vardaan ya shraap in Hindi Horror Stories by Vijay Sanga books and stories PDF | वरदान या श्राप

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वरदान या श्राप

वरदान या श्राप

वो केहते हैना जहाँ अच्छाई होती हैं वहाँ बुराई भी होती है । ये कहानी एक ऐसी ही घटना पर आधारित है । ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसे अचानक से बोहोत कुछ मिल गया । धन दौलत का खजाना ऐशो आराम सबकुछ ।

लोग हैरान् थे की कल तक जिसके पास कुछ नही था उसके पास अचानक इतनी धन दौलत कहाँ से आई होगी , ये कोई गलत काम करता होगा तभी अचानक इसके पास इतनी धन दौलत आ गयी ।
तो चलिये जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई क्या है !
कहानी सुनील नाम के व्यक्ती की है , जो बोहोत ही गरीब था । रोज इधर उधर का काम करने के बदले उसे मिलता था उसी में वो अपना गुजारा कर लेता था । बोहोत ही सीधा साधा होने के कारण कोई भी उस्से अपना काम करवा लेता था ,

वो भी उनका काम कर देता था और बदले में कोई उसको खाना दे देता तो कोई अपना काम करवाकर कुछ दिये बिना भगा देता । वो कुछ बोलता भी नही था चुपचाप उनका काम कर देता था । उसके पास रहने के लिये जो घर था वो भी कुछ खास नही था ।

टूटा फूटा सा घर जिसमे ज्यादा कुछ नही था , बस एक बिछाने के लिये बिस्तर और एक फटा पुराना सा कंबल था और पानी के लिये एक मटका और एक गिलास और कुछ भी नही था , उसे ज्यादा कुछ की ख्वाहिष् भी नही थी , वो जैसा था वैसे ही खुश था ,

कोई उसको कुछ बोलता तो वह उसे मुस्कुराकर जवाब देता । एक दिन उसे एक व्यक्ति ने अपनी गायें चराने को कहा उसको शाम तक गायें चराना था और फिर घर लेकर आ जाना था सुनील ने कहा ठीक है , और वो गायों को लेकर चराने निकल पड़ा ।

शाम को जब वो गायें चराकर वापस लाया तो उस व्यक्ति ने सुनील को खाने के लिये खाना दिया और कहा तुम ऐसे ही हर दिन मेरी गायों को चराने लेकर जाया करोगे तो मैं तुम्हे हर दिन खाने को खाना दूंगा । सुनील ने कहा ठीक है मैं हर दिन आपकी गायें चराने आ जाऊँगा ,

ऐसे ही सुनील हर सुबह गायों को लेकर चराने निकल जाता और शाम तक गाय चराकर घर ले आता और कहे अनुसार गायों का मालिक , सुनील को खाने को खाना देता। ऐसे कुछ कुछ दीन बीत गये ।
एक दीन जब सुनील गायों को लेकर चराने गया तो गायों को घास चरने के लिये छोड़कर तालाब के किनारे बैठ गया और तालाब की ओर देखकर कुछ सोचने लगा । बैठे बैठे उसको नींद आने लगी अचानक से कुछ आहट हुई जिस्से सुनील की नींद खुल गयी ,

सुनील ने जब देखा तो एक बकरी का मेमना तालाब में डूब रहा था , उसने फटाक् से तालाब मे छलांग लगाई और उस मेमने को बचाकर बाहार ले आया। जैसे ही वो तालाब के बाहार आया उसने देखा वो मेमना एक दानव मे बदल गया ,

सुनील ये देखकर घबरा गया और भागने लगा , तभी उस दानव ने उस्सै कहा , रुको मुझसे मत डरो मैं तुम्हे कोई नुकसान नहीं पोहोचाऊँगा , सुनील रुक गया और घबराते हुए पूछा तूम कौन हो और मुझसे क्या चाहते हो , मेरे पास कुछ भी नही है तुम्हे देने के लिये ,

तो दानव ने कहा मुझे तुमसे कुछ नही चाहिये , बल्कि मैं तुम्हारी अच्छाई देखकर बोहोत खुश हुआ और तुम्हें कुछ देना चाहता हूँ । फिर दानव ने कुछ फुसफुसया और एक छड़ी प्रकट हुई ।

दानव ने वो छड़ी सुनील को दी और कहा जब भी तुम सच्चे मन से इस छड़ी से कुछ माँगोगे वो चीज तुम्हे मिल जायेगी , परन्तु कभी भी अपने मन में लालच मत आने देना , नही तो इसका दुष्प्रभाव तुमपर पड़ेगा और तुम्हारे साथ कुछ बुरा होगा ,

इसलिये इस बात का खास ध्यान रखना, और इतना केहकर वो दानव गायब हो गया ।

सुनील ने सोचा क्या सचमे मै जो चाहूंगा वो मुझे मिलेगा ! और तभी उसने छड़ी को हाँथ में लिया और दिल से कुछ माँगा तुरंत ही उसके आँखों के सामने कई तरह के व्यंजन आ गये , सुनील तो खुशी के मारे फुला नही समा रहा था ।

जब सुनील गाय चराकर घर वापस आया तो उसने गायों के मालिक को कहा , मालिक मैं कल से गाय चराने नही आऊंगा , मुझे कुछ और काम मिल गया है । गाय मालिक ने कहा ठीक है कोई बात नही।
सुनील अपने घर पोहोचकर सोचने लगा की मुझे क्या - क्या मांगना चाहिये !

फिर सुनील ने चाहा की उसके पास एक अच्छा सा घर हो , तभी अचानक देखते ही देखते उसका टूटा फूटा घर एक सुंदर से घर में बदल गया । फिर सुनील ने बोहोत सी चीजें चाही और वो सभी चीजें घर में आ गयी ।

अचानक सुनील नये - नये कपडे़ पेहेन ने लगा और गाँव में घूमने लगा, लोग उसे देखकर हैरान हो गये
की अचानक से सुनील जो फटे पुराने कपडे़ पेहेन्ता था वो अचानक से नये नये कपड़े कैसे पेहेनने लगा ।
अचानक से सुनील के पास गाड़ी आ गयी और पैसे भी आ गये ।

कुछ ही दिनों में सुनील गाँव का सबसे धनवान व्यक्ती बन गया । लोगों में बातें चलने लगी की पक्का ये कुछ गलत काम करने में लगा है या इसे कुबेर का खजाना मिल गया है !

कुछ समय तक सब ठीक ठाक चला फिर अचानक से सुनील की तबीयत खराब रहने लगी , गाँव वाले उसे देखने और उसका हाल जानने के लिये उसके घर आयें , उसको पूछा सुनील तुम ठीक तो होना , तुम्हे क्या हुआ है ,

उसने डॉक्टरों को दिखाया पर कोई डॉक्टर नही बता पाएं की उसे हुआ क्या है ।

एक दिन अचानक सुनील को दानव की कही बात याद आई , दानव ने उसे कहा था की अपने मन में लालच मत आने देना , पर सुनील अपनी इच्छाओ पर काबू नही रख पाया और उसके मन में धीरे धीरे लालच बढ़ने लगा ,

उसी का नतीजा था की आज सुनील इस हालत में है, कुछ दिन ऐसे ही बीत गये और एक दिन नींद में ही सुनील गुजर गया , उसके गुजरते ही सबकुछ गायब हो गया ।

इसलिये कभी मन में लालच नही आना चाहिये ।
अपनी इच्छाओ को काबू में रखना चाहिये , क्योंकि एक बार मन में लालच जागने लगा तो उसका कोई अंत नही ।