Pyari Duniya - 20 in Hindi Love Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | प्यारी दुनिया... - 20 - पास्ट ....

Featured Books
Categories
Share

प्यारी दुनिया... - 20 - पास्ट ....

एपिसोड 20 ( पास्ट .... )
वहीँ दूसरी तरफ ... कनिका बहुत इमोशनल हो चुकी थी | अपने पापा को पुरे तीन साल बाद देख ... वो बहुत खुश भी थी | क्यूनी कनिका जानती थी ... की तीन साल पहले जो बहू हुआ था ... उसके बाद तो मिस्टर शर्मा कभी उसे अपनी बेटी कहकर नहीं पुकारेंगे | तीन साल पहले ...
कनिका की पलकें बहुत भारी थीं | पर फिर भी उसने बहुत कोशिश करके अपने पलकें खोलीं | उसके बदन में बहुत दर्द हो रहा था | अपने आसपास की अनजान जगह देख कनिका बहुत डर गई थी | वो जल्दी से उठकर बैठ गई | कमरे मे कनिका अकेली थी | उसे समझते देर न लगी ... कमरे की हालत देख ... की कल रात यहाँ क्या क्या हुआ होगा | पर कनिका को कुछ भी याद नहीं था | वो जितना याद करने की कोशिश कर रही थी ... उसे सिर्फ वो नीली आँखें नजर आ रही थीं | तभी अचानक उस कमरे का दरवाज़ा खुलता है ... ओर अपने पापा को देख ... कनिका रोने लगती है | कनिका को लगा की शायद उसके पापा उस के लिए आए हैं | पर ध्यान से देखने के बाद कनिका को पता चल गया की .. की उसके पापा कनिका के लिए नहीं आए हैं |
कनिका को बहुत खरी खोटी सुनाने के बाद ... मिस्टर शर्मा उस कमरे से चले जाते हैं | पर कनिका वहीँ रोटी .. बिलखती हुई सिर्फ यही कह रही थी ...
कनिका :: “पापा ... मैं निर्दोष हूँ ... मैंने कुछ नहीं किया ...”
मिस्टर शर्मा :: “ तो ये सब क्या है ?” ( गुस्से में चिलाते हुए )
कनिका :: “मुझे कुछ भी याद नहीं पापा ... मेरा भरोसा कीजिये ...” ( रोते हुए )
मिस्टर शर्मा :: “बहुत हो गया कनिका .... आज के बाद मेरा ओर तुम्हारा कोई रिश्ता नहीं है ... तुम मुझे अब अपनी शक्ल कभी मत दिखाना ...” ( चिलाते हुए ..)
मिस्टर शर्मा के उस कमरे से जाने के बाद ... कनिका की सौतेली बहन पलक वहां आती है | ओर हस्ते हुए कनिका से कहती है |
पलक :: “ ओ ... मेरी प्यारी बहन ... मज़ा आया कल रात ...?”
ओर कह कह पलक हसने लगी | पलक की आवाज़ सुन ... कनिका को पलक पर बहुत गुस्सा आ रहा था | फिर उसे याद आया .. की कल रात पलक ही थी .. जिसने कनिका को एक सॉफ्ट ड्रिंक पिने को दी थी | ओर जब उसे पिने के बाद ... कनिका को चक्कर आने लगे ... तो पलक कनिका को एक कमरे में ले गई | उसके बाद ... पलक को कुछ भी याद नहीं था |
उस दिन के बाद कनिका कभी अपने घर नहीं गई | वो फ्रांस में अपनी स्टडीज पूरी करने चली गई | कनिका की दादी ने जो कुछ भी कनिका के लिए छोड़ा था ... उस में से कुछ हिस्सा बेच ,... कनिका ने उन पैसों से अपनी पढ़ाई पूरी की ... ओर अपने दोनों बच्चो को संभाला | ओर आज कनिका फ्रांस में बहुत जानी मानी पेंटर है |
प्रेजेंट ....
कनिका को पता था की शायद उसे यहाँ नहीं आना चहिये थे | पर आखिर मिस्टर शर्मा कनिका के पिता थे | भला कैसे न आती वो | पर कनिका आगे कुछ अपने पापा से बोल पाती .... मिस्टर शर्मा के पीछे से एक तीखी ओर तंज कसने वाली आवाज़ आती है |
वो आवाज़ सुनते ही कनिका को पता चल गया की कौन हो सकता है | वो ओर कोई नहीं बल्कि मिसिस शर्मा ... कनिका की सौतेली माँ , अंजना शर्मा थीं | अंजना जी कनिका से बोली |
अंजना शर्मा :: “ तो आखिर आ गई तुम यहाँ ...” कनिका अंजना से कुछ भी बोलना नहीं चाहती थी | पर फिर भी उसने अपना सर झुकाया ओर ... अंजना को हेल्लो बोला | पर अंजना ने कनिका को एकदम इगनोरे कर दिया | पलक शायद अभी घर पर नहीं थी | क्यूंकि कनिका को पलक वहां दिखाई नही दे रही थी | पर अंजना को वहां देखने के बाद ... कनिका की ख़ुशी कहीं गायब ही हो गई थी | अंजना का वहां इस वक्त होना कनिका के लिए खतरे की घंटी थी | ओर ये बात अब कनिका भी जानती थी | उपर से अंजना के चेहरे वो अजीब सी मुस्कान देखने के बाद .. तो कनिका का मन कर रहा था की वो अभी यहाँ से चले जाए |