा।हमारे भाग्य एक दूसरे से जुड़े है।हमे एके दूसरे के कर्मो की सजा भुगतनी ही होगी।"
"नही राजन।मैं अपने पाप का दंड स्वयं भुगतना चाहती हूँ,"सुनीता बोली,"मैं अपने पाप का प्रायश्चित करना चाहती हूँ।"
"प्रयाश्चित करना चाहती हो,"राजन बोला,"पर कैसे?"
"मैं चाहती हूँ तुम अपने बच्चे के पिता बनो।"
"तुम जानती हो यह सम्भव नही है।""
"पहले मुझे भी सम्भव नही लग रहा था पर अब सम्भव है।"
"कैसे?"राजन ने पत्नी से पूछा था।
",तुम दूसरी शादी कर लो।"
"यह तुम क्या कह रही हो।"
""मैं सही जह रही हूँ,"सुनीता बोली,",मैं चाहती हूँ तुम दूसरी शादी कर लो।"
"नही।यह नही हो सकता।मैं तुम्हारे प्यार को बांटने वाली नही ले सकता।""
"राजन।औरत मा बनकर ही सम्पूर्ण कहलाती है।मैं मा नही बन सकती इसलिए अधूरी ही रहूंगी।मेरे अधूरे रहने से तुम पिता नही बन सकते।तुम दूसरी शादी कर लक। एक पत्नी और ले आओ।मेरी कमी को वह पूरा कर देगी।'"
"नही सुनीता।"
"राजन तुम मुझे प्यार करते हो।'
"क्या तुम नही जानती।"
"जानती हूँ,"सुनीता बोली,"तुम्हे उसी प्यार की कसम तुम दूसरी शादी कर लो।"
राजन,सुनीता की बात मानने के लिए तैयार नही था।लेकिन सुनीता ने अपने तर्को सेउसे। परास्त कर दिया तब वह बोला,"कौन औरत ऐसी मिलेगी जो सौतन बनने के लिए तैयार हो जाएगी?"
"कल्पना,"पति की बात सुनकर सुनीता बोली।'",
"यह तुम क्या कह रही हो,"राजन बोला,"वह मुझसे क्यो शादी करेगी?"
"क्योकि वह गर्भवती है।तुम्हारा बच्चा उसके गर्भ में है"
"यह तुम्हे जैसे मालूम?"पत्नी की बात सुनकर राजन चोंककर बोला था।
'"राजन ने बाथरूम में थी तब तुम दोनों की बात मैने सुन ली थी।"पत्नी की बात सुन कर राजन समझ गया क्यो उसने वर्षो बाद अपने अतीत का चेप्टर खोला था।क्यो उसने शादी पूर्व के प्रेम प्रसंग की बात बताई थी।पत्नी की बात सुनकर राजन बोला,"क्या वह सौतन बनने के लिए तैयार हो जाएगी।"
"जब वह कुंवारी मा बनने के लिए तैयार है,तो सौतन क्यो नही बनेगी,"सुनीता पति से बोली,"इस काम को मेरे ऊपर छोड़ दो "