SUDESH - 6 in Hindi Love Stories by ANKIT YADAV books and stories PDF | SUDESH - 6

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SUDESH - 6

सुदेश - मनीष के Birthday वाले प्रसंग को देख अब अदिति बहुत ही असहज महसूस कर रही थी। उसका मन भी आजकल यौन इच्छाओं मे बंधा रहता था। उसका मन टप्पू के साथ यौन संबंध बनाने में बिल्कुल न करता था।, क्योंकि टप्पू से उसे पता नहीं किस बजे से लेकिन नफरत सी हो गई थी। उसे मनीष बड़ा अच्छा लगने लगा था। मनीष के व्यक्तित्व में वो बंधती जा रही थी। हालांकि उसके मन में कभी-कभी समीर से भी अपनी यौन इच्छा जाहिर करने की इच्छा हुई, लेकिन समीर को तो वो पहले पिटवा चुकी थी, तो अब अपनी बात कैसे कहें। इसी सबके बीच कक्षाओं के अंतिम ईम्तहान सर पर खड़े थे। Practical साथ-मिलकर होने थे। समीर व अदिति का एक ही दिन का practical fixed हुआ। समीर घने खौफ में था, कहीं अदिति फिर उसे कुछ न कहदे। इधर टप्पू का भी practical उसी दिन होना था,परंतु अलग floor पर।
'तुम्हारे पास रबड़ मिलेगी समीर, मैं अपना लाना भूल गई'
' हाँ है, ये लो'
' धन्यवाद'।
'अदिति, तुमने मुझसे रबड़ मांगा, इसलिए मैं यह कहने की चेष्टा कर पा रहा हूं, दरअसल अदिति तुमने जब मुझे पिटवाया, उसके बाद मुझे सच में प्रायशिचत हुआ। उस दिन मैंने ठान लिया मैं एक सभ्य आदमी बनूंगा अदिति, मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूं। Will you we my valentine?
अदिति सोच में पड़ गई थी। उसे आज समीर के प्रति गुस्सा नही दया की भावना आ रही थी। टप्पू से उसे कोई उम्मीद भी नही थी, सहसा वो बोली - ' देखो समीर , मुझे तुम्हारे प्रति कोई feelings नही, तुम सुधर गए, ये बड़ी अच्छी बात है, लेकिन मै तुम्हारी valentine नही हो सकती, वैसे मिस सुदेश के बारे मे तुम्हारा क्या ख्याल है, उनपर तो आजकल मनीष को चक्कर चल रहा है।'
' अरे नही, मिस सुदेश कहाँ, वो तो मेरे लायक कहाँ वो मेरे चरित्र के सामने कहा टिकेगी, उन्होने मनीष के साथ सब-कुछ कर लिया है। तुम भी तो ये जानती ही हो न। अदिति तुम भले मुझसे relationship न सही, कम से कम sex तो कर सकती हो, इसमे कुछ अनैतिक नहीं।
अदिति अवाक रह गयी। जो आदमी अभी तक प्रायशिचत की बात कर रहा था, वह अभी ऐसी बात कर रहा है। उसके भीतर डर का अहसास होने लगा था। उसे बहुत असहज महसूस हो रहा था।
उसका ये अहसास सही साबित भी हुआ। समीर ने फट उसका हाथ पकड़ लिया और उसे छूने ही वाला था कि टप्पू ने कसके उसे बैट मारा। लगते ही लहूलुहान हो वह वहीं गिर पड़ा। थोड़ी देर में Peon ने उसे संभाला। Peon एक 30 वर्षीय सुंदर महिला थी। Peon उसे संभाल ही रही थी कि उसने Peon के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। Peon ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन उसकी एक न चली। अदिति व टप्पू भी बाहर जा चुके थे। मिस सुदेश भी Practical Papers चेक कर रही थी। स्कूल में एक तरह से सन्नाटा फैला था। समीर ने Peon के साथ Rape किया। Peon बेचारी दर्द से कराह रही थी। Peon ने बहुत कोशिश की भागने की, भागी भी, लेकिन समीर ने उसे वही पीछे से टप्पू वाल बैट मारा। Peon वही गिर पड़ी। उसके पश्चात भी वह लगातार मारता रहा। Peon बेसुध हो गई। वहीं गिर पड़ी। खून अथाह बह रहा था। समीर को एक हत्या का बिल्कुल भी दुख न था। चुपचाप स्कूल से निकला और सीधा घर को चल दिया।
इधर स्कूल में जबरदस्त भगदड़ मच चुकी थी। पुलिस आ चुकी थी। Peon की मौत का गुनहगार कौन है यह कोई नहीं जानता था। पुलिस ने बहुत कोशिश की पर कुछ पता नहीं चल सका क्योंकि जिस वक्त समीर ने कृत्य किया, उस वक्त कोई वहां मौजूद था ही नही। इधर postmortem report में Rape बताया गया तो पुलिस और चौकन्नी हो गई। अंत में सब males का semen test करने का फैसला हुआ। सबको function के बहाने बुलाया और जबरदस्ती सबसे semen sample लिया। होना तो था ही, सच कहा छुपता है, समीर का semen Match हुआ। अदालत ने उसे Rape murder के जुर्म मे फासी की सजा तय की।
इधर मिस सुदेश सदमे में थी। उसे इतने बड़े कृत्य की कोई उम्मीद न थी । अदिति खुद को कोस रही थी क्यों वो स्कूल से जल्दी निकली। टप्पू भी ये उम्मीद समीर से न कर सकता था। मिस सुदेश ने Poen की बेटी को ₹50000 रुपए की मदद की। मनीष ने मिस सुदेश को संभाला। मिस सुदेश कई दिनों के बाद सामान्य हो पाई। इधर समीर का हाल बेहाल था। मौत का इंतजार उसे सताया जा रहा था ‌ उसे अभी तक कोई प्रायशिचत न था। उसके रसायन की असंख्य प्रवृत्ति उसे उसकी मौत तक ले गई थी।