Queen- Kamini Kusum in Hindi Book Reviews by राजीव तनेजा books and stories PDF | क्वीन- कामिनी कुसुम

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क्वीन- कामिनी कुसुम


बात ज़्यादा पुरानी नहीं बस उस वक्त की है जब हिंदी फिल्मों की पटकथा लेखक के रूप में स्वर्गीय कादर खान की तूती बोला करती थी। लेखन के साथ साथ वे अभिनय के क्षेत्र में इस कदर व्यस्त थे कि चाह कर भी लेखन के लिए पर्याप्त समय या तवज्जो नहीं दे पा रहे थे। कहा जाता है कि ऐसे में इस दिक्कत से निजात पाने के लिए उन्होंने अपने अंडर कई अन्य लेखकों को काम दिया जो उन्हीं की शैली और स्टाइल में..उन्हीं के निर्देशानुसार कहानियों के परिस्थितिनुसार संवाद लिखते थे। जिनका बाद में कादर खान के नाम के साथ फिल्मों में इस्तेमाल किया गया।

ऐसा नहीं है कि इस तरह की घोस्ट राइटिंग या प्रेत लेखन सिर्फ़ हिंदी फिल्मों के लिए ही किया गया। पहले भी अनेकों बार ऐसा कभी किसी लेखक के लिखे को संवारने अथवा सुधारने के लिए..तो कभी बड़े नेताओं के भाषण अथवा आत्मकथा को लिखने के लिए किया गया। आमतौर पर मशहूर हस्तियां, बड़े अधिकारी या राजनीतिज्ञ अपनी आत्मकथाओं, संस्मरणों अथवा लेखों इत्यादि का मसौदा तैयार करने या उन्हें सुधारने करने के लिए घोस्ट राइटर्स को नियुक्त करते हैं।

मगर असल दुविधा या परेशानी तब होती जब अपने अन्तःकरण से पूर्णतः सही होते हुए हम जो लिख या कर अथवा जी रहे होते हैं, उसे ज़माने की नज़रों से मात्र इसलिए छुपाना पड़ता है कि..लोग क्या कहेंगे?

"कुछ तो लोग कहेंगे..लोगों का काम है कहना"

दोस्तों..आज घोस्ट राइटिंग से जुड़ी बातें इसलिए कि आज यहाँ मैं इसी विषय से जुड़े एक ऐसे उपन्यास का जिक्र करने जा रहा हूँ जिसे 'क्वीन' के नाम से लिखा है अँग्रेज़ी की प्रसिद्ध लेखिका 'कामिनी कुसुम' ने। 5 अँग्रेज़ी किताबों के बाद ये उनका पहला हिंदी उपन्यास है।

इस उपन्यास में कहानी है उस लेखिका नव्या की जिसे उसके दो उपन्यास आ चुकने के बावजूद प्रकाशक एवं संपादक के आग्रह/दबाव पर इरोटिक यानि कि कामुकता से भरा उपन्यास लिखने के लिए कहा जाता है। शुरुआती झिझक एवं हिचकिचाहट के बाद वो इसे एक चुनौती के रूप में 'क्वीन' के छद्म नाम से सफलतापूर्वक लेखन शुरू कर तो देती है मगर..

इस उपन्यास में एक तरफ़ कहानी है उस नव्या की जो पति के साथ अपने वैवाहिक संबंधों को ले कर इस उम्मीद में जी रही है कि उसके प्रति उदासीन हो चुका पति एक न एक दिन वापिस लौट कर उसके पास ज़रूर आएगा। दूसरी तरफ़ इसमें कहानी है एक ऐसे पति विवान की, जिसने परिवार के दबाव में आ, ना चाहते हुए भी नव्या से शादी कर ली कि उसकी प्रेमिका रायना हमेशा के लिए उसे छोड़ विदेश जा बसी है। अब चूंकि विदेश से मोहभंग होने के बाद रायना हमेशा हमेशा के लिए वापिस लौट आयी है। तो ऐसे में अब विवान भी अपनी बीवी- बच्चे को भूल रायना में ही अपनी पूरी ज़िन्दगी..पूरी दुनिया देख रहा है।

मुख्य पात्रों के अतिरिक्त इस उपन्यास में सहायक किरदारों के रूप में एक तरफ़ मालती देवी के रूप में एक ऐसी सास है जिनके लिए घर की इज़्ज़त से बढ़ कर कुछ भी नहीं। तो वहीं दूसरी तरफ़ आग लगाने के लिए मानवी के रूप में नव्या की एक अदद ननद भी है। साथ ही मूक प्रेमी के रूप में आदित्य का चरित्र भी है जो कभी खुल कर नव्या से अपने मन की बात नहीं कह पाया।

दिलचस्प मोड़ों से गुजरते इस सफ़र में अब देखना यह है कि..

■ नव्या और विवान के रिश्ते का क्या होगा?

■ क्या विवान, रायना के साथ अपनी मनचाही डगर..मनचाहे सफ़र पर जा पाएगा?

■ क्या मानवी सब कुछ जान कर भी अनजान बनी रहेगी अथवा अपने भाई या फ़िर नव्या का साथ देगी?

■ क्या कभी आदित्य, नव्या के समक्ष अपने मन के भावों को अभिव्यक्त कर पाएगा अथवा अस्वीकार्यता को ही अपनी किस्मत मान..चुप बैठ जाएगा?

■ क्या कभी छद्म रूप से लिखने के बजाय नव्या अपने भीतर.. सच को स्वीकार करने की हिम्मत..शक्ति एवं जज़्बा ला पाएगी? या फ़िर जीवनपर्यंत मात्र एक छद्म लेखिका ही बन कर रह जाएगी?

कहने तो धाराप्रवाह लेखन से सुसज्जित इस उपन्यास में एक सामान्य सी कहानी है मगर इरोटिक लेखन के तड़के ने इसे और ज़्यादा मज़ेदार और पठनीय बना दिया है। इस किताब से नए लेखकों को यह सीखने में मदद मिलेगी कि कैसे सीमा में रह कर बिना वल्गर हुए भी कामुक लेखन किया जा सकता है।

कुछ एक जगहों पर वर्तनी की त्रुटियों के अतिरिक्त प्रूफरीडिंग के स्तर पर भी कुछ कमियां दिखाई दी जैसे कि 'स्टूल' शब्द के लिए बार बार 'टूल' लिखा नज़र आया। उम्मीद की जानी चाहिए कि लेखिका की कलम अभी हिंदी में और जादू बिखेरेती नज़र आएगी।

यूँ तो यह मनोरंजक उपन्यास मुझे किसी मित्र ने उपहार स्वरूप भेजा मगर अपने पाठकों की जानकारी के लिए मैं बताना चाहूँगा कि इसके 122 पृष्ठीय पेपरबैक संस्करण को छापा है Red Grab Books ने और इसका मूल्य रखा गया है 200/- रुपए जो कि कम पृष्ठ संख्या देखते हुए मुझे थोड़ा ज़्यादा लगा। आने वाले उज्ज्वल भविष्य के लिए लेखिका एवं प्रकाशक को बहुत बहुत बधाई।