Ishq hai sirf tumse - 9 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | ईश्क है सिर्फ तुम से - 9

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ईश्क है सिर्फ तुम से - 9

सुलतान मीटिंग को खत्म करते हुए मिस्टर मिस्त्री और मिस खान के साथ हाथ मिलाते हुए डील को फाइनल करता है । तभी मिस्टर मिस्त्री कहते है ।

मिस्त्री: आई मस्ट से! मिस्टर मल्लिक जितना आपके बारे

में सुना था आप उससे भी ज्यादा काबिल निकले! ।
सुलतान मुस्कुराकर! सिर को हां में हिलाता है । जब मिस खान और मिस्टर मिस्त्री जाने वाले होते है तब सुलतान कहता है।

सुलतान: अम... मिस खान... कुछ कागजात बाकी है! जिस पर आपने साइन नहीं किए! तो आपको थोड़ी देर रुकना पड़ेगा ।
मिस खान: ( सुलतान की ओर मुड़ते हुए ) नहीं तो! मैने सारे डॉक्यूमेंट चेक करने के बाद साइन किए थे ।
सुलतान: ( मुस्कुराते हुए ) मिस आयशा खान जब मैं कह रह हूं! की बाकी है तो क्या मैं मजाक कर रहा हूं! तो प्लीज! ।
आयशा: ( गुस्से में सुलतान की ओर देखते हुए ) फाइन! लाओ डॉक्यूमेंट मैं यहीं साइन कर देती हूं! ।
सुलतान: ( मुस्कुराते हुए ) सॉरी! पर यहां पर ( घड़ी में देखते हुए ) मीटिंग स्टार्ट होगी कुछ ही मिनिट में!।
राजीव: लेकिन सर! ।
सुलतान: ( गुस्से और वार्निंग वाली नजरो से राजीव की ओर देखता है। ) तो मेरे ऑफिस की ओर चले! ।
आयशा: ( गुस्से में आंख बंद करते हुए! खुद को शांत करने की कोशिश कर रही थी। ) ।
सुलतान: चलो अब ऐसे आंख बंद करके गुस्सा शांत होता तो पूरी दुनिया ऐसा ही करती।
आयशा: ( आंखे खोलते हुए! सुलतान की ओर तीखी नजरो से देखे जा रही थी । )
सुलतान: ( मुस्कुराहट के साथ दरवाजा खोलते हुए ) तो चले! मिस खान... ।
आयशा: ( गुस्से में सुलतान की ओर देखते हुए मीटिंग रूम से बाहर चली जाती है। ) ।
सुलतान: ( आयशा के पीछे चलते हुए ) तो मिस खान कैसा हाल चाल! ।
आयशा: तुम से मतलब!? ।
सुलतान: ( हंसते हुए ) अच्छा! और क्या चल रहा है!? सुना है आप काफी बड़ी बिजनेस वूमेन बन गई है! । काफी नामो शोहरत है! आपकी इस बिजनेस वर्ल्ड में ।
आयशा: ( सुलतान की ओर घूरते हुए ) नन ऑफ योर बिजनेस! । जिस काम के लिए जा रहे है! वह है डोक्यूमेट पर साइन करना! । ना की मेरी जिंदगी की तरक्की और मसलों के बारे डिस्कस करना! गेट इट! आइंदा यह बिजनेस और पर्सनल रिलेशन की लाइन क्रोस मत करना! बीकोज मुझे बिल्कुल राज नहीं है की कोई पर्सनल होने की कोशिश करे! जब मैं उन्हे जानती नही ।

आयशा का व्यवहार देखकर राजीव को डर लग रहा था क्योंकि आज तक सुलतान से इस तरह किसी ने बात नही की । पता नही सुलतान क्या करेगा! क्योंकि आयशा के शब्द सुलतान को गुस्सा दिलाने वाले ही थे । जैसे ही वह आयशा को रोकने की लिए लफ्ज़ मुंह से बोलने ही वाला था की सुलतान हाथ हिलाते मना कर देता है । राजीव को समझ नहीं आता की सुलतान को कैसे पता चला कि वह कुछ बोलने वाला है । क्योंकि सुलतान और आयशा आगे चल रहे है और सुलतान ने पीछे मुड़कर देखा भी नहीं ।

सुलतान: ( मुस्कुराकर ) कमोन मिस खान इतना गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नहीं है! ।
आयशा: मिस्टर सुलतान मल्लिक देखिए! मुझे प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ मिक्स करना बिल्कुल भी पसंद नहीं है तो आप प्लीज ये लाइन क्रोस मत करिए। और हम काम के सिलसिले में बात करे तो ही बेहतर रहेगा।
सुलतान: जैसी आपकी मर्जी मिस खान! ( हाथ से ऑफिस में आने का इशारा करते हुए दरवाज़ा खोलता है।) ।
आयशा: ( चुपचाप ऑफिस में दाखिल हो जाती हैं । ) ।
सुलतान: ( राजीव की ओर देखते हुए ) दो कॉफी एक ब्लैक और दूसरी कोल्ड इन टू मिनिट्स ! ( इतना कहते हुए वह अपने ऑफिस में चला जाता है । ) ।

राजीव वहां खड़े खड़े देख रहा था । उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है क्योंकी ना तो उसने सुलतान को कभी प्लीज कहते सुना है और सॉरी बोलना तो इस जन्म की बात ही नही है। और इतना गुस्सा कोई सुलतान को दिखाए हो ही नही सकता । जरूर ये कोई सपना ही है क्योंकि हकीकत में तो ऐसा होने से रहा । तभी सुलतान की आवाज आती है। ओनली वन मिनिट लेफ्ट राजीव वोट आर यू डूइंग! । वह हड़बड़ाते हुए दरवाजे की ओर देखता है तो सुलतान वह नही था। फिर जब छत की ओर देखता है । तो केमेरा में ध्यान जाता है । वह जल्दी से सॉरी सर बोलते हुए कॉफी लेने चला जाता है ।


(इस्लामाबाद) पाकिस्तान:
सुबह ९ बजे: कोमसेटस यूनिवर्सिटी

नाज और आमिना अभी कॉलेज में दाखिल ही हुए थे । वह दोनो लॉकर में से किताब निकालते हुए किसी बात पर बहस कर रहे थे । तभी क्लास की घंटी बजती है । जिस वजह से वह दोनो तेज रफ्तार में क्लास की ओर कदम बढ़ाती है । तभी नाज की नजर दूर खड़े कुछ लड़कों पर पड़ती है। जो की हंसी मजाक कर रहे थे । और ना ही उन लोगों को क्लास की जल्दी थी और ना ही कोई फिक्र । तभी नाज की नजर उस लड़के पर पड़ती है जो अभी दो दिन पहले उसे मिला था। मानो जैसे नाज को गुस्सा आ रहा था । और साहिर भी उसी की ओर देख रहा था । वह सिर को हां में हिलाते हुए! फिर नाज की ओर से नजर फेर लेता हैं और अपने दोस्त के साथ बात करने में मशगूल हो जाता है। नाज मुंह बिगाड़ ही रही थी तब आमिना पूछती है ।

आमिना: क्या बात है!? साहिर तुझे क्यों सिर हिलाकर इशारा कर रहा है!? हां!! हां!! बॉल... बॉल..! ।
नाज: ( तंज के साथ हंसते हुए ) मैने क्या पता! और तू एसे आवारा लोगो को जानती है!? चाची नू इनफॉर्म करना पड़ेगा की आमिना बिगड़ रही है।
आमिना: ( शोक के साथ ) आवारा! और वो!? जानती भी है कौन है वो!? ।
नाज: मैने जान के क्या आचार डालना है!? काफी मसले है! जो मैंने सुलझाने है ।
आमिना: नाज तुझे कोई गलतफहमी हुई है! वो...! ।
नाज: ( क्लास में जाते हुए ) बाय.! ब्रेक में मिलते है! अल्लाहहाफिज।
आमिना: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) अल्लाहहाफिज ।
कहते हुए अपने क्लास की ओर चली जाती है ।


यूनिवर्सिटी कैंपस!

साहिर अपने दोस्तों के साथ बैठा ही था की उसकी नजर नाज पर पड़ती है जो की वह भी उसकी ओर देख रही थी । जिस तरह के हावभाव उसकी शक्ल पर थे उस से साफ दिख रहा था की उसे फिर से कोई गलतफहमी हुई है। वह
मुस्कुराते हुए सिर को हिलाते हुए अपनी नजर फेर लेता है । और अपने दोस्तों के साथ बात करने लगता है। लेकिन यह बात उसके दोस्तो के नजर भी में आई थी ।

सलीम: क्या बात है! साहिर मिया! क्या चल रहा है! इशारों इशारों में!? ।
साहिर: ( अनजान बनते हुए ) क्या! किस बारे में बात कर रहे हो!? ।
सलीम: अब आप इतने तो मासूम है नहीं की आपको पता ही नहीं की किस बारे में गुफ्तगू हो रही है! । ( साहिर की गर्दन को बाजू में कसकर पकड़ते हुए ) बोलो जल्दी से अब ।
साहिर: ( खुद को छुड़वाते हुए लेकिन सलीम की पकड़ मजबूत थी। ) अच्छा ठीक ठीक है! बताता हूं! पहले मुझे अपनी पकड़ से छोड़ो ।
सलीम: ( मुस्कुराते हुए ) तो कब हुआ कैसे हुआ! मैं क्या मिठाई या बटवाऊ की फाइनली तुम्हे कोई तो पसंद आई।
साहिर: ( हंसते हुए ) ऐसा कुछ नहीं है! तो ये अपने हवाई घोड़े जमीन पर लेकर आ जाओ! ।
सलीम: तो फिर तुम उसे सिर हिलाकर इशारा क्यों कर रहे थे ।
साहिर: अरे! उस बीबी ने मुझे आवारा समझ लिया था और कुछ गलतफहमी हो गई थी। बस ।
सलीम: क्या यार! पूरा मजा खराब कर दिया । मुझे तो लगा की चलो कम से कम मैं अब मरने से पहले किसी को भाभी जान तो कह के बुलाऊंगा! । लेकिन नहीं तूने तो बाबा फकीर ही बनना है ।
साहिर: ( हंसते हुए ) चलो! अब हॉल में ( घड़ी दिखाते हुए) सर आ गए होगे! ।

इतना कहते ही साहिर अपने दोस्तों के साथ! चला जाता है ।

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